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Budaun News: स्टाफ को रूम हीटर दे रहे गर्मी, प्रसूताएं रहीं सिकुड़
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जिला अस्पताल में भर्ती महिलाएं। संवाद
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बदायूं। जिला महिला अस्पताल में भीषण ठंड से बचने के लिए डाॅक्टर और कर्मचारी हीटर का सहारा ले रहे हैं, वहीं भर्ती प्रसूताओं को यूं ही छोड़ दिया गया है। हीटर का इंतजाम न किए जाने से प्रसूताएं कंबल में सिकुड़ रहीं हैं। ऐसा तब है जबकि सीएमओ ने इसको लेकर सभी को निर्देशित किया हुआ है।
जिला महिला अस्पताल में भर्ती मरीजों को सर्दी से बचाने के नाम पर केवल औपचारिकता निभाई जा रही है। अस्पताल प्रशासन की ओर से मरीजों को एक-एक बेहद पतला कंबल दिया गया है, जो कड़ाके की ठंड में किसी काम का नहीं है। वार्डों में भर्ती प्रसूताएं रात भर ठंड से कांपती रहीं, जबकि नवजात शिशुओं को भी पर्याप्त गर्माहट नहीं मिल सकी।
मरीजों और उनके तीमारदारों का कहना है कि पतले कंबल से ठंड नहीं जाती, मजबूरी में घर से अपने कंबल और रजाइयां मंगानी पड़ रही हैं। कई गरीब परिवार ऐसे भी हैं, जो बाहर से कंबल लाने में असमर्थ हैं, उनके लिए हालात और भी ज्यादा गंभीर बने हुए हैं। तीमारदारों का आरोप है कि शिकायत करने पर अस्पताल स्टाफ यही कहकर पल्ला झाड़ लेता है कि “कंबल तो यही मिलेंगे।”
सीएमओ ने 10 दिसंबर को दिए थे वार्डों में हीटर लगाने के निर्देश
कोल्ड वेब को ध्यान में रखते हुए सीएमओ डॉ. रामेश्वर मिश्रा ने 10 दिसंबर को सभी अस्पतालों के वार्ड में हीटर लगाने के निर्देश दिए थे। 10 दिन निकल जाने के बाद भी जिला महिला अस्पताल में आज तक किसी वार्ड में हीटर नहीं लग सके हैं, जिसकी वजह से मरीजों को ठंड में रात कटनी मुश्किल हो रही है।
अस्पतालों में हीटर लगाने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि मरीजों को ठंड में परेशानी न हो, अगर जिला महिला अस्पताल में ऐसा नहीं हुआ, तो इस संबंध में जवाब मांगा जाएगा। -डॉ. रामेश्वर मिश्रा, सीएमओ
सभी वार्ड में हीटर लगाने के लिए दिए गए हैं, लेकिन वह क्यों नहीं जलाए जा रहे, इसके बारे में स्टाफ से पूछेंगे। हालांकि कितने हीटर वार्ड में दिए गए हैं, इसकी जानकारी नहीं है। - डॉ. शोभा अग्रवाल, सीएमएस, जिला महिला अस्पताल
रात 10:10 बजे
इस सर्दी में कंबल से नहीं मिल रही राहत
महिला अस्पताल की पहली मंजिल पर बने वार्ड में प्रसव के बाद महिला और उनके नवजात बच्चे को भर्ती किया जाता है। यहां चार वार्ड हैं और कुल 40 बेड हैं। यहां मिलीं सुनीता ने बताया कि उनकी बहन का प्रसव हुआ है। कंबल तो मिला, लेकिन इससे राहत नहीं मिल रही। हीटर लगा होता तो थोड़ा सुकून प्रसूता और नवजात दोनों को मिल जाता। यहीं मिले ओमकार ने बताया कि करीबी रिश्तेदार का प्रसव हुआ है। कंबल मिला है, लेकिन यह ऐसा नहीं है कि प्रसूता और नवजात दोनों को ओढ़ाया जा सके। यहां हीटर भी नहीं है। रात भर परेशानी होती है। किसी भी वार्ड में हीटर नहीं लगे हैं।
रात 10:15 बजे
मरीजों की नहीं स्टॉफ को अपनी चिंता
मरीजों काे भर्ती करने के लिए बने वार्डाें में भले ही कोई हीटर न लगा हो, लेकिन पीएनसी वार्ड में स्टाफ व डॉक्टर हीटर में जरूर बैठ रहे हैं। सर्दी बढ़ी है तो चिकित्सक और नर्सिंग स्टाफ ने अपने कक्ष में हीटर लगा लिया है। इससे उन्हें राहत मिल रही है। स्टॉफ को हीटर के इस्तेमाल पर न तो आपत्ति है न पाबंदी। ऐसा लगता है कि मरीजों की जरूरत को दरकिनार कर स्टाफ अपनी सहूलियत की चिंता कर रहा है।
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जिला महिला अस्पताल में भर्ती मरीजों को सर्दी से बचाने के नाम पर केवल औपचारिकता निभाई जा रही है। अस्पताल प्रशासन की ओर से मरीजों को एक-एक बेहद पतला कंबल दिया गया है, जो कड़ाके की ठंड में किसी काम का नहीं है। वार्डों में भर्ती प्रसूताएं रात भर ठंड से कांपती रहीं, जबकि नवजात शिशुओं को भी पर्याप्त गर्माहट नहीं मिल सकी।
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मरीजों और उनके तीमारदारों का कहना है कि पतले कंबल से ठंड नहीं जाती, मजबूरी में घर से अपने कंबल और रजाइयां मंगानी पड़ रही हैं। कई गरीब परिवार ऐसे भी हैं, जो बाहर से कंबल लाने में असमर्थ हैं, उनके लिए हालात और भी ज्यादा गंभीर बने हुए हैं। तीमारदारों का आरोप है कि शिकायत करने पर अस्पताल स्टाफ यही कहकर पल्ला झाड़ लेता है कि “कंबल तो यही मिलेंगे।”
सीएमओ ने 10 दिसंबर को दिए थे वार्डों में हीटर लगाने के निर्देश
कोल्ड वेब को ध्यान में रखते हुए सीएमओ डॉ. रामेश्वर मिश्रा ने 10 दिसंबर को सभी अस्पतालों के वार्ड में हीटर लगाने के निर्देश दिए थे। 10 दिन निकल जाने के बाद भी जिला महिला अस्पताल में आज तक किसी वार्ड में हीटर नहीं लग सके हैं, जिसकी वजह से मरीजों को ठंड में रात कटनी मुश्किल हो रही है।
अस्पतालों में हीटर लगाने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि मरीजों को ठंड में परेशानी न हो, अगर जिला महिला अस्पताल में ऐसा नहीं हुआ, तो इस संबंध में जवाब मांगा जाएगा। -डॉ. रामेश्वर मिश्रा, सीएमओ
सभी वार्ड में हीटर लगाने के लिए दिए गए हैं, लेकिन वह क्यों नहीं जलाए जा रहे, इसके बारे में स्टाफ से पूछेंगे। हालांकि कितने हीटर वार्ड में दिए गए हैं, इसकी जानकारी नहीं है। - डॉ. शोभा अग्रवाल, सीएमएस, जिला महिला अस्पताल
रात 10:10 बजे
इस सर्दी में कंबल से नहीं मिल रही राहत
महिला अस्पताल की पहली मंजिल पर बने वार्ड में प्रसव के बाद महिला और उनके नवजात बच्चे को भर्ती किया जाता है। यहां चार वार्ड हैं और कुल 40 बेड हैं। यहां मिलीं सुनीता ने बताया कि उनकी बहन का प्रसव हुआ है। कंबल तो मिला, लेकिन इससे राहत नहीं मिल रही। हीटर लगा होता तो थोड़ा सुकून प्रसूता और नवजात दोनों को मिल जाता। यहीं मिले ओमकार ने बताया कि करीबी रिश्तेदार का प्रसव हुआ है। कंबल मिला है, लेकिन यह ऐसा नहीं है कि प्रसूता और नवजात दोनों को ओढ़ाया जा सके। यहां हीटर भी नहीं है। रात भर परेशानी होती है। किसी भी वार्ड में हीटर नहीं लगे हैं।
रात 10:15 बजे
मरीजों की नहीं स्टॉफ को अपनी चिंता
मरीजों काे भर्ती करने के लिए बने वार्डाें में भले ही कोई हीटर न लगा हो, लेकिन पीएनसी वार्ड में स्टाफ व डॉक्टर हीटर में जरूर बैठ रहे हैं। सर्दी बढ़ी है तो चिकित्सक और नर्सिंग स्टाफ ने अपने कक्ष में हीटर लगा लिया है। इससे उन्हें राहत मिल रही है। स्टॉफ को हीटर के इस्तेमाल पर न तो आपत्ति है न पाबंदी। ऐसा लगता है कि मरीजों की जरूरत को दरकिनार कर स्टाफ अपनी सहूलियत की चिंता कर रहा है।

जिला अस्पताल में भर्ती महिलाएं। संवाद

जिला अस्पताल में भर्ती महिलाएं। संवाद
