Navratri : महानवमी को नौ दुर्गा के रूप में किया गया कन्या पूजन, पांव पखार कर लिया आशीष
महानिर्वाणी अखाड़े में नवरात्रि के नवमी के दिन कन्याओं का पूजन किया गया अखाड़े के महाप्रबंधक महंत यनुमापुरी जी के कन्याओं का चरण धो कर उनका तिलक कर के और चुनरी माला पहनाकर आरती किए उसके बाद कन्याओं को भोजन प्रसाद कराया और उन्हें उनके भविष्य को देखते हुए कापी किताब और कलम दिया।

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चैत्र नवरात्रि की महानवमी को नवदुर्गा के रूप में कन्या पूजन किया गया। कन्याओं के पैर में महावर लगाकर माला पहनाकर खीर और पूड़ी का भोग लगाया गया। पांव पखारकर आशीर्वाद लिया गया। बुधवार को घर से लेकर देवी मंदिरों तक कन्या का पूजन किया गया। इसके बाद विधि विधान से हवन करके मां दुर्गा को अगले वर्ष फिर आने का निमंत्रण देकर विदा किया गया। ललिता देवी, कल्याणी देवी, अलोप शंकरी मंदिरों में सुबह से ही भक्तों की भारी भीड़ रही। देर रात तक लोगों ने पूजन हवन कर देवी का दर्शन किया।

महानिर्वाणी अखाड़े में नवरात्रि के नवमी के दिन किया गया कन्या पूजन
महानिर्वाणी अखाड़े में नवरात्रि के नवमी के दिन कन्याओं का पूजन किया गया अखाड़े के महाप्रबंधक महंत यनुमापुरी जी के कन्याओं का चरण धो कर उनका तिलक कर के और चुनरी माला पहनाकर आरती किए उसके बाद कन्याओं को भोजन प्रसाद कराया और उन्हें उनके भविष्य को देखते हुए कापी किताब और पेन दिए महंत यमुनापुरी जी ने कहा की कन्या पूजन से घर सुख समृद्धि प्राप्त होती है इसलिए नवरात्रि में सभी माता के भक्तजनों को कन्यापूजन करना चाहिए।
घर-मंदिर पांव पखारकर पूजी गईं कन्याएं, लंगूरा भी
दुर्गानवमी पर बुधवार को घर-घर देवी के रूप में कन्याओं का पूजन किया गया तो कन्याओं के साथ लंगूरा को भी जिमाया गया और तरह-तरह के उपहार दिए गए। देवी मंदिरों में दिन भर पूजा अर्चना होती रही। शाम को महाआरती उतारी गई। नवरात्र के समापन पर घर-मंदिर कन्याओं के पांव पखारकर उन्हें हलुआ-पूड़ी या फिर दही-जलेबी का प्रसाद खिलाया गया। बुधवार को कन्याओं की खूब आवभगत की गई। एक घर से दूसरे घर के लिए लोग उन्हें आमंत्रित करते रहे।
कई घरों में उपहार के तहत पेंसिल बाक्स, लंच बाक्स, पानी की बोतलें आदि दी गईं। गिफ्ट में दी। कन्या, लांगुरा गिफ्ट पाकर फूले नहीं समाए। भाजपा नेता नीरज त्रिपाठी ने भी अपनी पत्नी कविता के साथ अपने घर के आंगन में ही कन्या पूजन किया।
सिद्ध पीठ ललिता देवी, मां कल्याणी देवी, अलोपशंकरी, खेमामाई, समयामाई मंदिर सहित शहर के अन्य प्रमुख मंदिरों में खासी भीड़ रही। सिद्धपीठ ललिता देवी में अध्यक्ष हरि मोहन वर्मा की देखरेख में विविध कार्यक्रम हुए। देवी दर्शन के साथ ही लोगों ने रामदरबार में भी पूजन किया। इस दौरान दुर्गा सप्तशती पाठ, शतचंडी महायज्ञ का समापन भी हुआ। उधर, मंदिरों में कई स्थानों पर भंडारे और रात को देवी जागरण के आयोजन हुए। कन्यापूजन और याज्ञिक अनुष्ठान के बाद लोगों ने पारण किया, वहीं नौ दिन की मान्यता वाले बृहस्पतिवार को पारण करेंगे।