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UP: बॉर्डर खुला...चार दिन बाद चहल-पहल, खत्म हुई ट्रकों की कतार; Gen-Z प्रोटेस्ट के बाद सीमा पर कैसे हैं हालात?

संजय वर्मा, अमर उजाला, रुपईडीहा (बहराइच) Published by: शाहरुख खान Updated Sun, 14 Sep 2025 02:51 PM IST
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सार

नेपाल बॉर्डर पर चार दिन बाद चहल-पहल शुरू हो गई है। ट्रकों की कतार खत्म हो गई है। रुपईडीहा बॉर्डर खुल गया है। व्यापार पटरी पर लौटने की उम्मीद है।

India Nepal Border: After Four Days, Truck Queue Cleared as Traffic Resumes News in Hindi
नेपाल में हालात सामान्य होने के बाद शनिवार को जमुनहा बाजार में बढ़ी चहल-पहल - फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
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विस्तार
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नेपाल में अंतरिम सरकार के गठन के बाद भारत-नेपाल सीमा पर हालात धीरे-धीरे सामान्य होने लगे हैं। सील रुपईडीहा बॉर्डर शनिवार सुबह 10 बजे खोल दिया गया। इससे दोनों देशों के नागरिकों व मालवाहक वाहनों का आवागमन शुरू हो गया। 
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कड़ी जांच के बाद ही सभी को आगे भेजा जा रहा है। सीसीटीवी कैमरों से भी निगरानी की जा रही है। इस बीच आईसीपी के पास लैंड पोर्ट में लगी ट्रकों की कतार भी करीब समाप्त हो गई।
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नेपाल में उपद्रव और बॉर्डर सील होने के कारण भारत-नेपाल व्यापार पांच दिन तक ठप रहा। इस दौरान भारत के निर्यातकों का करीब 22 करोड़ रुपये का टर्नओवर प्रभावित हुआ है। वहीं, लैंड पोर्ट प्रशासन को भी 12 लाख रुपये से अधिक का नुकसान उठाना पड़ा। 

राहत की बात यह रही कि नेपाल के हालात को देखते हुए ट्रकों से सामान्य शुल्क ही लिया गया। इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट (आईसीपी) में प्रतिदिन रुकने पर लगने वाला जुर्माना माफ कर दिया गया।

आवागमन शुरू होने से शनिवार सुबह बॉर्डर पर रौनक लौटी। करीब 10 हजार लोग नेपाल से भारत आए। एसएसबी के अनुसार करीब पांच हजार नेपाली नागरिक भी यहां से नेपाल गए। साप्ताहिक अवकाश के कारण नेपाल में सरकारी कार्यालय बंद रहे। रविवार से सरकारी कार्यालयों के भी खुलने की उम्मीद है, जिससे हालात और भी सामान्य होंगे।

धीरे-धीरे व्यापार पटरी पर लौटने की उम्मीद
बॉर्डर खुलने से स्थानीय व्यापारियों ने भी राहत की सांस ली। उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल, कोषाध्यक्ष बलराम मिश्रा, संरक्षक विजय मित्तल और रतन अग्रवाल ने बताया कि धीरे-धीरे व्यापार पटरी पर लौटने की उम्मीद है। 

व्यापारी नेताओं के अनुसार शनिवार को नेपाल से बड़ी संख्या में खरीदार रुपईडीहा बाजार आए। इससे एक दिन में करीब 50 लाख रुपये के कारोबार की उम्मीद है। नेपाली नागरिकों ने सबसे ज्यादा खाद्य पदार्थों की खरीद की। चीनी, नमक, आलू और दवाओं की भी खरीदारी बढ़ी रही।

 

आगजनी के बाद खुला नेपाली कस्टम
नेपालगंज बांके पश्चिम नेपाल के सबसे बड़े कस्टम ने शुक्रवार से राजस्व संग्रह शुरू कर दिया है। जेनजी आंदोलन के कारण अस्त-व्यस्त और प्रभावित बने नेपालगंज सहित बांके जिले का जनजीवन सामान्य होने के बाद आईसीपी से आवश्यक सामग्री से लदे ट्रकों को नेपालगंज भेजना शुरू किया गया। 

 

नेपालगंज कस्टम अधिकारी एवं सूचना अधिकारी पवित्रकुमार खड़का ने बताया कि शुक्रवार को पेट्रोलियम पदार्थ, सब्जी और खाद्यान्न के 98 वाहनों को कस्टम कर नेपालगंज की ओर भेजा गया। बुधवार को ही वाहनों को भेजने की तैयारी थी, लेकिन आगजनी और तोड़फोड़ शुरू होने के कारण रोके गए 38 पेट्रोलियम टैंकरों को सबसे पहले भेजा गया। 

 

इन सभी वाहनों को सुरक्षा कारणों से बुधवार को सीमापार रूपईडीहा की और आईसीपी में ले जाया गया था। स्थिति सामान्य होने के बाद उन्हें कस्टम कर नेपालगंज भेजने का काम किया गया। पहले के 38 और शुक्रवार को 60 वाहनों की कस्टम प्रक्रिया पूरी कर भेजा गया। 

 

भेजे गए वाहनों में पहले के डीजल, पेट्रोल और हवाई ईंधन के 34 टैंकर और गैस बुलेट के चार वाहन थे। शुक्रवार को कस्टम किए गए 21 डीजल, 23 गैस बुलेट, 11 पेट्रोल और दो हवाई इंधन के टैंकर थे। 

 

जेनजी आंदोलन के दौरान जयसपुर स्थित पुराने कस्टम कार्यालय और जमुनाहा नाके के यात्री शाखा को जला दिया गया था। आईसीपी को कोई नुकसान नहीं हुआ। पुराने कस्टम कार्यालय में मुकदमा से जुड़े कार्य होते थे, जहां सभी दस्तावेज, कंप्यूटर और नीलामी के लिए रखे सैकड़ों वाहन जलकर नष्ट हो गए। 

 

कड़ी निगरानी के बीच ही आवागमन 
एसएसबी 42वीं वाहिनी रुपईडीहा सीमा चौकी के सहायक कमांडेंट अभिषेक कुमार ने बताया कि बॉर्डर खोल दिया गया है। आवागमन को लेकर स्थिति सामान्य है। लोग सुगमता से आवाजाही कर रहे हैं। नेपाली सीमा क्षेत्र जमुनहा इलाका प्रहरी कार्यालय इंचार्ज उपेंद्र बुढा थोकी ने बताया कि लंबी दूरी की बसें सुर्खेत, बर्दिया, दांग और तुलसीपुर जैसे क्षेत्रों के लिए शुक्रवार शाम से ही संचालित हो गई हैं। उम्मीद है कि अगले एक-दो दिन में हालात पूरी तरह सामान्य हो जाएंगे।

 

करोड़ों का कारोबार हुआ प्रभावित
बॉर्डर सील होने से करोड़ों का कारोबार प्रभावित हुआ है। निर्यातक वर्ग को बड़ा नुकसान झेलना पड़ा है। फिलहाल नेपाल बॉर्डर खुल चुका है, लेकिन नुकसान की भरपाई एक दिन में नहीं हो सकती।- सुधीर शर्मा, प्रबंधक लैंड पोर्ट, रुपईडीहा
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