{"_id":"68b97b4bd78cd31a5d038b59","slug":"anant-chaturdashi-2025-date-katha-chant-mantra-during-tying-anant-sutra-2025-09-04","type":"story","status":"publish","title_hn":"Anant Chaturdashi Katha: अनंत चतुर्दशी व्रत में जरूर सुनें कथा और अनंत का धागा बांधते समय पढ़ें ये मंंत्र","category":{"title":"Religion","title_hn":"धर्म","slug":"religion"}}
Anant Chaturdashi Katha: अनंत चतुर्दशी व्रत में जरूर सुनें कथा और अनंत का धागा बांधते समय पढ़ें ये मंंत्र
धर्म डेस्क, अमर उजाला
Published by: विनोद शुक्ला
Updated Sat, 06 Sep 2025 11:05 AM IST
विज्ञापन
सार
Anant Chaturdashi katha in hindi :अनंत चतुर्दशी का व्रत विशेष महत्व रखता है। यह पावन पर्व भाद्रपद शुक्ल चतुर्दशी को भगवान विष्णु के अनंत स्वरूप की आराधना के लिए मनाया जाता है

अनंत चतुर्दशी
- फोटो : instagram
विज्ञापन
विस्तार
Anant Chaturdashi Katha: सनातन धर्म में अनंत चतुर्दशी का व्रत विशेष महत्व रखता है। यह पावन पर्व भाद्रपद शुक्ल चतुर्दशी को भगवान विष्णु के अनंत स्वरूप की आराधना के लिए मनाया जाता है। शास्त्रों में वर्णन है कि अनंत भगवान सृष्टि के पालनकर्ता और चौदह भुवनों के स्वामी हैं। श्री रामचरितमानस के सुंदरकांड में भी 'चौदह भुवन एक पति होइ' का संकेत दिया है,इन सभी के स्वामी एक ही हैं और वह है परमेश्वर,जो अनंत हैं। इस दिन अनंत सूत्र धारण करने का विधान है। मान्यता है कि विधिपूर्वक व्रत करने से दरिद्रता, क्लेश और पापों का नाश होता है तथा धन-धान्य, ऐश्वर्य और विजय की प्राप्ति होती है। यही कारण है कि पांडवों और ऋषियों ने भी इस व्रत का पालन किया था।

Trending Videos
Karwa Chauth 2025 Date: इस बार कब मनाया जाएगा करवा चौथ ? जानें तिथि, पूजा मुहूर्त और चंद्रोदय का समय
विज्ञापन
विज्ञापन
अनंत सूत्र बांधने का मंत्र
अनंत सूत्र को धारण करते समय भक्त को श्रद्धापूर्वक यह पावन मंत्र उच्चारित करना चाहिए। मान्यता है कि मंत्रोच्चार के साथ डोरा बांधने से भगवान विष्णु की कृपा शीघ्र प्राप्त होती है।
मंत्र:
अनंत संसार महासमुद्रे
मग्नं समभ्युद्धर वासुदेव।
अनंतरूपे विनियोजयस्व
ह्यनंतसूत्राय नमो नमस्ते।।
Pitru Paksha: पितरों को किस विधि से करें जल अर्पित? जानें पूरी विधि
अनंत भगवान की कथा
मान्यता के अनुसार वशिष्ठ गोत्री सुमंत नामक एक ब्राह्मण थे,जिनका विवाह महर्षि भृगु की पुत्री दीक्षा से हुआ,इनकी पुत्री थी शीला। पत्नी की मृत्यु के उपरांत सुमंत ने कर्कशा नामक स्त्री से दूसरा विवाह कर लिया और सुशीला का विवाह ब्राह्मण सुमंत ने कौंडिन्य ऋषि के साथ कर दिया। विदाई के समय कर्कशा ने दामाद को भोजन से बचे हुए पदार्थों को पाथेय के रूप में दिया। कौंडिन्य ऋषि अपनी पत्नी को लेकर अपने आश्रम की ओर निकल पड़े। मार्ग में ही शाम ढलने लग गई और ऋषि नदी के किनारे संध्या वंदन करने लगे।
इसी दौरान सुशीला ने देखा कि बहुत सारी महिलाएं किसी देवता की पूजा कर रही थीं। सुशीला ने महिलाओं से पूछा कि वे किसकी प्रार्थना कर रही हैं, इस पर उन लोगों ने उन्हें भगवान अनंत की पूजा करने और इस दिन उनका व्रत रखने के महत्व के बारे में बताया। व्रत के महत्व के बारे में सुनने के बाद सुशीला ने वहीं उस व्रत का अनुष्ठान किया और चौदह गांठों वाला डोरा हाथ में बांध कर ऋषि कौंडिन्य के पास आ गई।कौंडिन्य ने सुशीला से डोरे के बारे में पूछा तो उन्होंने सारी बात बता दी। कौंडिन्य ने यह सब कुछ मानने से मना कर दिया और पवित्र धागे को निकालकर अग्नि में डाल दिया।
इसके बाद उनकी सारी संपत्ति नष्ट हो गई और वह दुखी रहने लगे। इस दरिद्रता का उन्होंने अपनी पत्नी से कारण पूछा तो सुशीला ने अनंत भगवान का डोरा जलाने की बात कही। पश्चाताप करते हुए ऋषि कौंडिन्य अनंत डोरे की प्राप्ति के लिए वन में चले गए। वन में कई दिनों तक भटकते-भटकते निराश होकर एक दिन भूमि पर गिर पड़े।तब अनंत भगवान प्रकट होकर बोले, "हे कौंडिन्य! तुमने मेरा तिरस्कार किया था, उसी से तुम्हें इतना कष्ट भोगना पड़ा।अब तुमने पश्चाताप किया है। मैं तुमसे प्रसन्न हूं। अब तुम घर जाकर विधिपूर्वक अनंत व्रत करो।
14 वर्षों तक व्रत करने से तुम्हारा दुख दूर हो जाएगा। तुम धन-धान्य से संपन्न हो जाओगे''। कौंडिन्य ने वैसा ही किया और उन्हें सारे क्लेशों से मुक्ति मिल गई। एक अन्य कथा के अनुसार श्रीकृष्ण की आज्ञा से युधिष्ठिर ने भी अनंत भगवान का 14 वर्षों तक विधिपूर्वक व्रत किया और इसके प्रभाव से पांडव महाभारत के युद्ध में विजयी हुए व चिरकाल तक राज्य करते रहे। इसके बाद ही अनंत चतुर्दशी का व्रत प्रचलन में आया।
विज्ञापन
सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट अमर उजाला पर पढ़ें आस्था समाचार से जुड़ी ब्रेकिंग अपडेट। आस्था जगत की अन्य खबरें जैसे पॉज़िटिव लाइफ़ फैक्ट्स,स्वास्थ्य संबंधी सभी धर्म और त्योहार आदि से संबंधित ब्रेकिंग न्यूज़।
विज्ञापन
विज्ञापन
कमेंट
कमेंट X