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Barabanki News: डीसीएम की चपेट में आकर बाबा-पोते की गई जान
संवाद न्यूज एजेंसी, बाराबंकी
Updated Mon, 08 Dec 2025 01:56 AM IST
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जिला अस्पताल परिसर में हंगामा करते सड़क हादसे में मृतकके परिजन।
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बाराबंकी। देवा चिनहट रोड पर रविवार शाम बरेठी गांव के पास तेज रफ्तार डीसीएम की टक्कर से बाइक सवार बुजुर्ग व उनके पोते की मौत हो गई। स्थानीय लोगों ने तत्काल 108 नंबर पर कॉल की, लेकिन एंबुलेंस मौके पर नहीं पहुंची। लोगों ने एक पिकअप की मदद से घायलों को जिला अस्पताल भेजा, जो डेढ़ घंटे बाद जिला अस्पताल पहुंची। वहां डॉक्टरों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया। इसके बाद परिजन आक्रोशित हो गए और हंगामा करने लगे। उनका आरोप था कि अस्पताल पहुंचाने में देरी से दोनों की जान चली गई। हंगामा कर रहे परिजनों को पुलिस ने किसी समझा-बुझाकर मामला शांत कराया।
लखनऊ के गुलाम हुसैन पुरवा विभूति खंड निवासी आयुष यादव (20) बाराबंकी के फतेहपुर के एक निजी कॉलेज में स्नातक द्वितीय वर्ष के छात्र थे। रविवार को आयुष को उसके बाबा रामस्वरूप (60) बाइक से परीक्षा दिलाने बाराबंकी लेकर आए थे। शाम को दोनों लखनऊ लौट रहे थे। इस दौरान बरेठी के पास सामने से आ रही अनियंत्रित डीसीएम बाइक से जा भिड़ी। हादसे के बाद दादा व पोता वहीं लहूलुहान होकर गिर पड़े। दुर्घटना के बाद चालक डीसीएम छोड़कर भाग गया। स्थानीय लोगों ने पुलिस व एंबुलेंस को सूचना दी, लेकिन एंबुलेंस के न आने से ग्रामीणों ने पुलिसकर्मियों की मदद से एक पिकअप से दोनों घायलों को को जिला अस्पताल भेजा। हादसे के करीब डेढ़ घंटे बाद दोनों अस्पताल लाए, गए जहां मृत घोषित कर दिया गया।
परिजनों का आरोप है कि एंबुलेंस समय पर न पहुंचने और इलाज में देरी के कारण दोनों की जान नहीं बच सकी। जिला अस्पताल में परिजनों ने हंगामा किया। परिजनों का आरोप है कि जिला अस्पताल की इमरजेंसी में भी डॉक्टर नहीं थे। सूचना पर सीओ सिटी संगम कुमार समेत कई अधिकारी मौके पर पहुंचे और स्थिति को शांत कराया।
लखनऊ से परिजन पहुंच गए बाद में आई पिकअप
सूचना मिलने के बाद लखनऊ से आयुष के पिता रामसिंह, चाचा मिथुन व अन्य परिजन बाराबंकी अस्पताल पहुंचे। उनके पहुंचने के बाद भी एंबुलेंस नहीं आई थी। अस्पताल में आयुष की दादी ने पोते व पति का शव देखा तो लिपट कर रोने लगीं। वह बोलीं कि इन्होंने तो 60 बरस देख लिए थे... भगवान ने पाेते को असमय अपने पास बुला लिया।
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लखनऊ के गुलाम हुसैन पुरवा विभूति खंड निवासी आयुष यादव (20) बाराबंकी के फतेहपुर के एक निजी कॉलेज में स्नातक द्वितीय वर्ष के छात्र थे। रविवार को आयुष को उसके बाबा रामस्वरूप (60) बाइक से परीक्षा दिलाने बाराबंकी लेकर आए थे। शाम को दोनों लखनऊ लौट रहे थे। इस दौरान बरेठी के पास सामने से आ रही अनियंत्रित डीसीएम बाइक से जा भिड़ी। हादसे के बाद दादा व पोता वहीं लहूलुहान होकर गिर पड़े। दुर्घटना के बाद चालक डीसीएम छोड़कर भाग गया। स्थानीय लोगों ने पुलिस व एंबुलेंस को सूचना दी, लेकिन एंबुलेंस के न आने से ग्रामीणों ने पुलिसकर्मियों की मदद से एक पिकअप से दोनों घायलों को को जिला अस्पताल भेजा। हादसे के करीब डेढ़ घंटे बाद दोनों अस्पताल लाए, गए जहां मृत घोषित कर दिया गया।
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परिजनों का आरोप है कि एंबुलेंस समय पर न पहुंचने और इलाज में देरी के कारण दोनों की जान नहीं बच सकी। जिला अस्पताल में परिजनों ने हंगामा किया। परिजनों का आरोप है कि जिला अस्पताल की इमरजेंसी में भी डॉक्टर नहीं थे। सूचना पर सीओ सिटी संगम कुमार समेत कई अधिकारी मौके पर पहुंचे और स्थिति को शांत कराया।
लखनऊ से परिजन पहुंच गए बाद में आई पिकअप
सूचना मिलने के बाद लखनऊ से आयुष के पिता रामसिंह, चाचा मिथुन व अन्य परिजन बाराबंकी अस्पताल पहुंचे। उनके पहुंचने के बाद भी एंबुलेंस नहीं आई थी। अस्पताल में आयुष की दादी ने पोते व पति का शव देखा तो लिपट कर रोने लगीं। वह बोलीं कि इन्होंने तो 60 बरस देख लिए थे... भगवान ने पाेते को असमय अपने पास बुला लिया।