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Shimla News: एमसी कर्मियों के आवास मामले की सुनवाई टली, अब 5 को होगी
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सब्जी मंडी में आवास खाली करने से जुड़ा
है मामला
कर्मचारियों का तर्क, पहले दूसरे आवासों की करें व्यवस्था
सब्जी मंडी में 300 करोड़ से बनाया जाएगा मल्टी कांप्लेक्स
संवाद न्यूज एजेंसी
शिमला। नगर निगम के कर्मचारियों के आवास को लेकर हाईकोर्ट में चल रहे मामले की सुनवाई टल गई है। अब इस मामले पर अगली सुनवाई 5 जनवरी 2026 को होगी। म्युनिसिपल वर्कर फेडरेशन शिमला के चेयरमैन आशा राम ने यह जानकारी दी है।
शहर के सब्जी मंडी स्थित सूजी लाइन में कर्मचारियों के आवास तोड़कर यहां पर 300 करोड़ रुपये की लागत से मल्टी कांप्लेक्स का निर्माण कार्य किया जाना है। इस प्रस्तावित मल्टी कांप्लेक्स में नगर निगम के सभी दफ्तरों को एक ही छत के नीचे लाने की योजना सरकार की है। इस कांप्लेक्स में नगर निगम के दफ्तर, दुकानों और पार्किंग सुविधा का प्रावधान एक ही छत के नीचे किया जाना है। निगम का दावा है कि इस परियोजना से न सिर्फ प्रशासनिक कामकाज सुचारू होगा बल्कि निगम को भी इससे आय होगी। हालांकि दूसरी ओर सब्जी मंडी में रह रहे नगर निगम के 52 कर्मचारियों ने आवास खाली करने से पहले ही इनकार कर दिया है।
म्युनिसिपल वर्कर फेडरेशन शिमला के चेयरमैन आशा राम ने कहा कि जब तक उन्हें वैकल्पिक आवास की पुख्ता व्यवस्था नहीं कर दी जाती तब तक वह अपने मौजूदा आवास नहीं छोड़ेंगे। कर्मचारियों का कहना है कि पिछले तीन महीनों से केवल आश्वासन दिए जा रहे हैं। नगर निगम महापौर सुरेंद्र चौहान शहर में एआईआर, पीडब्ल्यूडी के खाली पड़े आवासों को लेकर बातचीत कर रहे हैं लेकिन कोई ठोस परिणाम नहीं निकल रहा है। ऐसे में अगर समाधान नहीं निकलता है तो परियोजना का कार्य शुरू होने में देरी होगी।
पशु पड़ाव भी नहीं हुआ है खाली
नगर निगम कर्मचारियों के लिए पशुपड़ाव में नगर निगम ने आधुनिक आवास बनाना है लेकिन दूसरी ओर यहां से पशुओं के दूसरी जगह शिफ्ट न होने से काम शुरू नहीं हो पाया है। नगर निगम ने दो जनवरी 2026 तक का समय दिया है। ऐसे में अगर यहां से पशु सुन्नी या फिर किसी अन्य जगह शिफ्ट होते हैं तो यहां पर काम शुरू हो सकता है। ऐसे में इस प्रोजेक्ट के शुरू होने के बाद इससे बनने में भी करीब एक साल से अधिक का समय लग जाएगा। यही कारण है कि कर्मचारी कह रहे हैं कि उन्हें दूसरी जगह वैकल्पिक रूप में आवास मुहैया करवाएं जिससे उन्हें परेशानी न हो और काम भी शुरू हो सकें।
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सब्जी मंडी में 300 करोड़ से बनाया जाएगा मल्टी कांप्लेक्स
संवाद न्यूज एजेंसी
शिमला। नगर निगम के कर्मचारियों के आवास को लेकर हाईकोर्ट में चल रहे मामले की सुनवाई टल गई है। अब इस मामले पर अगली सुनवाई 5 जनवरी 2026 को होगी। म्युनिसिपल वर्कर फेडरेशन शिमला के चेयरमैन आशा राम ने यह जानकारी दी है।
शहर के सब्जी मंडी स्थित सूजी लाइन में कर्मचारियों के आवास तोड़कर यहां पर 300 करोड़ रुपये की लागत से मल्टी कांप्लेक्स का निर्माण कार्य किया जाना है। इस प्रस्तावित मल्टी कांप्लेक्स में नगर निगम के सभी दफ्तरों को एक ही छत के नीचे लाने की योजना सरकार की है। इस कांप्लेक्स में नगर निगम के दफ्तर, दुकानों और पार्किंग सुविधा का प्रावधान एक ही छत के नीचे किया जाना है। निगम का दावा है कि इस परियोजना से न सिर्फ प्रशासनिक कामकाज सुचारू होगा बल्कि निगम को भी इससे आय होगी। हालांकि दूसरी ओर सब्जी मंडी में रह रहे नगर निगम के 52 कर्मचारियों ने आवास खाली करने से पहले ही इनकार कर दिया है।
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म्युनिसिपल वर्कर फेडरेशन शिमला के चेयरमैन आशा राम ने कहा कि जब तक उन्हें वैकल्पिक आवास की पुख्ता व्यवस्था नहीं कर दी जाती तब तक वह अपने मौजूदा आवास नहीं छोड़ेंगे। कर्मचारियों का कहना है कि पिछले तीन महीनों से केवल आश्वासन दिए जा रहे हैं। नगर निगम महापौर सुरेंद्र चौहान शहर में एआईआर, पीडब्ल्यूडी के खाली पड़े आवासों को लेकर बातचीत कर रहे हैं लेकिन कोई ठोस परिणाम नहीं निकल रहा है। ऐसे में अगर समाधान नहीं निकलता है तो परियोजना का कार्य शुरू होने में देरी होगी।
पशु पड़ाव भी नहीं हुआ है खाली
नगर निगम कर्मचारियों के लिए पशुपड़ाव में नगर निगम ने आधुनिक आवास बनाना है लेकिन दूसरी ओर यहां से पशुओं के दूसरी जगह शिफ्ट न होने से काम शुरू नहीं हो पाया है। नगर निगम ने दो जनवरी 2026 तक का समय दिया है। ऐसे में अगर यहां से पशु सुन्नी या फिर किसी अन्य जगह शिफ्ट होते हैं तो यहां पर काम शुरू हो सकता है। ऐसे में इस प्रोजेक्ट के शुरू होने के बाद इससे बनने में भी करीब एक साल से अधिक का समय लग जाएगा। यही कारण है कि कर्मचारी कह रहे हैं कि उन्हें दूसरी जगह वैकल्पिक रूप में आवास मुहैया करवाएं जिससे उन्हें परेशानी न हो और काम भी शुरू हो सकें।