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Bhadohi News: चार निकायों में एमआरएफ ठप, कचरे में लगा रहे आग
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घोसीया के एमआरएफ सेंटर पर कूडा जला कर हो रहा निस्तारण। संवाद
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ज्ञानपुर। जिले के सात में से चार नगर निकायों ज्ञानपुर, सुरियावां, घोसिया और नई बाजार में कचरे का निस्तारण कागजों पर किया जा रहा है। करीब दो करोड़ रुपये खर्च कर बनाए गए मैटीरियल रिकवरी फैसिलिटी (एमआरएफ) सेंटर शोपीस बने हैं। दूसरी ओर सुरियावां और घोसिया नगरों में कचरे के निस्तारण के बजाय जलाकर प्रदूषण और बीमारियों को न्योता दिया जा रहा है। चारों निकायों में हर दिन औसतन 30 से 35 टन कचरा निकलता है। ज्ञानपुर में एक महीने से बिजली की तकनीकी खामी से सेंटर बंद पड़ा है।
जिले में भदोही और गोपीगंज नगर पालिका और ज्ञानपुर, सुरियावां, घोसिया, खमरिया एवं नई बाजार नगर पंचायतें हैं। नगर निकायों में कचरे के निस्तारण के लिए एमआरएफ सेंटर बनाए गए हैं। हर निकाय में लगभग 50 लाख रुपये एमआरएफ सेंटर के निर्माण पर खर्च किए गए हैं। जहां गीला और सूखा कचरा अलग करने के साथ ही कचरे से खाद बनाने की भी सुविधा है। निकायों में कागजों पर तो एमआरएफ सेंटर खूब दौड़ रहे हैं लेकिन हकीकत इससे जुदा है। मंगलवार को एमआरएफ सेंटरों की पड़ताल में पता चला कि सुरियावां के शहीद नगर वार्ड 12 नगर में पांच साल पहले एमआरएफ सेंटर बनाया गया। नगर में रोज 10 से 12 टन कचरा निकलता है, जिसे सेंटर के पास लाकर रख दिया जाता है। मगर, यहां कूड़े को जला दिया जाता है। तीन साल पहले घोसिया में बने एमआरएफ सेंटर को अब तक चालू नहीं किया जा सका है। यहां मशीन तो रखी है लेकिन कचरे को जलाकर निस्तारित किया जाता है। नईबाजार के एमआरएफ सेंटर में ताला लगा रहा।
दूसरी तरफ खमरिया में गीला और सूखा कचरा अलग तो किया जाता है लेकिन उसका निस्तारण कैसे किया जाता है, यह जिम्मेदार नहीं बता सके। ज्ञानपुर में दो महीने से सेंटर बिजली न होने से बंद है।
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क्षेत्र को प्रदूषित कर रहा कूड़े से उठने वाला धुआं
घोसिया और सुरियावां में कचरे का निस्तारण तो नहीं कराया जा सका है लेकिन उसमें आग लगा दी जा रही है। इससे एक तरफ कचरे से निकलने वाले प्रदूषित धुएं से पूरा क्षेत्र प्रभावित हो रहा है। वहीं प्लास्टिक आदि के जलने से आसपास के लोगों की सेहत पर भी इसका असर पड़ रहा है। जिले के सात निकायों में करीब 80 से 85 टन कचरा निकलता है। इसमें चार निकायों में 30 से 35 टन कचरा रोज निकलता है।
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शिकायत के बाद भी नहीं सुनते जिम्मेदार
सुरियावां के शहीद नगर के सभासद ने कचरे में आग लगाने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि एक तरफ तो कचरे को निस्तारित नहीं किया जाता है, दूसरी ओर उसमें आग लगा देने से प्रदूषण की समस्या बढ़ गई है। कई बार एमआरएफ के संचालन की मांग की गई लेकिन ठोस कदम नहीं उठाए गए। इसी तरह वार्ड 12 के ही प्रियांशु बघेल ने कहा कि नगर पंचायत की उदासीनता से नगर में संक्रामक बीमारी फैलने की आशंका है।
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वर्जन
जिले के निकायों में बने एमआरएफ सेंटरों में ही कचरे का निस्तारण किया जाना है। अगर उसमें आग लगाई जा रही है तो यह गलत है। जहां-जहां सेंटर का संचालन नहीं हो रहा है। उनसे बात कर संचालित कराया जाएगा। जहां तकनीकी खामियां हैं, उन्हें दुरुस्त कराने का निर्देश दिया जाएगा। - धर्मराज सिंह, निकाय नोडल।
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जिले में भदोही और गोपीगंज नगर पालिका और ज्ञानपुर, सुरियावां, घोसिया, खमरिया एवं नई बाजार नगर पंचायतें हैं। नगर निकायों में कचरे के निस्तारण के लिए एमआरएफ सेंटर बनाए गए हैं। हर निकाय में लगभग 50 लाख रुपये एमआरएफ सेंटर के निर्माण पर खर्च किए गए हैं। जहां गीला और सूखा कचरा अलग करने के साथ ही कचरे से खाद बनाने की भी सुविधा है। निकायों में कागजों पर तो एमआरएफ सेंटर खूब दौड़ रहे हैं लेकिन हकीकत इससे जुदा है। मंगलवार को एमआरएफ सेंटरों की पड़ताल में पता चला कि सुरियावां के शहीद नगर वार्ड 12 नगर में पांच साल पहले एमआरएफ सेंटर बनाया गया। नगर में रोज 10 से 12 टन कचरा निकलता है, जिसे सेंटर के पास लाकर रख दिया जाता है। मगर, यहां कूड़े को जला दिया जाता है। तीन साल पहले घोसिया में बने एमआरएफ सेंटर को अब तक चालू नहीं किया जा सका है। यहां मशीन तो रखी है लेकिन कचरे को जलाकर निस्तारित किया जाता है। नईबाजार के एमआरएफ सेंटर में ताला लगा रहा।
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दूसरी तरफ खमरिया में गीला और सूखा कचरा अलग तो किया जाता है लेकिन उसका निस्तारण कैसे किया जाता है, यह जिम्मेदार नहीं बता सके। ज्ञानपुर में दो महीने से सेंटर बिजली न होने से बंद है।
क्षेत्र को प्रदूषित कर रहा कूड़े से उठने वाला धुआं
घोसिया और सुरियावां में कचरे का निस्तारण तो नहीं कराया जा सका है लेकिन उसमें आग लगा दी जा रही है। इससे एक तरफ कचरे से निकलने वाले प्रदूषित धुएं से पूरा क्षेत्र प्रभावित हो रहा है। वहीं प्लास्टिक आदि के जलने से आसपास के लोगों की सेहत पर भी इसका असर पड़ रहा है। जिले के सात निकायों में करीब 80 से 85 टन कचरा निकलता है। इसमें चार निकायों में 30 से 35 टन कचरा रोज निकलता है।
शिकायत के बाद भी नहीं सुनते जिम्मेदार
सुरियावां के शहीद नगर के सभासद ने कचरे में आग लगाने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि एक तरफ तो कचरे को निस्तारित नहीं किया जाता है, दूसरी ओर उसमें आग लगा देने से प्रदूषण की समस्या बढ़ गई है। कई बार एमआरएफ के संचालन की मांग की गई लेकिन ठोस कदम नहीं उठाए गए। इसी तरह वार्ड 12 के ही प्रियांशु बघेल ने कहा कि नगर पंचायत की उदासीनता से नगर में संक्रामक बीमारी फैलने की आशंका है।
वर्जन
जिले के निकायों में बने एमआरएफ सेंटरों में ही कचरे का निस्तारण किया जाना है। अगर उसमें आग लगाई जा रही है तो यह गलत है। जहां-जहां सेंटर का संचालन नहीं हो रहा है। उनसे बात कर संचालित कराया जाएगा। जहां तकनीकी खामियां हैं, उन्हें दुरुस्त कराने का निर्देश दिया जाएगा। - धर्मराज सिंह, निकाय नोडल।