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Balrampur News: कटान से निजात नहीं, गांवों में मुश्किलें बढ़ीं

Lucknow Bureau लखनऊ ब्यूरो
Updated Thu, 18 Sep 2025 10:48 PM IST
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There is no relief from erosion, difficulties increase in the villages
बलरामपुर के मधवापुर गांव ​स्थित  पंचायत भवन के पास हो रहा कटान ।-संवाद
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ललिया/महराजगंज तराई/बलरामपुर। राप्ती नदी से कटान का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। सैकड़ों बीघा उपजाऊ जमीन कटान की भेंट चढ़ गई, अब सदर तहसील के चौकाकला गांव के मजरा मधवापुर का पंचायत भवन भी खतरे में पड़ गया है। लौकहवा डिप पर अब तक पानी भरा होने से आवागमन बाधित है। वहीं, तराई के बाढ़ प्रभावित इलाकों में पानी उतरने के बाद बीमारियों का खतरा बढ़ने लगा है।
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सदर तहसील की ग्राम पंचायत चौकाकला के मजरे मधवापुर में पंचायत भवन राप्ती नदी की धारा में समाहित होने के कगार पर पहुंच गया है। भवन को बचाने के लिए मिट्टी और बालू से भरी बोरियां डाली जा रही हैं, लेकिन कटान इतनी तेज है कि इसे बचा पाना मुश्किल लग रहा है। ग्रामीण पलटन यादव ने बताया कि उपजाऊ जमीन नदी में समाहित हो रही है। राजेंद्र वर्मा ने कहा कि अब तक कई बीघा खेत नदी की भेंट चढ़ चुके हैं। पंचम यादव का कहना है कि नदी उनकी खड़ी फसलें बहा ले गई। ग्रामीणाें का कहना है खेती ही रोजी-रोटी का एकमात्र साधन है, लेकिन अब जमीन धीरे-धीरे नदी में समा रही है।ललिया-हरिहरगंज मार्ग पर लौकहवा डिप पर अभी पानी भरा है, जिससे आवागमन प्रभावित है।
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स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंची गांव
उधर, तराई क्षेत्र के बाढ़ प्रभावित गांवों में पानी उतरने के साथ बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। महराजगंज तराई और तुलसीपुर के कई गांवों में स्वास्थ्य विभाग की टीमें पहुंचीं। ग्राम पंचायत रामगढ़ मैटहवा में डॉ. तुफैल और उनकी टीम ने ग्रामीणों को संक्रमण से बचाव के उपाय बताए और मुफ्त दवा, क्लोरीन की गोलियां व ओआरएस के पैकेट बांटे। डॉ. तुफैल ने कहा कि दूषित पानी से हैजा, डायरिया और टाइफाइड जैसी बीमारियां फैल सकती हैं। उन्होंने ग्रामीणों से उबला पानी पीने, ताजा भोजन करने और बच्चों की स्वच्छता पर ध्यान देने की अपील की।
तीनों तहसीलों के एसडीएम को दिया गया निर्देश
राप्ती नदी का जलस्तर चेतावनी बिंदु से नीचे पहुंच गया है। बरसात की संभावना अब कम हो गई है। कटान प्रभावितों गांवों में संबंधित विभागों के अधिकारियों को कटानरोधी कार्य कराने के निर्देश दिए गए हैं। पहाड़ी नालों की बाढ़ से प्रभावित गांवों में एसडीएम काे नुकसान का आकलन कराने का निर्देश दिया गया है। राप्ती में बाढ़ घटने के बाद भी सभी विभागों को अलर्ट पर रखा गया है।

- पवन अग्रवाल, डीएम
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