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Bhadohi News: एकमा की आम सभा में ईमेल आईडी के दुरुपयोग का मामला उठा
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भदोही। अखिल भारतीय कालीन निर्माता संघ (एकमा) के 64 वें सालाना आम सभा में शनिवार को ई-मेल के दुरुपयोग को लेकर हंगामा हुआ। कुछ सदस्यों ने आरोप लगाया कि एकमा कालीन उद्योग की सबसे बड़ी संस्था है। इसकी ईमेल आईडी का दुरुपयोग हो रहा है। काफी देर तक इस पर चर्चा के बाद एकमा के मानद सचिव पीयूष बरनवाल ने दो ईमेल आईडी को सही बताते हुए इसकी जानकारी सार्वजनिक की। कहा कि यही दो आईडी सही हैं। अन्य कोई भी मेल आईडी होगी तो जांच कराकर उसे बंद की जाएगी। इन्हीं दो मेल आईडी पर ही आधिकारिक जानकारियों का आदान-प्रदान होगा। बैठक में एकमा के वर्ष 2025-26 का 9.96 लाख घाटे का बजट पारित किया गया।
बैठक में सादिक अंसारी ने सवाल किया कि एकमा के कितनी ईमेल आईडी कार्यरत है? उन्होंने कहा कि एक अन्य ईमेल आईडी का पता चला है जिससे एकमा के पत्रावली प्रसारित हो रही है। अगर यह एकमा का ईमेल आईडी है तो आम सभा में इसकी जानकारी दी जाए। इस पर मानद सचिव की ओर से जवाब आया कि बहुत पहले एक ईमेल आईडी इस्तेमाल हुआ था। जो अब प्रचलन में नहीं है। पुरानी मेल आईडी को बंद किया जाएगा। उन्होंने एकमा के दो ईमेल आईडी को ही सही बताया। यह भी कहा कि दोनों ईमेल आईडी एकमा के लेटर हेड पर साफ-साफ दर्ज है। इसके पूर्व सीए केपी दूबे ने एकमा का बजट पेश किया। उन्होंने बताया कि चालू वित्त वर्ष में एकमा की विभिन्न स्रोतों से कुल आय 16.33 लाख अनुमानित है। जिसमें से 26.29 लाख रुपये खर्च हो गए। कुल मिलाकर यह 9.96 लाख के घाटे का बजट है। बजट को बिना किसी फेरबदल के ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। अध्यक्षता पूर्व एकमाध्यक्ष गुलामन अंसारी ने की। इस मौके पर हाजी शौकत अली, ओंकार नाथ मिश्रा, रवि पाटोदिया, राजेश कुमार, उमेश शुक्ला, असलम महबूब, संजय गुप्ता, उमेश गुप्ता, इम्तीयाज अंसारी, पंकज बरनवाल, असीम अंसारी, जेपी गुप्ता, अशफाक अंसारी, अब्दुल सत्तार, आलोक बरनवाल, हाजी शाहिद हुसैन, एजाज अंसारी, नीरज बरनवाल, आरके बोथरा, शिवसागर तिवारी आदि रहे।
बंद की गई योजनाओं को फिर से चालू करने पर जोर दिया गया
इसके पूर्व मानद सचिव ने गत वर्ष की वार्षिक रिपोर्ट सदन में प्रस्तुत किया। उन्होंने गत वर्ष की उपलब्धियां गिनाईं साथ ही भविष्य के लिए केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय की ओर से बंद की गई योजनाओं की फिर से बहाली के लिए काम करने पर जोर दिया। कहा कि केंद्र सरकार से मिल रहे ड्यूटी ड्राबैक, ब्याज क्षतिपूर्ति जैसी योजनाएं बंद कर दी गई हैं। वाणिज्य मंत्रालय से इन योजनाओं के फिर से शुरू करने की मांग की है। लोगों ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार ने रोडटेप योजना भी बनाई लेकिन अब तक कालीन उद्योग पर इसे लागू नहीं किया जा सका। उसका भी लाभ दिलाए जाने के लिए सरकार से मिल कर नए सिरे से प्रयास करने पर जोर दिया गया। बैठक में गत वित्त वर्ष में कालीन उद्योग से जुड़ी प्रमुख हस्तियों के दिवंगत होने पर याद कर श्रद्धांजलि दी गई।
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बैठक में सादिक अंसारी ने सवाल किया कि एकमा के कितनी ईमेल आईडी कार्यरत है? उन्होंने कहा कि एक अन्य ईमेल आईडी का पता चला है जिससे एकमा के पत्रावली प्रसारित हो रही है। अगर यह एकमा का ईमेल आईडी है तो आम सभा में इसकी जानकारी दी जाए। इस पर मानद सचिव की ओर से जवाब आया कि बहुत पहले एक ईमेल आईडी इस्तेमाल हुआ था। जो अब प्रचलन में नहीं है। पुरानी मेल आईडी को बंद किया जाएगा। उन्होंने एकमा के दो ईमेल आईडी को ही सही बताया। यह भी कहा कि दोनों ईमेल आईडी एकमा के लेटर हेड पर साफ-साफ दर्ज है। इसके पूर्व सीए केपी दूबे ने एकमा का बजट पेश किया। उन्होंने बताया कि चालू वित्त वर्ष में एकमा की विभिन्न स्रोतों से कुल आय 16.33 लाख अनुमानित है। जिसमें से 26.29 लाख रुपये खर्च हो गए। कुल मिलाकर यह 9.96 लाख के घाटे का बजट है। बजट को बिना किसी फेरबदल के ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। अध्यक्षता पूर्व एकमाध्यक्ष गुलामन अंसारी ने की। इस मौके पर हाजी शौकत अली, ओंकार नाथ मिश्रा, रवि पाटोदिया, राजेश कुमार, उमेश शुक्ला, असलम महबूब, संजय गुप्ता, उमेश गुप्ता, इम्तीयाज अंसारी, पंकज बरनवाल, असीम अंसारी, जेपी गुप्ता, अशफाक अंसारी, अब्दुल सत्तार, आलोक बरनवाल, हाजी शाहिद हुसैन, एजाज अंसारी, नीरज बरनवाल, आरके बोथरा, शिवसागर तिवारी आदि रहे।
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बंद की गई योजनाओं को फिर से चालू करने पर जोर दिया गया
इसके पूर्व मानद सचिव ने गत वर्ष की वार्षिक रिपोर्ट सदन में प्रस्तुत किया। उन्होंने गत वर्ष की उपलब्धियां गिनाईं साथ ही भविष्य के लिए केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय की ओर से बंद की गई योजनाओं की फिर से बहाली के लिए काम करने पर जोर दिया। कहा कि केंद्र सरकार से मिल रहे ड्यूटी ड्राबैक, ब्याज क्षतिपूर्ति जैसी योजनाएं बंद कर दी गई हैं। वाणिज्य मंत्रालय से इन योजनाओं के फिर से शुरू करने की मांग की है। लोगों ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार ने रोडटेप योजना भी बनाई लेकिन अब तक कालीन उद्योग पर इसे लागू नहीं किया जा सका। उसका भी लाभ दिलाए जाने के लिए सरकार से मिल कर नए सिरे से प्रयास करने पर जोर दिया गया। बैठक में गत वित्त वर्ष में कालीन उद्योग से जुड़ी प्रमुख हस्तियों के दिवंगत होने पर याद कर श्रद्धांजलि दी गई।