Hackathon: कोडिंग मैराथन 'स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन 2025' निकलेगा समास्याओं का हल, सरकार का छात्रों को न्यौता
सरकार ने स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन 2025 के तहत छात्रों को उपभोक्ता समस्याओं जैसे प्याज भंडारण, ई-कॉमर्स नियम पालन, गोल्ड हॉलमार्किंग और इलेक्ट्रिकल सेफ्टी पर समाधान खोजने की चुनौती दी है।

विस्तार
देश के छात्र अब केवल तकनीक सीखने तक सीमित नहीं रहेंगे बल्कि उपभोक्ताओं की वास्तविक समस्याओं का समाधान भी खोजेंगे। केंद्र सरकार के उपभोक्ता मामले के विभाग (Department of Consumer Affairs) ने शिक्षा मंत्रालय के साथ मिलकर छात्रों को छह उपभोक्ता संरक्षण से जुड़ी समस्याओं पर काम करने का मौका दिया है। इन समस्याओं में प्याज भंडारण से लेकर ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स पर नियमों के पालन तक के विषय शामिल हैं। यह पहल 'स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन 2025' के तहत शुरू की गई है जिसे शिक्षा मंत्रालय ने लॉन्च किया है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों के इनोवेशन और तकनीकी कौशल को समाज की जमीनी समस्याओं को हल करने में इस्तेमाल करना है।

क्या होता है हैकाथॉन?
हैकाथॉन एक ऐसा आयोजन होता है जिसमें प्रोग्रामर्स, डेवलपर्स, डिजाइनर्स और अन्य विशेषज्ञ सीमित समय में किसी चुनौती या समस्या का तकनीकी समाधान तैयार करते हैं। 'हैकाथॉन' शब्द 'हैक' और 'मैराथन' से बना है- यानी एक 'कोडिंग मैराथन', जिसमें प्रतिभागी लगातार 24 से 48 घंटे तक कोडिंग और प्रोजेक्ट डेवलपमेंट पर काम करते हैं। 'स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन 2025' का उद्देश्य देशभर के छात्रों को वास्तविक समस्याओं के समाधान के लिए अपने नवाचार (इनोवेशन) और तकनीकी कौशल का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करना है। यह सिर्फ एक प्रतियोगिता नहीं, बल्कि सीखने, टीमवर्क और नई तकनीकों को अपनाने का एक बड़ा अवसर होता है। स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन जैसे आयोजन देश में इनोवेशन कल्चर को बढ़ावा देते हैं और छात्रों को वास्तविक चुनौतियों से रूबरू कराते हैं।
क्या है हैकाथॉन का उद्देश्य?
सरकार के मुताबिक इस पहल से देशभर के छात्र ऐसे समाधान विकसित कर सकेंगे जो उपभोक्ताओं के जीवन को आसान और सुरक्षित बना सकें। यह हैकाथॉन छात्रों को सरकारी विभागों, उद्योग विशेषज्ञों और तकनीकी संस्थानों के साथ काम करने का अवसर देगा। ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (AICTE) के सहयोग से आयोजित इस कार्यक्रम में कुल छह समस्याएं रखी गई हैं। इनमें से पांच समस्याओं पर 15 अक्तूबर तक प्रविष्टियां मांगी गई हैं जबकि प्याज भंडारण से संबंधित चुनौती की अंतिम तिथि 7 अक्तूबर को समाप्त हो चुकी है।
किन समस्याओं पर काम करेंगे छात्र?
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प्याज भंडारण में सुधार: भारत में कटाई के बाद प्याज का 30 से 50 प्रतिशत हिस्सा सड़ने और अंकुरित होने के कारण खराब हो जाता है। छात्रों को इसका टिकाऊ और लागत-प्रभावी समाधान विकसित करना होगा।
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गोल्ड हॉलमार्किंग की नॉन-डिस्ट्रक्टिव टेस्टिंग: देशभर में विविध प्रकार की ज्वेलरी होने के कारण पारंपरिक परीक्षण विधियां सोने को नुकसान पहुंचाती हैं। छात्रों को ऐसी तकनीक तैयार करनी होगी जो बिना नुकसान पहुंचाए परीक्षण कर सके।
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ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स पर नियमों का पालन सुनिश्चित करना: ऑनलाइन मार्केट में कई बार माप-तौल और लेबलिंग से जुड़े नियमों का उल्लंघन होता है। छात्रों को एआई-आधारित प्रणाली बनानी होगी जो इन उल्लंघनों की पहचान कर सके।
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इलेक्ट्रिकल सेफ्टी उपकरणों की स्वचालित जांच प्रणाली विकसित करना।
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वजन और माप के उपकरणों में छेड़छाड़ का रीयल-टाइम पता लगाने वाला सिस्टम तैयार करना।
छात्रों के लिए बड़ा अवसर
सरकार का कहना है कि यह पहल न केवल छात्रों को इनोवेशन के लिए प्रेरित करेगी बल्कि उन्हें यह समझने का मौका भी देगी कि तकनीक का उपयोग उपभोक्ता अधिकारों और सुरक्षा को मजबूत करने में कैसे किया जा सकता है। भारत में गोल्ड हॉलमार्किंग जून 2021 से 373 जिलों में अनिवार्य की गई है। देश के विविध आभूषणों- कास्ट, हैंडमेड, खोखले और प्लेटेड के कारण पारंपरिक परीक्षण प्रणाली पर्याप्त नहीं है। ऐसे में नई तकनीक की मांग लगातार बढ़ रही है। 'स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन 2025' सरकार और युवाओं के बीच एक सेतु का काम करेगा। इस पहल से न केवल तकनीकी इनोवेशन को प्रोत्साहन मिलेगा बल्कि देश में उपभोक्ता अधिकारों की दिशा में भी एक मजबूत कदम बढ़ेगा।