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होली पर बच्चों की पहली पसंद बनीं नई तरह की पिचकारिया
अमर उजाला ब्यूरो/बाराबंकी
Updated Sun, 20 Mar 2016 11:21 PM IST
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बाराबंकी। रविवार को होली की तैयारियों को लेकर शहर बाजार में पिचकारियों की खरीदारी करतीं महिलाएं।
- फोटो : अमर उजाला
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होली के रंग में लोग अभी से सराबोर होने लगे हैं। पिचकारियों व कई रंगों के गुलाल से बाजार पटा पड़ा है। रंगों की कई वैरायटी लोगों को खासा आकर्षित कर रही है। नई तरीके की कार्टून पिचकारी, मैजिक वाटर बैलून, होली स्मोक स्टिक और काटन कलर बॉल होली के खास खिलौने आदि बच्चों की पसंद बनी हुई है।
मस्ती का उत्सव होली मात्र रंगों का ही त्योहार नहीं है, बल्कि यह वह सोच है जो होली के बहाने लोगों को खुलकर जीने का सबब देती है। होली के उल्लास का रंग फिजाओें में घुलने लगा है और बाजार विभिन्न प्रकार के रंग, गुलाल, पिचकारियों आदि से सज चुका है।
माल से लेकर फुटपाथ पर बाजार सज चुका है। रंगों के त्योहार को लेकर बच्चों से लेकर बड़ों में भी उत्साह साफ झलक रहा है। पिचकारियां भले ही चायनीज हो मगर इसमें कनपुरिया रंग भरा जाएगा। चाइनीज पिचकारियां बीस रुपये से लेकर छह सौ रुपये तक बाजार में उपलब्ध हैं।
बजरंगी भाईजान, रूपा, टाम जैरी, डायना, कलर स्प्रे, ड्रैगन, चायना प्रेशर, जैसी पिचकारियाें से बाजार सजा हुआ है। पिचकारी व रंग विक्रेता संजय निगम ने बताया कि चायनीज पिचकारी की डिमांड अधिक होने के कारण इसे दिल्ली से मंगाया जाता है लेकिन रंग ज्यादातर कानपुर से लाते हैं।

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माल से लेकर फुटपाथ पर बाजार सज चुका है। रंगों के त्योहार को लेकर बच्चों से लेकर बड़ों में भी उत्साह साफ झलक रहा है। पिचकारियां भले ही चायनीज हो मगर इसमें कनपुरिया रंग भरा जाएगा। चाइनीज पिचकारियां बीस रुपये से लेकर छह सौ रुपये तक बाजार में उपलब्ध हैं।
बजरंगी भाईजान, रूपा, टाम जैरी, डायना, कलर स्प्रे, ड्रैगन, चायना प्रेशर, जैसी पिचकारियाें से बाजार सजा हुआ है। पिचकारी व रंग विक्रेता संजय निगम ने बताया कि चायनीज पिचकारी की डिमांड अधिक होने के कारण इसे दिल्ली से मंगाया जाता है लेकिन रंग ज्यादातर कानपुर से लाते हैं।