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Ballia News: पूरे दिन बारिश, 15 किमी की रफ्तार से चलीं हवाएं
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अचानक हुई बारिश के चलते नगर के टीडी कालेज चौराह स्कूटी पर छाता लेकर अपने गंतव्य को जाती महिला व
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बलिया। बंगाल की खाड़ी में बने चक्रवाती तूफान ‘मोंथा’ और अरब सागर में बने अवदाब के प्रभाव का असर जिले में बुधवार को दिखाई दिया। रिमझिम बारिश देर शाम तक होती रही। बारिश से गिरे तापमान से लोगों को ठंड का एहसास होने लगा है।
सोमवार की शाम से ही आसमान में बादल छाने लगे थे। बूंदाबांदी संग कई क्षेत्रों में रिमझिम बारिश भी हुई लेकिन बुधवार को पूरे जनपद में इसका असर देखने का मिला। मौसम में आए इस बदलाव के कारण एक दिन पूर्व के अधिकतम तापमान में मामूली गिरावट देखी गई। बारिश के बीच हवाएं लगभग 15 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चलीं। इससे शहर सहित ग्रामीण इलाकों की सड़कें कीचड़युक्त हो गईं।
जिससे चलना मुश्किल हो गया है। लोगों की दिनचर्या पर इसका अधिक असर पड़ा। शाम होते ही बाजार में सन्नाटा पसर गया। मौसम विज्ञान केंद्र, पटना के निदेशक आशीष कुमार ने बताया कि चक्रवाती तूफान मोंथा का प्रभाव 30 से 31 अक्तूबर तक रहने की प्रबल संभावना है।
इस दौरान हवा के साथ गरज चमक के साथ मध्यम दर्जे की बारिश हो सकती है। मौसम साफ दो नवंबर से होने लगेगा। मौसम के मिजाज को देखते हुए किसान अपने खेतों की तैयारी करें।
कृषि विज्ञान केन्द्र, सोहांव के वैज्ञानिक डॉ सोमेंद्र नाथ ने बताया कि तेज बारिश हुई तो धान की फसलों को नुकसान होगा साथ ही खेतों में मटर की बोआई भी प्रभावित हो सकती है। इस बारिश से ज्यादा नुकसान ही होगा। गेहूं की बोआई के लिए बारिश फायदेमंद साबित हो सकती है क्योंकि खेतों में नमी आ जाएगी।
सोमवार की शाम से ही आसमान में बादल छाने लगे थे। बूंदाबांदी संग कई क्षेत्रों में रिमझिम बारिश भी हुई लेकिन बुधवार को पूरे जनपद में इसका असर देखने का मिला। मौसम में आए इस बदलाव के कारण एक दिन पूर्व के अधिकतम तापमान में मामूली गिरावट देखी गई। बारिश के बीच हवाएं लगभग 15 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चलीं। इससे शहर सहित ग्रामीण इलाकों की सड़कें कीचड़युक्त हो गईं।
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जिससे चलना मुश्किल हो गया है। लोगों की दिनचर्या पर इसका अधिक असर पड़ा। शाम होते ही बाजार में सन्नाटा पसर गया। मौसम विज्ञान केंद्र, पटना के निदेशक आशीष कुमार ने बताया कि चक्रवाती तूफान मोंथा का प्रभाव 30 से 31 अक्तूबर तक रहने की प्रबल संभावना है।
इस दौरान हवा के साथ गरज चमक के साथ मध्यम दर्जे की बारिश हो सकती है। मौसम साफ दो नवंबर से होने लगेगा। मौसम के मिजाज को देखते हुए किसान अपने खेतों की तैयारी करें।
कृषि विज्ञान केन्द्र, सोहांव के वैज्ञानिक डॉ सोमेंद्र नाथ ने बताया कि तेज बारिश हुई तो धान की फसलों को नुकसान होगा साथ ही खेतों में मटर की बोआई भी प्रभावित हो सकती है। इस बारिश से ज्यादा नुकसान ही होगा। गेहूं की बोआई के लिए बारिश फायदेमंद साबित हो सकती है क्योंकि खेतों में नमी आ जाएगी।