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दुर्भाग्य : पैसों के चलते रिश्तों में दरार...लावारिस में चली गई वृद्ध मां की जान

अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज Published by: विनोद सिंह Updated Sat, 29 Mar 2025 01:23 PM IST
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सार

बच्चों को माता-पिता के बुढ़ापे की लाठी कहा गया है। लेकिन, पैसों के चलते अपने पराए हो जाते हैं। नैनी से एक ऐसी ही घटना सामने आई है। बड़ी बेटी का आरोप है कि छोटी ने बीमार मां को एसआरएन अस्पताल में लावारिस में भर्ती कराकर चली गई।

Relationships rift due to money...old mother died in an abandoned house
शव। - फोटो : Social media
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विस्तार
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बच्चों को माता-पिता के बुढ़ापे की लाठी कहा गया है। लेकिन, पैसों के चलते अपने पराए हो जाते हैं। नैनी से एक ऐसी ही घटना सामने आई है। बड़ी बेटी का आरोप है कि छोटी ने बीमार मां को एसआरएन अस्पताल में लावारिस में भर्ती कराकर चली गई। वहीं, चार दिन बाद इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया।

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चंद्र देवी (70) खुल्दाबाद के चकनिरातुल चौफटका की रहने वाली थीं। पति अमीन के पद से सेवानिवृत्त हैं। परिवार में एक बेटा और तीन बेटियां हैं। दूसरे नंबर की बेटी सुनीता ने बताया कि करीब 35 साल पहले उनकी मां नैनी के चकदाऊद निवासी सीडीओ हरिश्चंद्र के साथ रहने लगी थीं, जिसके बाद हम लोगों का उनके घर आना-जाना होने लगा। हरिश्चंद्र को पहली पत्नी से एक बेटा भारत भूषण है। सुनीता ने बताया कि घर आने-जाने के दौरान उसकी छोटी बहन से भारत भूषण की नजदीकियां बढ़ीं और दोनों ने शादी कर ली।

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सुनीता के मुताबिक बीच में एक बार मां के पैर में चोट लगने पर उनकी देखभाल के लिए गई थीं। इस दौरान सेवा की तो उन्हें मां ने करीब आठ लाख रुपये दे दिए थे। इस बात का पता चलने पर छोटी बेटी नाराज थी। वहीं, 2022 में हरिश्चंद्र की मौत हो गई तो छोटी बहन और उसके पति ने उनकी सेवा करने से इन्कार कर दिया। आरोपा लगाया कि उन्हें कई दिनों तक भूखा रखा। इस वजह उनकी हालत खराब हो गई। 24 मार्च को मां की तबीयत ज्यादा बिगड़ी तो छोटी बहन उन्हें लावारिस में एसआरएन में भर्ती कराकर भाग गई। जहां इलाज के दौरान चौथे दिन उन्होंने दम तोड़ दिया।

उधर, परिजनों का पता न चलने पर अस्पताल कर्मियों ने एसआरएन पुलिस चौकी पर वृद्धा की मौत की जानकारी दी। पुलिस ने शव को अज्ञात में पोस्टमार्टम हाउस भेज दिया। तभी किसी के माध्यम से मृतका की बड़ी और दूसरे नंबर की बेटी को घटना का पता चला तो इन लोगों ने एसआरएन चौकी पर पहुंचकर पोस्टमार्टम के बाद शव का अंतिम संस्कार किया। 

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