Nepal Protest: नेपाल के होटल में फंसे बदायूं के 23 श्रद्धालु, केंद्र सरकार से वापस लाने की लगाई गुहार
बदायूं के जिला पंचायत सदस्य और भाजपा नेता समेत 23 श्रद्धालु सात सितंबर को नेपाल गए थे। उनकी 11 सितंबर को वापसी होनी थी, लेकिन हिंसक प्रदर्शन के चलते ये लोग वहीं फंस गए हैं। सभी श्रद्धालु वहां के एक होटल में रुके हुए हैं। उन्होंने वीडियो जारी कर केंद्र सरकार से वापस लाने की गुहार लगाई है।

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नेपाल में हिंसक प्रदर्शन के बीच बदायूं जिले के 23 श्रद्धालु वहां फंस गए हैं। सभी श्रद्धालु एक होटल में रुके हैं। इनमें जिला पंचायत सदस्य कुलदीप गुप्ता, भाजपा नेता मोनिका सक्सेना सहित इस्लामगर कस्बे के व्यापारी और सरकारी कर्मचारी दंपती भी शामिल हैं। इन श्रद्धालुओं ने वीडियो जारी कर हाथ जोड़कर भारत सरकार से वहां से निकालने की गुहार लगाई है।

जानकारी के अनुसार, सात सितंबर को इस्लामनगर कस्बे से श्रद्धालुओं का दल नेपाल के पशुपतिनाथ, जनकपुरी और मुक्तिधाम दर्शन करने गया था। पशुपतिनाथ मंदिर के दर्शन करने के बाद ही वहां जेन जी का प्रदर्शन हो गया। हालात बिगड़ने पर श्रद्धालुओं का दल होटल के अंदर ही बंद हो गया।
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श्रद्धालुओं ने बताया कि बाहर सड़कों पर उपद्रवी और फसादी घूम रहे हैं, जिससे होटल से निकलना असंभव हो गया है। श्रद्धालुओं ने अपने परिजनों से फोन पर हुई वार्ता में यह भी बताया कि होटल के अंदर खाने-पीने की कोई व्यवस्था नहीं है। वहीं एयरपोर्ट तक पहुंचने का कोई साधन नहीं बचा है। सभी लोग लगातार सरकार से अपील कर रहे हैं कि उन्हें तुरंत भारत वापस बुलाया जाए।

अरुण कुमार, मोनिका सक्सेना, वीरेंद्र कुमार, कविता वार्ष्णेय,कुलदीप गुप्ता ,पूनम गुप्ता,राजेश गुप्ता ,मधुबाला गुप्ता,संजय शंखधर, शीतल शंखधर,दिनेश वार्ष्णेय ,खुशबू वार्ष्णेय,सतीश शर्मा, कुसुम शर्मा,नवनीश साहनी , सिम्मी साहनी, मुकेश वार्ष्णेय, नीलिमा वार्ष्णेय, योगेश वार्ष्णेय , गीता वार्ष्णेय, जयशंकर वार्ष्णेय, संध्या और सुरभि भी इस समूह में शामिल हैं।
11 सितंबर को होनी थी श्रद्वालुओं की वापसी
इन श्रद्धालुओं को 11 सितंबर को यात्रा पूरी कर वापस लौटना था, लेकिन हालात बिगड़ने से वह वहीं फंस गए। परिजन लगातार फोन पर उनसे संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं। दूतावास एवं सरकारी विभागों से संपर्क साधकर उन्हें जल्द से जल्द सुरक्षित भारत लाने की मांग कर रहे हैं। श्रद्धालुओं के फंसे होने की खबर से कस्बे के लोग भी चिंतित हैं। शुभचिंतक लगातार उनकी सुरक्षित वापसी के लिए प्रार्थना कर रहे हैं। केंद्र सरकार से त्वरित कार्रवाई की उम्मीद कर रहे हैं।