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Bhadohi News: सीएचसी खांसी-बुखार के इलाज तक सिमटे, मरीज लगा रहे 40 किमी की दौड़

Varanasi Bureau वाराणसी ब्यूरो
Updated Thu, 11 Dec 2025 01:32 AM IST
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CHCs are limited to treating coughs and fevers, with patients running 40 km.
ज्ञानपुर जिला चिकित्सालय में मरीज देखते चिकित्सक। संवाद
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ज्ञानपुर (भदोही)। जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मौसमी बीमारियों खांसी-बुखार के अस्पताल बनकर रह गए हैं। यहां न तो जांच की सुविधा है, ना ही पर्याप्त संख्या में विशेषज्ञों की तैनाती है। इसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। समस्या गंभीर होने पर उपचार के लिए मरीजों को 35 से 40 किमी का चक्कर लगाकर महाराजा चेत सिंह जिला चिकित्सालय या महाराजा बलवंत सिंह राजकीय चिकित्सालय पहुंचना पड़ता है। तब उन्हें समुचित उपचार मिल पाता है। डेढ़ से दो लाख लोगों को स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने वाले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र डीघ पर मौसमी बीमारियों की दवाएं तो मिलती हैं लेकिन गंभीर बीमारी से ग्रसित मरीजों को दवा के लिए निजी अस्पतालों या 40 किमी दूर जिला अस्पताल आना पड़ता है। कोनिया, धनतुलसी, सीतामढ़ी, नारेपार, बेरवा पहाड़पुर, गडेरिया की बारी, केवटाहीं सहित दर्जनों गांवों के लोग उपचार के लिए जिला मुख्यालय आते हैं। यहां लगा हेल्थ एटीएम शो पीस बन गया है। ऊंज क्षेत्र के 30 से अधिक गांवों में एक भी स्वास्थ्य केंद्र नहीं है। भानीपुर-दुर्गागंज सीएचसी पर अल्ट्रासाउंड तक की व्यवस्था नहीं है। खून जांच की भी कोरम पूर्ति होती है। मरीजों को 25 से 30 किमी दूर जिला मुख्यालय जाना पड़ता है। सुरियावां सीएचसी पर सबसे अधिक ओपीडी होती है। यहां जौनपुर, भदोही के मरीजों का उपचार किया जाता है। जौनपुर के कूसा, आलमगंज, तिवारीपुर, बनकट, कारो सहित दर्जनों गांवों और भदोही के अभिया, सुरियावां नगर, कस्तूरीपुर, कैड़ा, महुआपुर, महजूदा, चौगुना के मरीज उपचार कराने आते हैं। सीएचसी पर सुविधाएं नदारद हैं। जांच की व्यवस्था शून्य है। चौरी क्षेत्र के लोग उपचार कराने के लिए करीब 20 से 25 किमी दूर भदोही या वाराणसी जाते हैं। औराई क्षेत्र के पिलखिनी गांव निवासी सुखराज बिंद ने बताया कि गंभीर बीमारी होने पर जिला मुख्यालय या भदोही जाना पड़ता है। वहां से वाराणसी रेफर किया जाना तय रहता है, इसलिए पहले ही वाराणसी चले जाते हैं। अस्पताल में जो व्यवस्थाएं हैं, उन्हें और दुरुस्त किया जाना चाहिए।
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