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Budaun News: हाईवे पर अवैध कट... कोहरे में बढ़ सकती है हादसों की रफ्तार
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हाईवे पर मुडिया के पास अवैध कट। संवाद
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बदायूं। बरेली-मथुरा हाईवे पर पचास से अधिक अवैध कट बने हुए हैं। जहां आए दिन लोग हादसों का शिकार हो रहे हैं। जिले से होकर निकले इस हाईवे पर कई जगह पर बने अवैध कटों पर कोई सुधारात्मक कार्य नहीं हो सके हैं। कोहरे के मौसम में यह कट और अधिक जानलेवा साबित होंगे।
जिले में होने वाले हादसों में कमी लाने के लिए शासन गंभीर है। जिले के 11 थाना क्षेत्रों को क्रिटिकल घोषित कर दिया गया है। इन थानों पर 11 सदस्यों की एक-एक टीम भी बना दी गई है। ताकि हादसों में कमी आ सके। साथ ही सड़क सुरक्षा मित्र स्वयंसेवकों को भी लगाया जा रहा है, लेकिन अवैध कट कैसे बंद हों और इन पर सुधारात्मक कार्य हो सकें, इसके लिए प्रशासन व विभाग दोनों ही लापरवाह बरत रहे हैं। अब यही कट कोहरे में हादसों की रफ्तार बढ़ा सकते हैं।
सोमवार को कट वाले क्षेत्रों की पड़ताल में सामने आया कि इन्हें बंद कराने के एक-दो दिन बाद ही स्थानीय लोगों ने मौत के शॉर्टकट दोबारा बना लिए। बिनावर से विजय नगला तक तीन जगहों पर अवैध कट मिले। विजय नगला से घटपुरी तक दो अवैध कट हैं। जिले की सीमा की बात करें तो बिनावर से कछला तक पचास अवैध कट मिले। ऐसा कोई कट नहीं है जहां हादसा न हाे चुका हो। पिछले महीने ही विजय नगला के पास अवैध कट से बाइक सवार दो लोग निकल रहे थे सामने से तेज रफ्तार वाहन ने बाइक को टक्कर मार दी थी, जिसमें दोनों युवकों की मौत हो गई थी। इस तरह के हादसे आए दिन सामने आ रहे हैं।
बाइपास पर मौत के कट
शहर को जाम से निजात दिलाने के लिए बाइपास को पटेल चौक से होकर राजकीय मेडिकल कॉलेज के पास निकाला गया है। इस रोड पर बड़े छोटे वाहनों का तेज रफ्तार में आना-जाना लगा रहता है। इस रास्ते पर दस कट हैं, कई कट लोगों की जान ले चुके हैं। इसके बाद भी विभाग ने इस ओर ध्यान नहीं दिया है।
वैध कट के ये हैं नियम
- एनएचएआई मानचित्र लगाकर लोगों को सचेत करे।
- वैध कट से 20 मीटर पहले सांकेतिक बोर्ड लगाए जाते हैं।
- वैध कट में एक वेटिंग लाइन भी दी जाती है, जिससे हाईवे पर चल रहे बड़े वाहनों को दिक्कत न हो।
- वैध कट में मार्ग पर मार्किंग भी होती है, जो रोड के ऊपर पीली लाइन में नजर आती है। यह लाइन थोड़ी उभरी हुई होती है, जिससे वाहन चालकों को यह पता चल जाता है कि आगे डिवाइडर पर कट है।
- वैध कट डिवाइडर पर एक ब्लींकर लाइट भी लगाई जाती है। यह पीले रंग की होती है।
ब्लैक स्पॉट पर कार्य पूरा हो चुका है। अवैध कटों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। दो से तीन टीमें लगातार इस पर काम कर रहीं हैं। जहां पर बड़े अवैध कट हैं, उनका लगभग कार्य पूरा भी हो चुका है। यह अभियान निरंतर जारी रहेगा। - उत्कर्ष शुक्ला, परियोजना निदेशक, एनएचएआई
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जिले में होने वाले हादसों में कमी लाने के लिए शासन गंभीर है। जिले के 11 थाना क्षेत्रों को क्रिटिकल घोषित कर दिया गया है। इन थानों पर 11 सदस्यों की एक-एक टीम भी बना दी गई है। ताकि हादसों में कमी आ सके। साथ ही सड़क सुरक्षा मित्र स्वयंसेवकों को भी लगाया जा रहा है, लेकिन अवैध कट कैसे बंद हों और इन पर सुधारात्मक कार्य हो सकें, इसके लिए प्रशासन व विभाग दोनों ही लापरवाह बरत रहे हैं। अब यही कट कोहरे में हादसों की रफ्तार बढ़ा सकते हैं।
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सोमवार को कट वाले क्षेत्रों की पड़ताल में सामने आया कि इन्हें बंद कराने के एक-दो दिन बाद ही स्थानीय लोगों ने मौत के शॉर्टकट दोबारा बना लिए। बिनावर से विजय नगला तक तीन जगहों पर अवैध कट मिले। विजय नगला से घटपुरी तक दो अवैध कट हैं। जिले की सीमा की बात करें तो बिनावर से कछला तक पचास अवैध कट मिले। ऐसा कोई कट नहीं है जहां हादसा न हाे चुका हो। पिछले महीने ही विजय नगला के पास अवैध कट से बाइक सवार दो लोग निकल रहे थे सामने से तेज रफ्तार वाहन ने बाइक को टक्कर मार दी थी, जिसमें दोनों युवकों की मौत हो गई थी। इस तरह के हादसे आए दिन सामने आ रहे हैं।
बाइपास पर मौत के कट
शहर को जाम से निजात दिलाने के लिए बाइपास को पटेल चौक से होकर राजकीय मेडिकल कॉलेज के पास निकाला गया है। इस रोड पर बड़े छोटे वाहनों का तेज रफ्तार में आना-जाना लगा रहता है। इस रास्ते पर दस कट हैं, कई कट लोगों की जान ले चुके हैं। इसके बाद भी विभाग ने इस ओर ध्यान नहीं दिया है।
वैध कट के ये हैं नियम
- एनएचएआई मानचित्र लगाकर लोगों को सचेत करे।
- वैध कट से 20 मीटर पहले सांकेतिक बोर्ड लगाए जाते हैं।
- वैध कट में एक वेटिंग लाइन भी दी जाती है, जिससे हाईवे पर चल रहे बड़े वाहनों को दिक्कत न हो।
- वैध कट में मार्ग पर मार्किंग भी होती है, जो रोड के ऊपर पीली लाइन में नजर आती है। यह लाइन थोड़ी उभरी हुई होती है, जिससे वाहन चालकों को यह पता चल जाता है कि आगे डिवाइडर पर कट है।
- वैध कट डिवाइडर पर एक ब्लींकर लाइट भी लगाई जाती है। यह पीले रंग की होती है।
ब्लैक स्पॉट पर कार्य पूरा हो चुका है। अवैध कटों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। दो से तीन टीमें लगातार इस पर काम कर रहीं हैं। जहां पर बड़े अवैध कट हैं, उनका लगभग कार्य पूरा भी हो चुका है। यह अभियान निरंतर जारी रहेगा। - उत्कर्ष शुक्ला, परियोजना निदेशक, एनएचएआई

हाईवे पर मुडिया के पास अवैध कट। संवाद

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