{"_id":"69027ff3a9972b42240dfcd5","slug":"devotthan-ekadashi-bathing-and-donation-will-be-done-on-november-2-in-the-rising-datedevotthan-ekadashi-bathing-and-donation-will-be-done-on-november-2-in-the-rising-date-agra-news-c-25-1-agr1065-903970-2025-10-30","type":"story","status":"publish","title_hn":"Dev Uthani Ekadashi 2025 Date: देवोत्थान एकादशी  कब है....01 या 02 नवंबर को, जानें कब होगा स्नान-दान","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
    Dev Uthani Ekadashi 2025 Date: देवोत्थान एकादशी कब है....01 या 02 नवंबर को, जानें कब होगा स्नान-दान
 
            	    अमर उजाला नेटवर्क, आगरा             
                              Published by: आगरा ब्यूरो       
                        
       Updated Thu, 30 Oct 2025 01:51 PM IST
        
       
            सार 
            
            
        
                                    
                देवोत्थान एकादशी  तिथि  1 नवंबर को सुबह 9:11 बजे से शुरू होगी। दो नवंबर को सुबह 7:31 बजे तक रहेगी। इस वर्ष देवउठनी एकादशी का व्रत 1 नवंबर को रखा जाएगा, जिसका पारण 2 नवंबर को उदयातिथि में होगा।
 
    
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                        देवोत्थान एकादशी पर पूजन करते पुरोहित
                                    - फोटो : Amar Ujala 
                    
    
        
    
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विस्तार
                                                 
                देवोत्थान एकादशी के बाद भी इस बार बैंड बाजा बारात के लिए इंतजार करना पड़ेगा। शादी विवाह के लिए तुला राशि का सूर्य होना अनिवार्य है। अभी सूर्य कन्या राशि में हैं। 16 नवंबर को सूर्य तुला राशि में आएंगे, जिसके कारण 18 नवंबर से विवाह के मुहूर्त बन रहे हैं। हालांकि पत्रा और मुहूर्त को न मानने वाले देवोत्थान को शुभ मानते हुए विवाह 18 नवंबर से पहले भी विवाह समारोह आयोजित कर रहे हैं।
                                
                
                
                 
                    
                                                                                                        
                                                
                        
                        
 
                        
                                                                                      
                   
    
                                                                        
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                                                
                                                                
                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
कार्तिक पूर्णिमा 5 नवंबर को
संस्कार पाठशाला भोगीपुरा शाहगंज के आचार्य राहुल रावत ने बताया कि कार्तिक शुक्ल एकादशी को देवोत्थआन एकादशी और प्रबोधनी एकादशी भी कहते हैं। कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष एकादशी तिथि 1 नवंबर को सुबह 9:11 बजे से शुरू होगी। दो नवंबर को सुबह 7:31 बजे तक रहेगी। इस वर्ष देवउठनी एकादशी का व्रत 1 नवंबर को रखा जाएगा, जिसका पारण 2 नवंबर को उदयातिथि में होगा। देवोत्थान एकादशी के दिन भगवान विष्णु मां लक्ष्मी और तुलसी की विशेष पूजा व व्रत किया जाता है। दो नवंबर को तुलसी-शालिग्राम विवाह होगा। 4 नवंबर को बैकुंठ चौदस है, इसे देव दिवाली भी कहते हैं। इस दिन नदियों में दीप दान किया जाता है। वहीं 5 नवंबर को पूर्णमासी के साथ कार्तिक मास समाप्त हो जाएगा।    
             
                                                    
                                 
                                
                               
                                                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
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कब है विवाह मुहूर्त
नवंबर माह के मुहूर्त- 18, 22, 23, 24, 25, 26, 27, 29, 30
दिसंबर माह के मुहूर्त- 4, 5, 6, 10, 11
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
18 नवंबर से होंगे मांगलिक कार्य
ज्योतिषाचार्य पं. सुभाष शास्त्री का कहना है कि ज्योतिष अनुसार सूर्य के तुला में पहुंचने से पहले विवाह नहीं किया जाता है, इसे तुला संक्रांति दोष कहते हैं। जब सूर्य तुला में आएंगे तो यह दोष मुक्त हो जाएगा और विवाह कार्य शुरू हो जाएंगे। इसी के चलते ज्योतिषीय गणना के अनुसार 17 नवंबर तक विवाह के लिए शुभ मुहूर्त नहीं है। 18 नवंबर से शादियों की शुरुआत होगी। शुभ मुहूर्त 11 दिसंबर तक रहेंगे।
                                
                
                
                                
                
                                                                                     
            
                            
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                 
                                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                
                                
                
                                                                
                               
                                                        
         
कार्तिक पूर्णिमा 5 नवंबर को
संस्कार पाठशाला भोगीपुरा शाहगंज के आचार्य राहुल रावत ने बताया कि कार्तिक शुक्ल एकादशी को देवोत्थआन एकादशी और प्रबोधनी एकादशी भी कहते हैं। कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष एकादशी तिथि 1 नवंबर को सुबह 9:11 बजे से शुरू होगी। दो नवंबर को सुबह 7:31 बजे तक रहेगी। इस वर्ष देवउठनी एकादशी का व्रत 1 नवंबर को रखा जाएगा, जिसका पारण 2 नवंबर को उदयातिथि में होगा। देवोत्थान एकादशी के दिन भगवान विष्णु मां लक्ष्मी और तुलसी की विशेष पूजा व व्रत किया जाता है। दो नवंबर को तुलसी-शालिग्राम विवाह होगा। 4 नवंबर को बैकुंठ चौदस है, इसे देव दिवाली भी कहते हैं। इस दिन नदियों में दीप दान किया जाता है। वहीं 5 नवंबर को पूर्णमासी के साथ कार्तिक मास समाप्त हो जाएगा।
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कब है विवाह मुहूर्त
नवंबर माह के मुहूर्त- 18, 22, 23, 24, 25, 26, 27, 29, 30
दिसंबर माह के मुहूर्त- 4, 5, 6, 10, 11
18 नवंबर से होंगे मांगलिक कार्य
ज्योतिषाचार्य पं. सुभाष शास्त्री का कहना है कि ज्योतिष अनुसार सूर्य के तुला में पहुंचने से पहले विवाह नहीं किया जाता है, इसे तुला संक्रांति दोष कहते हैं। जब सूर्य तुला में आएंगे तो यह दोष मुक्त हो जाएगा और विवाह कार्य शुरू हो जाएंगे। इसी के चलते ज्योतिषीय गणना के अनुसार 17 नवंबर तक विवाह के लिए शुभ मुहूर्त नहीं है। 18 नवंबर से शादियों की शुरुआत होगी। शुभ मुहूर्त 11 दिसंबर तक रहेंगे।