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Himachal: जनजातीय क्षेत्रों में सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने, बस और ट्रेवलर खरीद पर मिलेगी सब्सिडी, कर में भी छूट

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, शिमला। Published by: Krishan Singh Updated Fri, 12 Dec 2025 05:34 PM IST
सार

 मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार की ओर से अनुसूचित क्षेत्रों में परिवहन क्षेत्र के माध्यम से आजीविका के अवसर प्रदान करने के लिए बस और ट्रेवलर वाहनों की खरीद पर पात्र युवाओं को 40 प्रतिशत तक सब्सिडी तथा सड़क कर पर चार माह की छूट प्रदान की जाएगी। 

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Himachal: Subsidy for setting up solar power plants in tribal areas, purchasing buses and travellers, and tax
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू । - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने शुक्रवार को शिमला में हिमाचल प्रदेश जनजातीय सलाहकार परिषद की 50वीं बैठक की अध्यक्षता की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार की ओर से अनुसूचित क्षेत्रों में परिवहन क्षेत्र के माध्यम से आजीविका के अवसर प्रदान करने के लिए बस और ट्रेवलर वाहनों की खरीद पर पात्र युवाओं को 40 प्रतिशत तक सब्सिडी तथा सड़क कर पर चार माह की छूट प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार रोजगार व स्वरोजगार के अवसर सृजित करने को विशेष अधिमान दे रही है। जनजातीय इलाकों में सौर ऊर्जा क्षेत्र में स्वरोजगार के अवसर सृजित करने के लिए सरकार निजी क्षेत्र में 250 किलोवाट से एक मेगावाट तक की सौर परियोजना स्थापित करने के लिए ब्याज उपदान प्रदान करेगी।

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मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को बर्फबारी वाले क्षेत्रों में विकास कार्यों की टेंडर प्रक्रिया शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए ताकि मार्च-अप्रैल में स्थिति सामान्य होने पर निर्माण कार्य आरंभ कर उन्हें शीघ्र पूरा किया जा सके। उन्होंने कहा कि पांगी और स्पीति में विद्युत आपूर्ति से संबंधित समस्याओं के स्थाई समाधान के लिए पांगी के धनवास में 1.2 मेगावाट तथा स्पीति के रोंगटोंग में 2 मेगावाट सौर ऊर्जा संयंत्रों को शीघ्र ही कार्यशील किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार कैलाश मानसरोवर यात्रा शिपकी-ला से शुरू करने के लिए प्रयासरत है और इस मामले को केंद्र सरकार के समक्ष प्रमुखता से उठाया गया है। चीन अधिकृत तिब्बत में भी व्यापारिक गतिविधियां शुरू करने के लिए प्राथमिकता से कार्य किया जा रहा है।

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प्रदेश सरकार के सतत प्रयासों से प्रदेश के जनजातीय क्षेत्रों में अभूतपूर्व विकास हुआ है। आज जनजातीय क्षेत्र दूसरे भागों से अधिक संपन्न और समृद्ध है। हमारे जनजातीय क्षेत्रों में प्रति व्यक्ति आय का औसत प्रदेश के अन्य जिलों से अधिक है। इन क्षेत्रों में न केवल आर्थिक सम्पन्नता है बल्कि सामाजिक दृष्टि से भी ये क्षेत्र प्रदेश में अग्रणी हैं। इन क्षेत्रों में जन्म के समय लिंगानुपात प्रदेश के अन्य भागों से अच्छा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश, विशेषकर जनजातीय क्षेत्रों में महिलाओं के अधिकारों के संरक्षण के लिए प्रदेश सरकार कटिबद्ध है। उन्होंने कहा कि निगुलसरी में सड़क अक्सर बाधित होती है, वहां नई सड़क का निर्माण किया जाएगा। किन्नौर जिला में लोगों को निर्बाध संपर्क सुविधा प्रदान करने के लिए प्रदेश सरकार की की ओर से प्रयास किए जा रहे हैं।

जनजातीय क्षेत्रों में नौतोड़ स्वीकृत करने की मांग प्रदेश सरकार की प्राथमिकता है। इस पर राज्य मंत्रिमंडल ने स्वीकृति प्रदान कर राज्यपाल के अनुमोदन के लिए प्रस्ताव भेजा है। अनुसूचित जनजाति एवं अन्य परंपरागत वनवासी अधिनियम-2006 के तहत सितंबर 2025 तक 1,039 पट्टे वितरित किए जा चुके हैं। जनजातीय क्षेत्र किन्नौर और स्पीति के लोगों की सुविधा के लिए रामपुर में जनजातीय भवन का निर्माण कार्य प्रगति पर है। नूरपुर जनजातीय भवन शीघ्र ही लोगों की सुविधा के लिए समर्पित किया जाएगा।

पांगी घाटी को राज्य का पहला प्राकृतिक खेती उपमंडल घोषित किया गया है। उन्होंने कहा कि अनुसूचित क्षेत्रों को अधिमान देते हुए फरवरी, 2024 को स्पीति से इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान निधि योजना आरंभ की गई है। उन्होंने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों में समुचित शैक्षणिक संस्थान, दो क्षेत्रीय अस्पताल, छह नागरिक अस्पताल, पांच सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, 46 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, तीन आयुर्वेदिक अस्पताल, 73 आयुर्वेदिक डिस्पेंसरियां, 48 पशु चिकित्सालय, 118 पशु औषधालय, पांच भेड़ एवं ऊन प्रजनन विस्तार केंद्र स्थापित हैं। जनजातीय क्षेत्रों में 3,148 किलोमीटर मोटर योग्य सड़कों का निर्माण किया जा चुका है, जिनमें से 61 प्रतिशत पक्की सड़कें हैं। 

बैठक में जनजातीय क्षेत्रों के विकास से संबंधित विभिन्न विकासात्मक मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की गई। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए तथा कहा कि जनजातीय क्षेत्रों में विकास के मामले में कोई भी कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। बागवानी एवं जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि प्रदेश सरकार जनजातीय क्षेत्रों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। जनजातीय क्षेत्र विकास कार्यक्रम 2025-26 के लिए 638.73 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। पूर्व सरकार के कार्यकाल में भूमि संबंधी समस्याओं के कारण एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय (ईएमआरएस) पांगी, भरमौर एवं लाहौल में नए परिसरों के निर्माण कार्य लंबित थे। इन तीन विद्यालयों के लिए भूमि स्थानांतरित की गई है।

पांगी और लाहौल के विद्यालयों का निर्माण कार्य प्रगति पर है, जबकि भरमौर के लिए इस विद्यालय की निर्माण संबंधी औपचारिकताएं सीपीडब्ल्यूडी द्वारा पूरी की जा रही हैं। ईएमआरएस निचार में भी अतिरिक्त आवास का कार्य प्रगति पर है। उन्होंने जनजातीय क्षेत्रों में विभिन्न विकास कार्यों की विस्तार से जानकारी दी। बैठक में शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, विधायक डॉ. जनकराज, अनुराधा राणा, विवेक शर्मा, सुदर्शन बबलू और हरदीप बावा, जनजातीय सलाहकार परिषद के गैर सरकारी सदस्य, मुख्य सचिव संजय गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य सचिव केके पंत तथा ओंकार चंद शर्मा, पुलिस महानिदेशक अशोक तिवारी, विभिन्न विभागों के सचिव और विभागाध्यक्ष तथा वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। 

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