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Barabanki News: उत्सव में बिखरी सांस्कृतिक छटा
संवाद न्यूज एजेंसी, बाराबंकी
Updated Sun, 14 Sep 2025 02:04 AM IST
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बाराबंकी। अयोध्या रोड स्थित वेदम वर्ल्ड स्कूल में शनिवार को बड़े हर्षोल्लास के साथ ग्रैंड पेरेंट्स डे मनाया गया। कार्यक्रम में बच्चों ने अपने दादा-दादी और नाना-नानी के प्रति आदर, प्रेम और कृतज्ञता व्यक्त की। इस अवसर पर विद्यालय परिसर में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ परंपरा और पारिवारिक मूल्यों की छटा बिखरी रही। कार्यक्रम का उद्देश्य बच्चों में बुजुर्गों के प्रति सम्मान, सेवा भावना और अनुभव की महत्ता को जागृत करना था।
कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती की प्रतिमा पर दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। इसके बाद छात्र-छात्राओं को नौतिक मूल्यों से जुड़ी शिक्षा का महत्व बताया गया। छोटे बच्चों द्वारा प्रस्तुत नमस्ते दादी-नाना समूह गीत ने कार्यक्रम में विशेष आकर्षण जोड़ दिया।
साथ ही नृत्य, कविता पाठ और नाट्य मंचन के माध्यम से बच्चों ने बताया कि दादा-दादी का साथ जीवन में प्रेरणा और नैतिकता का स्रोत है।
प्रधानाचार्या उमा जोशी ने कहा कि तेजी से बदलते समाज में संयुक्त परिवार का स्वरूप भले बदल रहा हो, लेकिन दादा-दादी का अनुभव और स्नेह बच्चों के जीवन में अनमोल आधार है। उनका आशीर्वाद बच्चों को संस्कार और आत्मबल प्रदान करता है। कार्यक्रम में आए वरिष्ठ जनों ने विद्यालय के प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि यह आयोजन केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि जीवन के अनुभव साझा करने और संस्कारों को अगली पीढ़ी तक पहुंंचाने का सशक्त माध्यम है।
कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य बुजुर्गों के प्रति सम्मान बढ़ाना, पारिवारिक परंपराओं को सहेजना, सेवा भाव विकसित करना और अनुभव के महत्व को समझाना रहा। अंत में बच्चों ने अपने ग्रैंड पेरेंट्स के चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लिया। पूरे विद्यालय में प्रेम, अपनत्व और पारिवारिक संस्कारों का वातावरण दिखाई दिया।

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कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती की प्रतिमा पर दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। इसके बाद छात्र-छात्राओं को नौतिक मूल्यों से जुड़ी शिक्षा का महत्व बताया गया। छोटे बच्चों द्वारा प्रस्तुत नमस्ते दादी-नाना समूह गीत ने कार्यक्रम में विशेष आकर्षण जोड़ दिया।
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साथ ही नृत्य, कविता पाठ और नाट्य मंचन के माध्यम से बच्चों ने बताया कि दादा-दादी का साथ जीवन में प्रेरणा और नैतिकता का स्रोत है।
प्रधानाचार्या उमा जोशी ने कहा कि तेजी से बदलते समाज में संयुक्त परिवार का स्वरूप भले बदल रहा हो, लेकिन दादा-दादी का अनुभव और स्नेह बच्चों के जीवन में अनमोल आधार है। उनका आशीर्वाद बच्चों को संस्कार और आत्मबल प्रदान करता है। कार्यक्रम में आए वरिष्ठ जनों ने विद्यालय के प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि यह आयोजन केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि जीवन के अनुभव साझा करने और संस्कारों को अगली पीढ़ी तक पहुंंचाने का सशक्त माध्यम है।
कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य बुजुर्गों के प्रति सम्मान बढ़ाना, पारिवारिक परंपराओं को सहेजना, सेवा भाव विकसित करना और अनुभव के महत्व को समझाना रहा। अंत में बच्चों ने अपने ग्रैंड पेरेंट्स के चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लिया। पूरे विद्यालय में प्रेम, अपनत्व और पारिवारिक संस्कारों का वातावरण दिखाई दिया।