आजमगढ़ में प्रदर्शनी: न कराया उद्घाटन, न किया प्रचार, शुरू कर दी प्रदर्शनी; कमाई न होने से दुकानदार परेशान
Azamgarh News: आजमगढ़ में लगी प्रदर्शनी में ग्राहकों की संख्या कम होने से दुकानदारों में निराशा और चिंता साफ झलक रही है। बताया कि इसका प्रचार-प्रसार नहीं कराया गया। एक कार्यक्रम कराया जाता तो इस अनोखी प्रदर्शनी के बारे में लोगों को मालूम होता।
विस्तार
UP News: नगर के कलेक्ट्रेट के सामने स्थित आंबेडकर पार्क में प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है। इसमें 20 दुकानें लगी हैं। प्रदर्शनी का प्रचार प्रसार न होने के कारण काफी कम संख्या में ग्राहक पहुंच रहे हैं। इसके कारण दुकानदारों को अपना प्रतिदिन का खर्च निकालना भी मुश्किल हो रहा है। वहीं जब दुकानदार जाना चाहते हैं तो ठेकेदार उन लोगों से पूरे एक महीने का किराया मांग रहा है। इससे प्रदर्शनी में दुकान लगाने वाले दुकानदार काफी परेशान हैं।
आंबेडकर पार्क में लगी प्रदर्शनी वैसे तो तीन से चार दिन पूर्व से ही संचालित है। यह प्रदर्शनी प्रयागराज से यहां आई है। लखनऊ के रहने वाले नेदाल इस प्रदर्शनी के ठेकेदार हैं। दुकानदारों का आरोप है कि इनकी ओर से न तो कायदे से प्रदर्शनी का प्रचार-प्रसार किया गया और ना ही इसका उद्घाटन कराया गया। इसका परिणाम है कि प्रदर्शनी में लोगों की आमद काफी कम है।
इसके कारण एक दिन का खर्च निकालना भी भारी पड़ रहा है। एक दुकान का ठेकेदार की ओर से 500 रुपये प्रतिदिन का भाड़ा वसूला जाता है। ग्राहकों के न आने से बिक्री न होने के कारण दुकानदार अब अपने घर जाना चाहते हैं। लेकिन ठेकेदार नेदाल उनसे कहते हैं कि पहले एक महीने का भाड़ा हमको दे दो फिर यहां से जाओ। इसे लेकर दुकानदारों में काफी रोष देखने को मिल रहा है।
सुनें दुकानदारों की...
प्रचार के अभाव में दुकान पर इतनी बिक्री नहीं हो पा रही है कि हम चार लोग अपना पेट भर सकें। प्रतिदिन का 500 रुपये भाड़ा हमें अलग से देना है। ठेकेदार हमें जाने भी नहीं दे रहा है। बदायूं से हम कारोबार करने के लिए आए हैं लेकिन नुकसान हो रहा है। - प्रमोद, बदायूं।
हम लोग प्रयागराज से यहां आए हैं। प्रदर्शनी का बिना उद्घाटन के ही शुभारंभ कर दिया गया। इसके कारण ज्यादातर लोगों को इसके बारे में जानकारी ही नहीं है। बिक्री नहीं होने से हम जाना चाहते हैं लेकिन ठेकेदार हमसे एक महीने का भाड़ा मांग रहा है। - विनय कुमार, आगरा।
यह प्रदर्शनी हमारे भाई की ओर से संचालित की जा रही है। इसमें हम कुछ नहीं कर सकते हैं। हम तो सिर्फ इस प्रदर्शनी की देखभाल करते हैं और दुकानदारों को मैनेज करते हैं। - नेदाल, ठेकेदार।
