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हिमाचल विस बजट सत्र: जनमंच बंद करने पर सदन में हंगामा, नारेबाजी करते वेल में पहुंचा विपक्ष
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, शिमला
Published by: अरविन्द ठाकुर
Updated Wed, 22 Mar 2023 10:14 PM IST
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सार
प्रदेश विधानसभा में जनमंच बंद करने पर पूछे गए सवाल में प्रश्नकाल और इसके बाद व्यवस्था के प्रश्न को उठाते हुए खूब हंगामा हुआ। प्रश्नकाल खत्म होने के बाद जब नेता प्रतिपक्ष ने इस मुद्दे को दोबारा उठाया तो इस पर फिर नोकझोंक शुरू हो गई।

मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू।
- फोटो : अमर उजाला

विस्तार
हिमाचल प्रदेश विधानसभा में जनमंच बंद करने पर पूछे गए सवाल में प्रश्नकाल और इसके बाद व्यवस्था के प्रश्न को उठाते हुए खूब हंगामा हुआ। प्रश्नकाल खत्म होने के बाद जब नेता प्रतिपक्ष ने इस मुद्दे को दोबारा उठाया तो इस पर फिर नोकझोंक शुरू हो गई। हंगामे के बीच विपक्ष नारेबाजी करते हुए वेल में पहुंच गया। यह हंगामा कांग्रेस विधायक संजय रतन की ओर से यादविंद्र गोमा द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब के बाद उस वक्त शुरू हुआ, जब ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि जनमंच को बंद किया गया है।
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ऐसे में सदन में विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया को सदन की कार्यवाही 15 मिनट यानी 12:30 बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी। बुधवार को कार्यवाही 11:00 बजे शुरू हुई और शाम 8:00 बजे तक चली। विधानसभा प्रश्नकाल के दौरान तीन प्रमुख मुद्दों पर गरम रही। सदन जल जीवन मिशन में पाइप बिछाने में गड़बड़ी, जनमंच को बंद करने और बागवानी परियोजना में अनियमितताओं के मुद्दों से गरमाया। वहीं, विश्व जल दिवस पर विधानसभा में नल में जल न होने के मुद्दे पर भी नोकझोंक हुई। सदन में हिमाचल प्रदेश में जलजीवन मिशन में पाइपों की खरीद के मामले में सत्ता पक्ष के निशाने पर पिछली जयराम सरकार रही।
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विपक्ष पर निशाना साधते हुए उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि भाजपा ने पानी के पाइपों को चुनावी हथियार बनाया है। उन्होंने कहा कि झंडे, कुर्सी, बाड़ और चारपाइयां बनाने में भी इन पाइपों का इस्तेमाल किया गया है। कांग्रेस विधायक केवल सिंह पठानिया ने इसमें जांच मांगी। इसके अलावा कांग्रेस विधायक कुलदीप सिंह राठौर ने 1,134 करोड़ के बागवानी प्रोजेक्ट में हेराफेरी का आरोप लगाया। उन्होंने अपनी सरकार से श्वेत पत्र मांगा और इसमें जांच की मांग की। उनके सवाल के जवाब में बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी बोले कि जरूरत पड़ी तो इसकी जांच करेंगे।
जयराम बोले-हर चीज बंद हो रही, सुक्खू बोले-नई योजना लाएंगे
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में हर चीज बंद की जा रही है। जनमंच पर हुए हंगामे के बीच उन्होंने कहा कि हर चीज को बंद किया जा रहा है। जनमंच में मंत्री और अधिकारी मौके पर ही समस्या का समाधान करते थे। इस पर मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि नई सरकार बन गई है तो जल्दी ही सरकार का नया मंच भी आने वाला है। यानी नई योजना को लाया जाएगा। इस योजना में अधिकारियों और कर्मचारियों का सम्मान होगा।
जनमंच था लंचमंच, कार्यकर्ताओं के भोजन पर खर्च किए ढाई करोड़ : नेगी
राजस्व एवं बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि जनमंच तो लंचमंच था। कार्यकर्ताओं के भोजन पर ही ढाई करोड़ रुपये खर्च कर दिए गए। एक छुटभैया नेता के कहने पर जनमंच में जनता की आवाज उठाने पर मुझ पर धारा 506 के तहत केस दर्ज हुआ था। प्रश्नकाल के दौरान जनमंच पर किए गए खर्च को लेकर कांग्रेस विधायक संजय रत्न के सवाल को यादवेंद्र गोमा ने पूछा। जवाब में ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि जून 2018 से मई 2022 तक प्रदेश में कुल 258 जनमंच कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस पर 534.38 लाख रुपये की राशि व्यय की गई।
जनमंच में कुल 45,726 शिकायतें प्राप्त हुईं। इनमें से 43,821 शिकायतों का निपटारा किया गया। 1905 शिकायतें लंबित हैं। जनमंच कार्यक्रमों के दौरान भोजन पर 2,70,96,589 रुपये और शामियाना लगाने पर 2,63,41,806 रुपये खर्च हुए। मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि जनमंच को अब बंद किया जा रहा है। प्रदेश सरकार नई योजना लेकर आएगी। इस पर नेता विपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि बंद का दौर कब बंद होगा। यह जनभावना से जुड़ा मामला है। दूरदराज के क्षेत्रों में जहां अफसर नहीं जाते, वहां की सुविधा के लिए जनमंच शुरू किया था।
उन्होंने मुख्यमंत्री से इस मामले पर दोबारा विचार करने का आग्रह किया। नेता विपक्ष ने कहा कि लोग शहरों तक समस्याओं को लेकर नहीं आ सकते। जनमंच कार्यक्रम का लाभ ही मिलेगा। उन्होंने मुख्यमंत्री से आह्वान करते हुए कहा कि एक बार जनमंच का आयोजन करके तो देखो फिर इसके परिणाम मिलेंगे। इसी बीच मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि नेता विपक्ष ने नियमों के तहत सवाल नहीं उठाया। फिर भी अध्यक्ष ने बोलने का समय दिया। कौन सी योजना चलानी है, कौन सी बंद करनी है। यह फैसला सरकार को लेना होता है।
इस दौरान भाजपा विधायकों ने सरकार के खिलाफ सदन में नारेबाजी शुरू कर दी। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि नई सरकार अपने कार्यक्रम लेकर आती है। भोजन और टेंट पर पांच करोड़ रुपये खर्च होने का मैं विरोध नहीं कर रहा हूं। हम ऐसी योजना लेकर आएंगे, जहां अफसरों और कर्मचारियों का सम्मान किया जाएगा। अफसरों को लताड़ने का काम हमारे मंच पर नहीं होगा। विपक्षी सदस्यों ने इसको लेकर जब सवाल पूछने चाहे तो विधानसभा अध्यक्ष ने अगली कार्यवाही शुरू कर दी। इसके विरोध में भाजपा विधायक नारेबाजी करते हुए वेल में पहुंच गए। शोर शराबा बढ़ने पर विधानसभा अध्यक्ष ने 15 मिनट के लिए 12:30 बजे तक सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी।
जनमंच में कुल 45,726 शिकायतें प्राप्त हुईं। इनमें से 43,821 शिकायतों का निपटारा किया गया। 1905 शिकायतें लंबित हैं। जनमंच कार्यक्रमों के दौरान भोजन पर 2,70,96,589 रुपये और शामियाना लगाने पर 2,63,41,806 रुपये खर्च हुए। मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि जनमंच को अब बंद किया जा रहा है। प्रदेश सरकार नई योजना लेकर आएगी। इस पर नेता विपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि बंद का दौर कब बंद होगा। यह जनभावना से जुड़ा मामला है। दूरदराज के क्षेत्रों में जहां अफसर नहीं जाते, वहां की सुविधा के लिए जनमंच शुरू किया था।
उन्होंने मुख्यमंत्री से इस मामले पर दोबारा विचार करने का आग्रह किया। नेता विपक्ष ने कहा कि लोग शहरों तक समस्याओं को लेकर नहीं आ सकते। जनमंच कार्यक्रम का लाभ ही मिलेगा। उन्होंने मुख्यमंत्री से आह्वान करते हुए कहा कि एक बार जनमंच का आयोजन करके तो देखो फिर इसके परिणाम मिलेंगे। इसी बीच मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि नेता विपक्ष ने नियमों के तहत सवाल नहीं उठाया। फिर भी अध्यक्ष ने बोलने का समय दिया। कौन सी योजना चलानी है, कौन सी बंद करनी है। यह फैसला सरकार को लेना होता है।
इस दौरान भाजपा विधायकों ने सरकार के खिलाफ सदन में नारेबाजी शुरू कर दी। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि नई सरकार अपने कार्यक्रम लेकर आती है। भोजन और टेंट पर पांच करोड़ रुपये खर्च होने का मैं विरोध नहीं कर रहा हूं। हम ऐसी योजना लेकर आएंगे, जहां अफसरों और कर्मचारियों का सम्मान किया जाएगा। अफसरों को लताड़ने का काम हमारे मंच पर नहीं होगा। विपक्षी सदस्यों ने इसको लेकर जब सवाल पूछने चाहे तो विधानसभा अध्यक्ष ने अगली कार्यवाही शुरू कर दी। इसके विरोध में भाजपा विधायक नारेबाजी करते हुए वेल में पहुंच गए। शोर शराबा बढ़ने पर विधानसभा अध्यक्ष ने 15 मिनट के लिए 12:30 बजे तक सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी।
पंजाब और हरियाणा पर सेस लगने से कोई असर नही पड़ेगा: सुखविंद्र
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि उनको मीडिया से ही पता चला है कि पंजाब और हरियाणा ने हिमाचल के वाटर सेस के विरोध में कोई प्रस्ताव लाया है। इस प्रस्ताव में क्या है, यह प्रस्ताव की प्रति प्राप्त होने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। इतना जरूर है कि वाटर सेस से पंजाब और हरियाणा पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है।
पंजाब की शानन परियोजना की पट्टा अवधि भी छह माह बाद खत्म हो रही है। इनके अलावा इन दोनों राज्यों की कोई भी बिजली परियोजना प्रदेश में नहीं है। सतलुज जल विद्युत परियोजना में हिमाचल की हिस्सेदारी 27 फीसदी है। सरकार ने नदियों और नहरों के पानी पर कोई सेस नहीं लगाया है। पंजाब और हरियाणा पर हिमाचल के वाटर सेस से कोई असर नहीं पड़ेगा। प्रदेश में कुल 127 बिजली परियोजनाओं पर सेस लगा है।
पंजाब की शानन परियोजना की पट्टा अवधि भी छह माह बाद खत्म हो रही है। इनके अलावा इन दोनों राज्यों की कोई भी बिजली परियोजना प्रदेश में नहीं है। सतलुज जल विद्युत परियोजना में हिमाचल की हिस्सेदारी 27 फीसदी है। सरकार ने नदियों और नहरों के पानी पर कोई सेस नहीं लगाया है। पंजाब और हरियाणा पर हिमाचल के वाटर सेस से कोई असर नहीं पड़ेगा। प्रदेश में कुल 127 बिजली परियोजनाओं पर सेस लगा है।