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Azamgarh News: विवाद के बाद महिला शिक्षक संघ की कार्यकारिणी भंग
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आजमगढ़। महिला शिक्षक संघ की जिलाध्यक्ष शिखा मौर्य और मंडल अध्यक्ष प्रज्ञा राय के बीच सोशल मीडिया पर निजी विचारधारा और प्रभुत्व को लेकर उत्पन्न विवाद ने संघ की छवि को धूमिल कर दिया। इस मामले पर प्रांतीय कोर कमेटी ने छह मई को विचार-विमर्श के बाद फैसला लिया।
दोनों पदाधिकारियों को तत्काल प्रभाव से पद से हटाते हुए जनपदीय और मंडलीय कार्यकारिणी भंग कर दी गई। उत्तर प्रदेश महिला शिक्षक संघ की प्रदेश अध्यक्ष सुलोचना मौर्य ने बताया कि संघ ने आठ मार्च को दोनों पदाधिकारियों को लखनऊ के शिविर कार्यालय में समीक्षात्मक बैठक के लिए बुलाया था, लेकिन उनके एक साथ न आने को अनुशासनहीनता माना गया।
कमेटी ने कहा कि शिक्षक, सरकारी सेवक और महिला होने के नाते, अपनी मर्यादा और कर्तव्यों का पालन करने को बाध्य हैं। जाति, धर्म, और राष्ट्रीय मुद्दों पर टिप्पणी कार्मिक नियमों के खिलाफ है। जनपद और मंडल का प्रभार प्रांतीय कार्यकारिणी की सदस्य रुचिता सिंह और अर्चना चौधरी को सौंपा गया है। उन्हें कार्यकारिणी के पुनर्गठन के लिए संयोजक समिति बनाने का निर्देश दिया गया। प्रदेश अध्यक्ष सुलोचना मौर्या ने निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने को कहा। प्रदेश अध्यक्ष सुलोचना मौर्या ने बताया कि उनका व्यक्तिगत मामला है। इसके बाद भी वह दोनों संगठन को बीच में ला रही है, जो गलत है। संगठन अनुशासन से चलता है। शिक्षक वर्ग प्रबुद्धजन में होता है, इसके बाद भी इतनी ओछी हरकत करना बेहद गलत है। इसलिए उन्हें पद से हटा दिया गया है।
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दोनों पदाधिकारियों को तत्काल प्रभाव से पद से हटाते हुए जनपदीय और मंडलीय कार्यकारिणी भंग कर दी गई। उत्तर प्रदेश महिला शिक्षक संघ की प्रदेश अध्यक्ष सुलोचना मौर्य ने बताया कि संघ ने आठ मार्च को दोनों पदाधिकारियों को लखनऊ के शिविर कार्यालय में समीक्षात्मक बैठक के लिए बुलाया था, लेकिन उनके एक साथ न आने को अनुशासनहीनता माना गया।
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कमेटी ने कहा कि शिक्षक, सरकारी सेवक और महिला होने के नाते, अपनी मर्यादा और कर्तव्यों का पालन करने को बाध्य हैं। जाति, धर्म, और राष्ट्रीय मुद्दों पर टिप्पणी कार्मिक नियमों के खिलाफ है। जनपद और मंडल का प्रभार प्रांतीय कार्यकारिणी की सदस्य रुचिता सिंह और अर्चना चौधरी को सौंपा गया है। उन्हें कार्यकारिणी के पुनर्गठन के लिए संयोजक समिति बनाने का निर्देश दिया गया। प्रदेश अध्यक्ष सुलोचना मौर्या ने निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने को कहा। प्रदेश अध्यक्ष सुलोचना मौर्या ने बताया कि उनका व्यक्तिगत मामला है। इसके बाद भी वह दोनों संगठन को बीच में ला रही है, जो गलत है। संगठन अनुशासन से चलता है। शिक्षक वर्ग प्रबुद्धजन में होता है, इसके बाद भी इतनी ओछी हरकत करना बेहद गलत है। इसलिए उन्हें पद से हटा दिया गया है।