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Ayodhya News: ध्वज फहराने का दो बार हुआ सफल ट्रायल
संवाद न्यूज एजेंसी, अयोध्या
Updated Wed, 19 Nov 2025 09:43 PM IST
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अयोध्या। राम जन्मभूमि परिसर में होने वाले ऐतिहासिक ध्वजारोहण समारोह की तकनीकी तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं। पूरे आयोजन को त्रुटिहीन बनाने के लिए सेना के विशेषज्ञ अधिकारी लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं। राम मंदिर भवन निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र के अनुसार ध्वज पताका का दो बार सफल ट्रायल किया जा चुका है।
नृपेंद्र मिश्र ने बुधवार को भी बैठक कर ध्वजारोहण समारोह की तैयारियों की समीक्षा की। इससे पहले पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि राम मंदिर में 25 नवंबर को होने वाला ध्वजारोहण समारोह ऐतिहासिक बनने जा रहा है। राम मंदिर के शिखर पर धर्म ध्वज पताका फहराने के साथ सात अन्य मंदिरों में भी ध्वज पताका फहराई जाएगी। इनमें शेषावतार मंदिर और परकोटा क्षेत्र के छह मंदिर शामिल हैं। कार्यक्रम की सभी तकनीकी तैयारियां पूरी हैं। बताया कि 11 मीटर चौड़ी और 22 मीटर लंबी पताका को रस्सी, पुली और मशीन सिस्टम की मदद से शिखर तक पहुंचाया जाएगा। पूरी प्रक्रिया को सुरक्षित और व्यवस्थित रखने के लिए विशेषज्ञों की टीम तैनात की गई है। ध्वज कानपुर से बनकर आएगा।
नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या पहुंचकर सुरक्षा व्यवस्था का गहन निरीक्षण किया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सुरक्षा में किसी भी तरह की चूक न हो और रामलला के दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं और अतिथियों से सौहार्दपूर्ण व्यवहार किया जाए। 25 नवंबर को ध्वजारोहण के चलते श्रद्धालुओं को रामलला के दर्शन नहीं मिल पाएंगे, लेकिन 26 नवंबर को बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है, जो प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती होगी।
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नृपेंद्र मिश्र ने बुधवार को भी बैठक कर ध्वजारोहण समारोह की तैयारियों की समीक्षा की। इससे पहले पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि राम मंदिर में 25 नवंबर को होने वाला ध्वजारोहण समारोह ऐतिहासिक बनने जा रहा है। राम मंदिर के शिखर पर धर्म ध्वज पताका फहराने के साथ सात अन्य मंदिरों में भी ध्वज पताका फहराई जाएगी। इनमें शेषावतार मंदिर और परकोटा क्षेत्र के छह मंदिर शामिल हैं। कार्यक्रम की सभी तकनीकी तैयारियां पूरी हैं। बताया कि 11 मीटर चौड़ी और 22 मीटर लंबी पताका को रस्सी, पुली और मशीन सिस्टम की मदद से शिखर तक पहुंचाया जाएगा। पूरी प्रक्रिया को सुरक्षित और व्यवस्थित रखने के लिए विशेषज्ञों की टीम तैनात की गई है। ध्वज कानपुर से बनकर आएगा।
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नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या पहुंचकर सुरक्षा व्यवस्था का गहन निरीक्षण किया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सुरक्षा में किसी भी तरह की चूक न हो और रामलला के दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं और अतिथियों से सौहार्दपूर्ण व्यवहार किया जाए। 25 नवंबर को ध्वजारोहण के चलते श्रद्धालुओं को रामलला के दर्शन नहीं मिल पाएंगे, लेकिन 26 नवंबर को बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है, जो प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती होगी।