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High Court : हलफनामे में जज का नाम हुआ गलत, प्रमुख सचिव गृह को हाईकोर्ट ने लगाई फटकार

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, प्रयागराज Published by: अनुज कुमार Updated Tue, 27 Aug 2024 02:24 PM IST
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सार

न्यायमूर्ति जेजे मुनीर की अदालत ने यह टिप्पणी बस्ती जिले के लवकुश तिवारी व अन्य के मामले में प्रमुख सचिव (गृह) और बस्ती के पुलिस अधीक्षक की ओर से दाखिल जवाबी हलफनामे पर फटकार लगाते हुए की है। अब कोर्ट ने जवाब मांगा है।

Allahabad High Court reprimanded Principal Home Secretary for judge name wrong mention in affidavit
इलाहाबाद हाईकोर्ट। - फोटो : अमर उजाला।
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विस्तार
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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सरकारी अधिकारियों की ओर से हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीशों के नाम के साथ सेवानिवृत्त शब्द जोड़ने के तरीके पर आपत्ति जताई है। कोर्ट ने कहा कि सेवानिवृत्त शब्द को नाम के रूप में नहीं जोड़ा जाना चाहिए। सेवानिवृत्ति के बाद भी वह अपने नाम के साथ माननीय न्यायमूर्ति श्री .... की उपाधि धारण करते हैं।

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न्यायमूर्ति जेजे मुनीर की अदालत ने यह टिप्पणी बस्ती जिले के लवकुश तिवारी व अन्य के मामले में प्रमुख सचिव (गृह) और बस्ती के पुलिस अधीक्षक की ओर से दाखिल जवाबी हलफनामे पर फटकार लगाते हुए की है। उन्होंने जवाबी हलफनामे के प्रस्तर 18 में एक समिति के अध्यक्ष के रूप में हाईकोर्ट के सेवानिवृत हो चुके न्यायमूर्ति ए एन मित्तल का नाम माननीय न्यायमूर्ति श्री जे एन मित्तल लिखा था। कोर्ट ने इसे महज टंकण त्रुटि न मानते हुए न्यायिक गरिमा का अपमान माना। अदालत ने शिष्टाचार उल्लंघन के मौजूदा मामले की जांच महानिबंधक शिष्टाचार को सौंपते हुए 30 अगस्त तक जांच रिपोर्ट के साथ शिष्टाचार से जुड़े विस्तृत दिशा-निर्देश तलब किए हैं।
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कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट के न्यायमूर्तियों के संबोधन को लेकर हो रही यह गलती आम हो चुकी है। जो दुखद है। न्यायिक शिष्टाचार के खिलाफ है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि सेवानिवृत्त न्यायाधीश को माननीय न्यायमूर्ति श्री..... (सेवानिवृत्त) के रूप में संदर्भित किया जा रहा है। जो गलत है। सही तौर पर हाईकोर्ट से सेवानिवृत माननीय श्री न्यायमूर्ति... लिखा जाना चाहिए। ऐसा न किया जाना न्यायिक शिष्टाचार का उल्लंघन हैं। इससे न्यायमूर्ति पद की गरिमा को ठेस पहुंचती है। सरकार को न्यायिक शिष्टाचार के प्रति सतर्क और सजग रहना चाहिए।

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