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Social Media: मलयेशिया में 16 साल से कम उम्र के बच्चे नहीं चला पाएंगे सोशल मीडिया, 2026 से लागू होगा नया नियम
टेक डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: नीतीश कुमार
Updated Mon, 24 Nov 2025 06:30 PM IST
सार
Malaysia Social Media Ban: मलयेशियाई सरकार बच्चों की ऑनलाइन सुरक्षा को मजबूत करने के लिए बड़ा कदम उठाने जा रही है। देश में 16 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए सोशल मीडिया अकाउंट बनाने और उपयोग करने पर पाबंदी लगाई जा सकती है। इस नियम को 2026 से लागू किया जा सकता है।
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मलेशिया में सोशल मीडिया पर सख्ती
- फोटो : AI
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विस्तार
मलयेशियाई सरकार ने 2026 से 16 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए सोशल मीडिया अकाउंट पर बैन लगाने की घोषणा कर दी है। यह फैसला ऑस्ट्रेलिया समेत कई देशों द्वारा लागू किए जा रहे कड़े डिजिटल सेफ्टी नियमों को देखते हुए लिया गया है। देश के संचार मंत्री फहमी फजिल ने बताया कि कैबिनेट ने इन नए डिजिटल सुरक्षा उपायों को हरी झंडी दे दी है, जिनका उद्देश्य बच्चों को साइबरबुलिंग, ऑनलाइन फ्रॉड और यौन शोषण जैसे ऑनलाइन खतरों से बचाना है। उन्होंने कहा कि सरकार ऑस्ट्रेलिया और अन्य देशों द्वारा अपनाए गए मॉडल का अध्ययन कर रही है और आयु सत्यापन के लिए पहचान पत्र या पासपोर्ट आधारित इलेक्ट्रॉनिक वेरिफिकेशन सिस्टम भी विचाराधीन है। हालांकि, नियम लागू होने की सटीक तारीख अभी तय नहीं की गई है।
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बच्चों की ऑनलाइन सुरक्षा पर सरकार का फोकस
फहमी फजिल ने कहा कि अगर सरकार, नियामक और माता-पिता अपनी-अपनी भूमिका जिम्मेदारी से निभाएं, तो इंटरनेट को बच्चों और परिवारों के लिए सुरक्षित बनाया जा सकता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि मलयेशिया की इंटरनेट सेवाएं तेज और किफायती हों, यह महत्वपूर्ण है, लेकिन सबसे जरूरी है कि ऑनलाइन स्पेस बच्चों के लिए सुरक्षित रहे।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर सख्त निगरानी
मलयेशिया में इस साल जनवरी से 80 लाख से अधिक उपयोगकर्ताओं वाले सभी सोशल मीडिया और मैसेजिंग प्लेटफॉर्म्स को अनिवार्य रूप से लाइसेंस लेना पड़ रहा है। इन लाइसेंस प्राप्त प्लेटफॉर्म्स को उम्र सत्यापन, कंटेंट सेफ्टी सिस्टम और पारदर्शी ऑपरेटिंग नियमों का पालन करना होगा। सरकार का कहना है कि यह कदम सोशल मीडिया पर निगरानी मजबूत करने और डिजिटल दुनिया को सुरक्षित बनाने के लिए जरूरी है।
दुनिया भर में बढ़ रही है डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के खिलाफ सख्ती
ऑस्ट्रेलिया ने 10 दिसंबर से दुनिया का पहला ऐसा कानून लागू करने का फैसला किया है जिसमें 16 साल से कम आयु के बच्चों के सोशल मीडिया अकाउंट पर सीधा प्रतिबंध लग जाएगा। फेसबुक, इंस्टाग्राम, स्नैपचैट, थ्रेड्स, टिक्टॉक, एक्स और यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म्स अगर 16 साल से कम बच्चों के अकाउंट रोकने में नाकाम रहते हैं, तो उन पर 5 करोड़ ऑस्ट्रेलियाई डॉलर तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। ऑस्ट्रेलिया का यह मॉडल अन्य देशों द्वारा भी बारीकी से देखा जा रहा है।
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डेनमार्क ने इस महीने घोषणा की है कि वह 15 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए सोशल मीडिया एक्सेस पर रोक लगाएगा। हालांकि इसे लागू करने की प्रक्रिया को लेकर अभी कई सवाल बाकी हैं। वहीं, नॉर्वे भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के लिए 15 साल की न्यूनतम आयु सीमा लागू करने वाला कानून लाने की तैयारी कर रहा है। ऐसे में साफ है कि दुनिया भर में सरकारें बच्चों की ऑनलाइन सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए कड़े कदम उठा रही हैं।
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बच्चों की ऑनलाइन सुरक्षा पर सरकार का फोकस
फहमी फजिल ने कहा कि अगर सरकार, नियामक और माता-पिता अपनी-अपनी भूमिका जिम्मेदारी से निभाएं, तो इंटरनेट को बच्चों और परिवारों के लिए सुरक्षित बनाया जा सकता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि मलयेशिया की इंटरनेट सेवाएं तेज और किफायती हों, यह महत्वपूर्ण है, लेकिन सबसे जरूरी है कि ऑनलाइन स्पेस बच्चों के लिए सुरक्षित रहे।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर सख्त निगरानी
मलयेशिया में इस साल जनवरी से 80 लाख से अधिक उपयोगकर्ताओं वाले सभी सोशल मीडिया और मैसेजिंग प्लेटफॉर्म्स को अनिवार्य रूप से लाइसेंस लेना पड़ रहा है। इन लाइसेंस प्राप्त प्लेटफॉर्म्स को उम्र सत्यापन, कंटेंट सेफ्टी सिस्टम और पारदर्शी ऑपरेटिंग नियमों का पालन करना होगा। सरकार का कहना है कि यह कदम सोशल मीडिया पर निगरानी मजबूत करने और डिजिटल दुनिया को सुरक्षित बनाने के लिए जरूरी है।
दुनिया भर में बढ़ रही है डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के खिलाफ सख्ती
ऑस्ट्रेलिया ने 10 दिसंबर से दुनिया का पहला ऐसा कानून लागू करने का फैसला किया है जिसमें 16 साल से कम आयु के बच्चों के सोशल मीडिया अकाउंट पर सीधा प्रतिबंध लग जाएगा। फेसबुक, इंस्टाग्राम, स्नैपचैट, थ्रेड्स, टिक्टॉक, एक्स और यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म्स अगर 16 साल से कम बच्चों के अकाउंट रोकने में नाकाम रहते हैं, तो उन पर 5 करोड़ ऑस्ट्रेलियाई डॉलर तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। ऑस्ट्रेलिया का यह मॉडल अन्य देशों द्वारा भी बारीकी से देखा जा रहा है।
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डेनमार्क ने इस महीने घोषणा की है कि वह 15 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए सोशल मीडिया एक्सेस पर रोक लगाएगा। हालांकि इसे लागू करने की प्रक्रिया को लेकर अभी कई सवाल बाकी हैं। वहीं, नॉर्वे भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के लिए 15 साल की न्यूनतम आयु सीमा लागू करने वाला कानून लाने की तैयारी कर रहा है। ऐसे में साफ है कि दुनिया भर में सरकारें बच्चों की ऑनलाइन सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए कड़े कदम उठा रही हैं।