सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   Technology ›   Tech Diary ›   how isro worked before arrival of internet in india 1995 history

History: 1995 में भारत आया इंटरनेट, लेकिन उससे पहले कैसे चल रहा था इसरो? जानिए देश की डिजिटल क्रांति का इतिहास

टेक डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: नीतीश कुमार Updated Sun, 23 Nov 2025 06:21 PM IST
सार

How ISRO Worked Before Internet: भारत में इंटरनेट आम लोगों तक 1995 में पहुंचा, लेकिन उससे बहुत पहले देश स्पेस रिसर्च, वैज्ञानिक संचार और सैटेलाइट नेटवर्क में तेजी से आगे बढ़ चुका था। बिना इंटरनेट और आधुनिक तकनीक के इसरो ने कैसे रॉकेट बनाए और देश को जोड़ने का काम किया? जानिए इसकी रोचक कहानी।

विज्ञापन
how isro worked before arrival of internet in india 1995 history
इसरो - फोटो : PTI
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

आज भारत का नाम दुनिया की बड़ी डिजिटल और स्पेस पावर वाले देशों में लिया जाता है। लेकिन आज भारत जहां खड़ा हैं वहां तक पहुंचने का सफर काफी मुश्किल था। 1947 में आजादी के बाद डिजिटल क्रांति की ओर भारत का मार्ग चुनौतियों से खाली नहीं था। न कंप्यूटर थे, न आधुनिक संचार प्रणाली और न ही इंटरनेट। इसके बावजूद भारत ने विज्ञान, तकनीक और स्पेस रिसर्च में जिस गति से प्रगति की, उसने दुनिया को हैरान किया। इस सफर का एक बड़ा मोड़ 1995 था, जब पहली बार इंटरनेट आम नागरिकों तक पहुंचा। लेकिन इससे पहले देश में संचार कैसे होता था? और इसरो कैसे काम करता था? इसकी कहानी काफी दिलचस्प है।
Trending Videos


भारत में कब हुई इंटरनेट की एंट्री?
भारत में सार्वजनिक इंटरनेट सेवा 15 अगस्त 1995 को शुरू हुई। विदेश संचार निगम लिमिटेड (VSNL) ने पहली बार आम नागरिकों के लिए इंटरनेट उपलब्ध कराया, जिससे देश डिजिटल बदलाव के नए युग में प्रवेश कर गया। इससे पहले इंटरनेट केवल सरकारी संस्थानों, शोध नेटवर्क और शैक्षिक विभागों तक सीमित था। आम लोग इससे बिल्कुल दूर थे। 80 के दशक में भारत में छोटी स्तर की कंप्यूटर नेटवर्किंग मौजूद थी, लेकिन वह न बेहद धीमी थी और न ही आसानी से उपलब्ध।
विज्ञापन
विज्ञापन


1986 में IIT और NCST ने डायल-अप ईमेल सर्विस का परीक्षण किया। 1989 में मुंबई के युवाओं द्वारा LiveWire नामक भारत का पहला बड़ा Bulletin Board System (BBS) बनाया गया, जिसने शुरुआती डिजिटल कम्युनिटी को जन्म दिया। हालांकि, यह सुविधा सीमित थी और इंटरनेट अभी भी आम लोगों के लिए बहुत दूर था।

how isro worked before arrival of internet in india 1995 history
इंटरनेट से पहले कैसे चलता था इसरो?
भारत का स्पेस प्रोग्राम इंटरनेट आने से कई दशक पहले शुरू हो चुका था। शुरुआती दौर में इसरो का काम पूरी तरह फ्री टेक्नोलॉजी, मैनुअल गणनाओं और बेहद सीमित संसाधनों पर आधारित था। 1960 के दशक में इसरो के पहले रॉकेट किसी आधुनिक लैब में नहीं, बल्कि एक चर्च के छोटे कमरे में असेंबल किए जाते थे। कई बार इन्हें लॉन्च पैड तक पहुंचाने के लिए साइकिल और बैलगाड़ी का सहारा लिया जाता था। इंटरनेट न होने के बावजूद वैज्ञानिकों के बीच संचार, परीक्षण और गणनाएं मैनुअल तरीकों और साधारण कंप्यूटरों की मदद से की जाती थीं।

सैटेलाइट नेटवर्क से जुड़ते थे गांव-शहर
इंटरनेट आने से दो दशक पहले 1975 में भारत ने अपना पहला उपग्रह ‘आर्यभट्ट’ लॉन्च कर दिया था। 1980 में भारत ने SLV-3 के जरिए अपना उपग्रह खुद के रॉकेट से अंतरिक्ष में पहुंचाया और दुनिया का छठा देश बना जिसने यह उपलब्धि हासिल की। इंटरनेट न होते हुए भी इसरो सैटेलाइट नेटवर्क और ग्राउंड स्टेशन के जरिए गांवों को जोड़ता था। शैक्षणिक प्रसारण, कृषि कार्यक्रम और गांव-गांव तक पहुंचने वाली टीवी सेवाएं इसी तकनीक पर आधारित थीं।

इसरो के वैज्ञानिक कंप्यूटिंग सिस्टम, रेडियो कम्युनिकेशन और सैटेलाइट लिंक उस दौर की रीढ़ थे, जिन्होंने बिना इंटरनेट के भी भारत की स्पेस रिसर्च को लगातार आगे बढ़ाया। भारत की यह यात्रा बताती है कि इच्छा मजबूत हो तो तकनीक रास्ता खुद बना लेती है।

1995 में इंटरनेट ने नए भारत की नींव रखी, लेकिन उससे पहले भी देश ने विज्ञान, शोध और स्पेस टेक्नोलॉजी में विश्वस्तरीय उपलब्धियां हासिल कर ली थीं। इसरो इसका सबसे बड़ा उदाहरण है, जो बिना इंटरनेट के भी सैटेलाइट भेजता रहा, गांवों को जोड़ता रहा और भारत की तकनीकी पहचान को मजबूत करता रहा।
विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News App अपने मोबाइल पे|
Get all Tech News in Hindi related to live news update of latest mobile reviews apps, tablets etc. Stay updated with us for all breaking news from Tech and more Hindi News.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

Election
एप में पढ़ें

Followed