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नोटबंदी से दिक्कतें कुछ दिन की, फायदे अनेक
नोटबंदी से दिक्कतें कुछ दिन की, फायदे अनेक
Updated Tue, 20 Dec 2016 01:10 AM IST
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नोटबंदी से दिक्कतें कुछ दिन की, फायदे अनेक
- फोटो : अमर उजाला ब्यूरो
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काले धन की समानांतर अर्थ व्यवस्था पर नोटबंदी के फैसले से करारी चोट हुई है। इसके बेहतर परिणाम जल्द ही नजर आने लगेंगे। बैंकों में लंबी कतार में लगे लोगों को कुछ दिक्कतें जरूर हुई हैं, लेकिन अब यह हालात ज्यादा दिन नहीं रहेंगे। नोटबंदी के फायदे ज्यादा हैं और लोगों को सीधे इनका लाभ मिलने भी लगेगा।
अमर उजाला के ‘मंथन’ में चार्टर्ड एकाउंटेंट्स की यही राय बनी। नोटबंदी के एलान के 40 दिन के बाद दि इंस्टीट्यूट आफ चार्टर्ड एकाउंटेंट आगरा ब्रांच के चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ने अमर उजाला परिसर में सोमवार को आयोजित ‘मंथन’ में कहा कि काले धन को बैंकिंग सिस्टम के जरिए किसी भी तरह से सफेद करने वाले नहीं बच सकेंगे। सरकार का उद्देश्य साफ है और इसके परिणाम नजर भी आएंगे। 50 दिनों के कालेधन सफाई अभियान के बाद देश में बैंकिंग सिस्टम के जरिए लेन-देन मजबूरी बन जाएगा, जिसका एक फायदा ये होगा कि सरकारी खजाने में टैक्स ज्यादा पहुंचना शुरू हो जाएगा। अनुमान के मुताबिक, करीब तीन लाख करोड़ रुपये का टैक्स ही केंद्र सरकार को नोटबंदी के बाद बैंकों में जमा रकम से मिल जाएगा, क्योंकि बैंकों में ज्यादातर जमा की गई रकम एक करोड़ रुपये से ज्यादा है। कैशलेस इकॉनोमी पूरी तरह से तो नहीं, लेकिन स्मार्ट फोन का उपयोग करने और महानगरों में रहने वाले लोग अगर कैशलेस भुगतान करना शुरू कर देंगे तो भी कैश हैंडलिंग आसान हो जाएगी।
मंथन में सीआईआरसी सचिव सीए नितेश गुप्ता, पूर्व अध्यक्ष सीए प्रमोद सिंह चौहान, आलोक अग्रवाल, सचिव सीए रोहित दुआ, सुदीप जैन, शरद पालीवाल, शुभम गोयल, आशीष जैन, गौरव बंसल, प्रतीक ग्रोवर, हर्षित गोयल, अंकित अग्रवाल, लोकेश गर्ग आदि मौजूद रहे।
वर्जन
नोटबंदी के परिणाम अच्छे आएंगे। रियल एस्टेट में असली कीमतें सामने आएंगी। बिजनेस में लैंड कास्ट कम हो जाए तो कारोबार कम बजट में शुरू होने लगेगा। कोई भी कारोबार कालेधन से नहीं बढ़ता। कुछ दिनों की दिक्कतें हैं, लेकिन इस कदम से बेहतर भविष्य का निर्माण होगा।
सीए नितेश गुप्ता
सचिव, सीआईआरसी
कुछ प्राइवेट बैंक मैनेजरों का रोल खराब रहा है, लेकिन सिस्टम ऐसा है कि गड़बड़ी करने वाला बचेगा नहीं। सरकार हर दिन फैसलों की समीक्षा कर रही है। लोगों में तो जागृति आ रही है। इस नोटबंदी से सबसे ज्यादा फायदा तो राज्य सरकारों को डायरेक्ट टैक्स के रूप में होने वाला है।
सीए प्रमोद सिंह चौहान
पूर्व अध्यक्ष
नोटबंदी के बाद सरकार सामाजिक सुरक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं पर जोर दे। कैश इकट्ठा करने की प्रवृत्ति इन्हीं दोनों के लिए है। आयकरदाताओं को सामाजिक सुरक्षा देकर शुरूआत की जा सकती है। कैशलेस इकॉनामी को प्रोत्साहन के साथ साइबर सुरक्षा पर भी ध्यान दिया जाए।
सीए गौरव बंसल
नोटबंदी का सरकार का फैसला सही है लेकिन बैंकरों ने कुछ दिक्कतें बढ़ा दीं। ई-पेमेंट को बढ़ावा देने के साथ ही फाल्स डेबिट जैसे मामलों में तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए। जनता में बदलाव आ रहा है, लेकिन ब्यूरोक्रेट पर भी बड़ी कार्रवाई की आवश्यकता है।
सीए आलोक अग्रवाल
पूर्व अध्यक्ष
500 के नोट की आपूर्ति बढ़ने पर कैश की किल्लत दूर हो जाएगी। हालात सुधरे हैं और जनवरी में कैश की किल्लत ज्यादा नहीं रहेगी। कालेधन, नकली करेंसी और आतंकवाद पर एक साथ नोटबंदी से चोट की गई है।
सीए रोहित दुआ
सचिव
लोगों की मानसिकता बदली है और नंबर एक में ही वह कारोबार को करना चाहते हैं। इससे जीएसटी की राह आसान हो जाएगी। युवाओं ने नोटबंदी को सराहा है, जिसका असर भविष्य में देखने को मिलेगा।
सीए अंकित अग्रवाल
कालेधन के लिए सरकार ने कई बार चेतावनी दी थी, लेकिन लोग समझे नहीं। अब भी मौका है और 50-50 योजना का फायदा उठाया जा सकता है। भविष्य में आयकर कानून और सख्त होने वाले हैं।
सीए सुदीप जैन
लोग नोटबंदी के बाद ईमानदारी से काम करने के लिए जागरूक हुए हैं। कैशलेस इकॉनामी जितनी बढ़ेगी, कालेधन की समानांतर व्यवस्था कमजोर होगी। जीएसटी से बहुत कुछ बदल जाएगा।
सीए शरद पालीवाल

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मंथन में सीआईआरसी सचिव सीए नितेश गुप्ता, पूर्व अध्यक्ष सीए प्रमोद सिंह चौहान, आलोक अग्रवाल, सचिव सीए रोहित दुआ, सुदीप जैन, शरद पालीवाल, शुभम गोयल, आशीष जैन, गौरव बंसल, प्रतीक ग्रोवर, हर्षित गोयल, अंकित अग्रवाल, लोकेश गर्ग आदि मौजूद रहे।
वर्जन
नोटबंदी के परिणाम अच्छे आएंगे। रियल एस्टेट में असली कीमतें सामने आएंगी। बिजनेस में लैंड कास्ट कम हो जाए तो कारोबार कम बजट में शुरू होने लगेगा। कोई भी कारोबार कालेधन से नहीं बढ़ता। कुछ दिनों की दिक्कतें हैं, लेकिन इस कदम से बेहतर भविष्य का निर्माण होगा।
सीए नितेश गुप्ता
सचिव, सीआईआरसी
कुछ प्राइवेट बैंक मैनेजरों का रोल खराब रहा है, लेकिन सिस्टम ऐसा है कि गड़बड़ी करने वाला बचेगा नहीं। सरकार हर दिन फैसलों की समीक्षा कर रही है। लोगों में तो जागृति आ रही है। इस नोटबंदी से सबसे ज्यादा फायदा तो राज्य सरकारों को डायरेक्ट टैक्स के रूप में होने वाला है।
सीए प्रमोद सिंह चौहान
पूर्व अध्यक्ष
नोटबंदी के बाद सरकार सामाजिक सुरक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं पर जोर दे। कैश इकट्ठा करने की प्रवृत्ति इन्हीं दोनों के लिए है। आयकरदाताओं को सामाजिक सुरक्षा देकर शुरूआत की जा सकती है। कैशलेस इकॉनामी को प्रोत्साहन के साथ साइबर सुरक्षा पर भी ध्यान दिया जाए।
सीए गौरव बंसल
नोटबंदी का सरकार का फैसला सही है लेकिन बैंकरों ने कुछ दिक्कतें बढ़ा दीं। ई-पेमेंट को बढ़ावा देने के साथ ही फाल्स डेबिट जैसे मामलों में तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए। जनता में बदलाव आ रहा है, लेकिन ब्यूरोक्रेट पर भी बड़ी कार्रवाई की आवश्यकता है।
सीए आलोक अग्रवाल
पूर्व अध्यक्ष
500 के नोट की आपूर्ति बढ़ने पर कैश की किल्लत दूर हो जाएगी। हालात सुधरे हैं और जनवरी में कैश की किल्लत ज्यादा नहीं रहेगी। कालेधन, नकली करेंसी और आतंकवाद पर एक साथ नोटबंदी से चोट की गई है।
सीए रोहित दुआ
सचिव
लोगों की मानसिकता बदली है और नंबर एक में ही वह कारोबार को करना चाहते हैं। इससे जीएसटी की राह आसान हो जाएगी। युवाओं ने नोटबंदी को सराहा है, जिसका असर भविष्य में देखने को मिलेगा।
सीए अंकित अग्रवाल
कालेधन के लिए सरकार ने कई बार चेतावनी दी थी, लेकिन लोग समझे नहीं। अब भी मौका है और 50-50 योजना का फायदा उठाया जा सकता है। भविष्य में आयकर कानून और सख्त होने वाले हैं।
सीए सुदीप जैन
लोग नोटबंदी के बाद ईमानदारी से काम करने के लिए जागरूक हुए हैं। कैशलेस इकॉनामी जितनी बढ़ेगी, कालेधन की समानांतर व्यवस्था कमजोर होगी। जीएसटी से बहुत कुछ बदल जाएगा।
सीए शरद पालीवाल