सपनों की पिच पर संघर्ष: बागपत की बेटियां रोज 15-20 किमी साइकिल चलाकर करती हैं क्रिकेट अभ्यास
बागपत की बेटियां बेहतर सुविधाओं और महिला टूर्नामेंट की कमी के बावजूद रोजाना साइकिल से 15-20 किमी का सफर तय कर क्रिकेट अभ्यास कर रही हैं। लक्ष्य सिर्फ एक-देश के लिए खेलना। कोच और अधिकारी जल्द बड़े टूर्नामेंट कराने की तैयारी में हैं।
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उत्तर प्रदेश के बड़ाैत में मैदानों और कई एकेडमी में रोजाना सुबह के छह बजते ही बल्ले और गेंद की खट-खट सुनाई देने लगती है। फर्क बस इतना है कि ये खिलाड़ी लड़के नहीं, बल्कि वो बेटियां हैं जो भारतीय महिला टीम की स्टार क्रिकेटर हरमनप्रीत कौर, शेफाली वर्मा, दीप्ति शर्मा और जेमिमा को देखकर अपने सपनों को पंख लगाकर उड़ने का प्रयास कर रहीं हैं।
इन बेटियों के लिए न कोई महिला टूर्नामेंट होता है, न ही अभ्यास के लिए उपयुक्त मैदान। बावजूद इसके, ये रोज सुबह मैदान में उतरतीं हैं, नेट पर पसीना बहातीं हैं और बड़े सपनों को हकीकत में बदलने का प्रयास करतीं हैं।
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                                            बड़ौत में कोताना रोड स्थित स्टेडियम में अभ्यास करने वाली हजूराबाद गढ़ी गांव की खिलाड़ी रुचिका चार वर्ष से रोजाना 22 किमी का सफर तय कर बड़ौत पहुंचतीं हैं। वह गाजियाबाद व कानपुर में शानदार बल्लेबाजी कर शतक लगा चुकीं हैं। रुचिका बताती हैं कि गांव ही नहीं आसपास क्षेत्र व बड़ौत शहर में महिला क्रिकेट के लिए कोई अलग प्रतियोगिता नहीं होती। लड़कों के साथ ही अभ्यास करना पड़ता है।
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                जौनमाना की नमिता रोजाना अभ्यास करने के लिए पांच किलोमीटर का सफर साइकिल से तय करतीं हैं। नमिता उत्तर प्रदेश अंडर-15 महिला टीम की कप्तान हैं। उन्होंने महज पांच वर्ष में इतनी पहचान बना ली। नमिता ने स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया 2023-24 में अहमदाबाद में यूपी टीम को चैंपियन बनाने में अहम भूमिका निभाई थी। 
बीसीसीआई अंडर-15 टूर्नामेंट में नागपुर में मध्य प्रदेश के खिलाफ नाबाद 128 रन और नोएडा के खिलाफ 8 ओवर में 100 रन बनाकर उन्होंने सभी को चौंका दिया। भले ही इन बेटियों के पास मैदान नहीं, पर हौसला बड़ा है। सपनों की पिच पर संघर्ष जारी है और ये बेटियां एक दिन जरूर देश के लिए खेलेंगी।
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                जौनमाना गांव की अंशिका चार वर्षों से रोजाना पांच किलोमीटर साइकिल चलाकर बड़ौत अभ्यास करने आती हैं। अंशिका ने भी बुलंदशहर समेत अन्य कई जगहों पर शानदार बल्लेबाजी की। अंशिका बताती हैं कि बागपत में क्रिकेट के नाम पर बेटियों के लिए विशेष सुुविधाएं नहीं हैं।
                                            शहर की महिला खिलाड़ियों ने कई ट्रायल्स में शानदार प्रदर्शन किया है। उन्हें बेहतर प्लेटफॉर्म देने की योजना पर काम चल रहा है। यह जरूर है कि सुविधाएं बढ़ेंगी तो वह ज्यादा बेहतर करेंगी। - विश्वास चौधरी, अध्यक्ष बागपत क्रिकेट एसोसिएशन
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                 
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                महिला क्रिकेट को बढ़ावा देने के लिए जल्द ही कई बड़ी प्रतियोगिता आयोजित की जाएंगी। जिससे बेटियां खेल में आगे बढ़ सकें। इसकी योजना बनाई जा रही है। - अमित कुमार, जिला क्रीड़ाधिकारी
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                शहर की लड़कियाें के खेल में काफी सुधार आया है। अब हर एकेडमी में इनकी संख्या बढ़ती जा रही है। जल्द ही बड़े स्तर पर महिला क्रिकेट टूर्नामेंट कराए जाएंगे। -सुधीर आर्य, क्रिकेट कोच