बाराबंकी। यात्रियों को तेज रफ्तार में सुरक्षित सफर कराने के लिए रेलवे ने ऐतिहासिक कदम उठाया है। पूर्वोत्तर रेलवे ने अपने सभी समपार फाटकों पर इलेक्ट्रॉनिक इंटरलाॅकिंग और ऑटोमेटिक ब्लॉक सिग्नल सिस्टम से लैस करने का काम शुरू कर दिया है। रेल मंत्रालय ने इस परियोजना के लिए 1000 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया है। पहले चरण में बाराबंकी से गोरखपुर होते हुए छपरा तक 425 किमी लंबे रेलमार्ग पर यह सिस्टम लगाया जाएगा। इसका सीधा फायदा बाराबंकी होकर जाने वाली सभी ट्रेनों को मिलेगा।
बाराबंकी से गोरखपुर होते हुए छपरा तक का ट्रैक ही पूर्वाेत्तर रेलवे का मुख्य मार्ग है। यह लाइन लखनऊ को अयोध्या और गोंडा जैसे महत्वपूर्ण स्टेशनों से जोड़ती है। अधिकारियों के अनुसार, नई व्यवस्था लागू होने के बाद ट्रेनें बाराबंकी होकर गुजरते समय भी स्टेशनों की तरह ग्रीन, येलो, डबल येलो और रेड चार तरह के सिग्नल पाएंगी। अब गेटमैन को पटरियों पर लाल झंडी दिखाने की जरूरत नहीं होगी। इससे मानवीय भूल से होने वाली दुर्घटनाओं पर रोक लगेगी और क्रॉसिंग पर ट्रेनें धीमी नहीं होंगी। इससे उनके इंजन को बार-बार दबाव नहीं झेलना पड़ेगा।
स्थानीय रेलवे अधिकारियों का कहना है कि इस व्यवस्था से बाराबंकी जंक्शन, जो लखनऊ से पूर्वांचल जाने वाले सभी मार्गों की धुरी है, वहां से गुजरने वाली ट्रेनों का समय पालन सुधरेगा और यात्रियों को राहत मिलेगी।