Paytm: पेटीएम का बड़ा एलान, अब ऑफलाइन पेमेंट्स बिजनेस होगा सब्सिडियरी PPSL के हवाले
पेटीएम ने आरबीआई के गाइडलाइन्स के अनुरूप अपने ₹2,580 करोड़ मूल्य के ऑफलाइन मर्चेंट बिजनेस की री-स्ट्रक्चरिंग की। क्यूआर, साउंडबॉक्स और कार्ड मशीन पेमेंट्स अब PPSL के जरिए संचालित होंगी।

विस्तार
देश की प्रमुख डिजिटल पेमेंट कंपनी पेटीएम (वन97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड) ने अपने ऑफलाइन मर्चेंट पेमेंट्स बिजनेस को अपनी सब्सिडियरी पेटीएम सर्विसेज लिमिटेड (PPSL) में ट्रांसफर करने की घोषणा की है। यह कदम भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के जरिए जारी पेमेंट एग्रीगेटर रेगुलेशंस के अनुपालन के लिए उठाया गया है।

आरबीआई के निर्देशों के अनुरूप री-स्ट्रक्चरिंग
पेटीएम ने शेयर बाजार को दी जानकारी में कहा कि यह कदम कंपनी के ऑनलाइन और ऑफलाइन मर्चेंट पेमेंट्स बिजनेस को एकीकृत (कंसोलिडेट) करने के लिए उठाया गया है। PPSL को पहले ही आरबीआई से पेमेंट एग्रीगेटर (ऑनलाइन) बिजनेस चलाने के लिए सैद्धांतिक मंजूरी मिल चुकी है। इससे कंपनी के सभी पेमेंट एग्रीगेशन कार्य अब एक ही रेगुलेटेड एंटिटी के अंतर्गत चलाए जाएंगे जिससे प्रभावशीलता (एफिशिएंसी) और तालमेल दोनों बढ़ेंगी।
किन सेवाओं का होगा ट्रांसफर?
पेटीएम का यह ट्रांसफर उसके उन सभी ऑफलाइन मर्चेंट्स पर लागू होगा जो क्यूआर कोड, साउंडबॉक्स और ईडीसी (EDC) मशीन के माध्यम से भुगतान स्वीकार करते हैं। यह प्रक्रिया "स्लंप सेल" के जरिए "गोइंग कंसर्न" आधार पर पूरी की जाएगी। इस सौदे को मंजूरी मिलने के बाद PPSL का बोर्ड और शेयरहोल्डर्स इसे आगे बढ़ाएंगे। कंपनी ने स्पष्ट किया कि यह ट्रांसफर सब्सिडियरी को किया जा रहा है इसलिए इसका कंपनी के कंसोलिडेटेड वित्तीय परिणामों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
आरबीआई के निर्देशों का पालन
पेटीएम ने कहा कि यह कदम 15 सितंबर 2025 को जारी आरबीआई की मास्टर डायरेक्शंस ऑन रेगुलेशन ऑफ पेमेंट एग्रेगेटर के अनुपालन के लिए लिया गया है। कंपनी ने बयान में कहा, "यह ट्रांसफर हमारे पेमेंट एग्रीगेशन बिजनेस को एकीकृत करने और आरबीआई के रेगुलेटेड मानकों को पूरा करने के लिए किया जा रहा है, जिससे भविष्य में बेहतर परिचालन दक्षता सुनिश्चित की जा सके।"
बुक वैल्यू पर होगा ट्रांसफर
यह सौदा बुक वैल्यू (नेट एसेट वैल्यू) पर किया जाएगा क्योंकि यह आंतरिक री-स्ट्रक्चरिंग का हिस्सा है। इसमें कंपनी के स्वामित्व या नियंत्रण में कोई बदलाव नहीं होगा। पेटीएम ने कहा कि यह निर्णय समूह की व्यावसायिक दक्षता और रेगुलेटेड अनुपालन को मजबूत करेगा।
कंपनी का वित्तीय प्रदर्शन
वित्त वर्ष 2024-25 में पेटीएम के ऑफलाइन मर्चेंट पेमेंट्स बिजनेस ने लगभग ₹2,580 करोड़ की आय कमाई थी, जो कंपनी के कुल स्टैंडअलोन आय की करीब 47% है। 31 मार्च 2025 तक इस व्यवसाय की नेट वर्थ ₹960 करोड़ रही, जो कंपनी की कुल नेट वर्थ का 7.45% है।
दिसंबर 2025 तक पूरा होगा ट्रांसफर
कंपनी ने उम्मीद जताई कि यह ट्रांसफर 31 दिसंबर 2025 तक पूरा कर लिया जाएगा। इसके लिए आवश्यक सभी शेयरहोल्डर और बोर्ड अप्रूवल्स लिए जाएंगे और बिजनेस ट्रांसफर एग्रीमेंट (BTA) के तहत यह प्रक्रिया पूरी होगी। पेटीएम ने यह भी बताया कि यह ट्रांजैक्शन किसी स्कीम ऑफ अरेंजमेंट का हिस्सा नहीं है, बल्कि एक बीटीए (BTA) के तहत पूरा किया जाएगा।
क्यों अहम है यह कदम?
पेटीएम का यह कदम भारत के पेमेंट इकोसिस्टम को रेगुलेटेड रूप से ज्यादा पारदर्शी और सुव्यवस्थित बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। ऑनलाइन और ऑफलाइन पेमेंट्स को एक ही रेगुलेटेड इकाई के अंतर्गत लाने से न केवल ग्राहकों और व्यापारियों के लिए भरोसेमंद वातावरण बनेगा बल्कि कंपनी को भी अपनी सेवाओं को और ज्यादा सुरक्षित और कुशल बनाने में मदद मिलेगी।