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Budaun News: किस का कितना आपराधिक इतिहास... जुड़ रहा पांच साल का हिसाब
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बदायूं। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव नजदीक आते ही जिले में कानून-व्यवस्था को लेकर पुलिस-प्रशासन पूरी तरह सतर्क हो गया है। जिले की 1037 ग्राम पंचायतों में चुनाव शांतिपूर्ण, निष्पक्ष और भयमुक्त कराने के उद्देश्य से पुलिस ने अपराधी सत्यापन से लेकर शस्त्र लाइसेंसों के सत्यापन तक व्यापक स्तर पर कार्रवाई शुरू कर दी है। जिले में करीब 16 हजार शस्त्र लाइसेंस धारक हैं। पिछले पांच वर्षों में अपराधों में संलिप्त रहे लोगों का भी विस्तृत डाटा तैयार किया जा रहा है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, जिले भर में अब तक 5000 से अधिक ऐसे व्यक्तियों को चिह्नित किया जा चुका है, जिनके विरुद्ध बीते पांच वर्षों में आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें बिजली चोरी, पारिवारिक विवाद और सड़क दुर्घटनाओं जैसे मामलों को छोड़कर शेष सभी अपराधों को श्रेणीवार अलग-अलग सूचीबद्ध किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त हिस्ट्रीशीटर और संगीन अपराधों में शामिल अपराधियों को अलग श्रेणी में रखा गया है, जिन पर चुनाव से पूर्व कड़ी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।
संवेदनशील गांवों की पहचान
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को देखते हुए पुलिस ने जिले के उन गांवों की भी सूची तैयार की है, जहां चुनावी रंजिश, आपसी झगड़े या जातीय तनाव की आशंका रहती है। 200 से अधिक गांव अब तक प्रधानी की रंजिश के कारण संवेदनशील व अति संवेदनशील चिह्नित किए गए हैं। 50 से अधिक गांव जातीय सियासत और सामाजिक तनाव के चलते संवेदनशील माने गए हैं।
शस्त्र लाइसेंस सत्यापन तेज, घर-घर पहुंच रहीं टीमें
जिला पुलिस ने शस्त्र लाइसेंसों के सत्यापन का कार्य भी तेज कर दिया है। जिले में कुल लगभग 16 हजार शस्त्र लाइसेंस पंजीकृत हैं। पुलिस टीमें लाइसेंसधारकों के घर जाकर उनका सत्यापन कर रहीं हैं। इस दौरान शस्त्र के साथ लाइसेंसधारक का फोटो लिया जा रहा है तथा शस्त्र का नंबर, पता और अन्य विवरण अपडेट किए जा रहे हैं।
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने के उद्देश्य से पुलिस ने अपना काम शुरू कर दिया है। असामाजिक तत्वों, आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों और नियमों का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। - डॉ. बृजेश कुमार सिंह, एसएसपी
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पुलिस सूत्रों के अनुसार, जिले भर में अब तक 5000 से अधिक ऐसे व्यक्तियों को चिह्नित किया जा चुका है, जिनके विरुद्ध बीते पांच वर्षों में आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें बिजली चोरी, पारिवारिक विवाद और सड़क दुर्घटनाओं जैसे मामलों को छोड़कर शेष सभी अपराधों को श्रेणीवार अलग-अलग सूचीबद्ध किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त हिस्ट्रीशीटर और संगीन अपराधों में शामिल अपराधियों को अलग श्रेणी में रखा गया है, जिन पर चुनाव से पूर्व कड़ी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।
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संवेदनशील गांवों की पहचान
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को देखते हुए पुलिस ने जिले के उन गांवों की भी सूची तैयार की है, जहां चुनावी रंजिश, आपसी झगड़े या जातीय तनाव की आशंका रहती है। 200 से अधिक गांव अब तक प्रधानी की रंजिश के कारण संवेदनशील व अति संवेदनशील चिह्नित किए गए हैं। 50 से अधिक गांव जातीय सियासत और सामाजिक तनाव के चलते संवेदनशील माने गए हैं।
शस्त्र लाइसेंस सत्यापन तेज, घर-घर पहुंच रहीं टीमें
जिला पुलिस ने शस्त्र लाइसेंसों के सत्यापन का कार्य भी तेज कर दिया है। जिले में कुल लगभग 16 हजार शस्त्र लाइसेंस पंजीकृत हैं। पुलिस टीमें लाइसेंसधारकों के घर जाकर उनका सत्यापन कर रहीं हैं। इस दौरान शस्त्र के साथ लाइसेंसधारक का फोटो लिया जा रहा है तथा शस्त्र का नंबर, पता और अन्य विवरण अपडेट किए जा रहे हैं।
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने के उद्देश्य से पुलिस ने अपना काम शुरू कर दिया है। असामाजिक तत्वों, आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों और नियमों का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। - डॉ. बृजेश कुमार सिंह, एसएसपी
