{"_id":"68c71b6fb87ae807ee0987ea","slug":"crowd-of-fasting-women-gathered-at-pddu-junction-security-arrangements-were-tight-chandauli-news-c-189-1-svns1012-136425-2025-09-15","type":"story","status":"publish","title_hn":"Chandauli News: व्रती महिलाओं की पीडीडीयू जंक्शन पर उमड़ी भीड़, सुरक्षा व्यवस्था रही कड़ी","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Chandauli News: व्रती महिलाओं की पीडीडीयू जंक्शन पर उमड़ी भीड़, सुरक्षा व्यवस्था रही कड़ी
विज्ञापन

विज्ञापन
बिहार से गंगा स्नान करने वाराणसी जाने वाली व्रती महिलाओं की पीडीडीयू जंक्शन पर भीड़ उमड़ी। महिलाओं को संभालने में आरपीएफ और वाणिज्य विभाग की टीम के पसीने छूट गए। भीड़ को संभालने के लिए अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई।
शनिवार की रात और रविवार को दिन में एक लाख महिलाओं की भीड़ जुटी। संतान के दीर्घायु होने की इच्छा से जिउतिया व्रत करने वाली महिलाएं गंगा स्नान की इच्छा से बिहार से महिलाएं पं. दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन पहुंची।
यहां से महिलाएं विभिन्न ट्रेनों और सड़क मार्ग से वाराणसी रवाना हुई। शनिवार की रात और रविवार को एक लाख से अधिक महिलाएं पं. दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन पर पहुंची।
महिलाओं की भीड़ को संभालने में आरपीएफ और वाणिज्य विभाग के अधिकारियों के पसीने छूट गए। निराजल व्रती महिलाएं काशी में गंगा स्नान के लिए शनिवार की रात से ही पीडीडीयू जंक्शन पहुंचने लगी थी।
रात में आसनसोल वाराणसी मेमू एक्सप्रेस, जम्मूतवी एक्सप्रेस, धनबाद लुधियाना गंगा सतलुज एक्सप्रेस, विभूति एक्सप्रेस, दून एक्सप्रेस, हिमगिरी एक्सप्रेस आदि ट्रेनों से महिलाएं वाराणसी गई।
इसके पहले आरा वाराणसी मेमू, पटना पीडीडीयू पैसेंजर, पीडीडीयू नगर डेहरी ऑन सोन पैसेजर सहित अन्य ट्रेनों से भी महिलाएं पीडीडीयू जंक्शन पर पहुंची। इस दौरान सुरक्षा के मद्देनजर आरपीएफ निरीक्षक प्रदीप कुमार रावत और सीएसजी एनके मिश्र सहित अन्य लोग डंटे रहे।
पीडीडीयू जंक्शन पर 2007 में 14 महिलाओं की हुई थी मौत
पं. दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन पर 18 वर्ष पहले तीन अक्तूबर 2007 को जिउतिया के दिन ही लगभग 12 बजे अचानक प्लेटफार्म बदलने और टिकट चेकिंग की अफवाह के कारण भगदड़ मच गई और इसमें 14 व्रती महिलाओं की जान चली गई थी।
इसके बाद से यहां व्यवस्था बदली और जिउतिया पर भीड़ को संभालने के लिए विशेष इंतजाम किए जाते हैं। 18 वर्ष पहले जिउतिया के दिन 12 बजे बिहार से पैसेंजर ट्रेन आई थी।
महिलाएं वाराणसी की ट्रेन पकड़ने के लिए सकरे पुल से दो नंबर प्लेटफार्म पर पहुंची। इसी बीच घोषणा हुई कि वाराणसी की ट्रेन चार नंबर प्लेटफार्म पर जाएंगी। ऐसे में महिलाएं चार नंबर पर जाने के लिए फुटओवर ब्रिज की सीढि़यां चढ़ने लगी।
इस बीच अफवाह फैली कि चार नंबर पर टिकट चेकिंग चल रही है। ऐसे में महिलाएं वापस दो नंबर प्लेटफार्म की तरफ मुड़ गईं और इसी में भगदड़ मच गई और कुचलने से 14 महिलाओं की मौत हो गई।
तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव पीडीडीयू जंक्शन पहुंचे और लोको अस्पताल में पहुंच कर महिलाओं का हाल चाल लिया। मृतकों के परिवार वालों को एक लाख जबकि घायलों को 50 हजार रुपये का मुआवजा दिया गया।
इसके बाद से यहां सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए जाते हैं। न तो उस फुटओवर ब्रिज पर दिन टिकट चेकिंग की जाती है और न ही पैसेंजर ट्रेनों को आमने सामने के प्लेटफार्म पर लिया जाता है।

Trending Videos
शनिवार की रात और रविवार को दिन में एक लाख महिलाओं की भीड़ जुटी। संतान के दीर्घायु होने की इच्छा से जिउतिया व्रत करने वाली महिलाएं गंगा स्नान की इच्छा से बिहार से महिलाएं पं. दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन पहुंची।
विज्ञापन
विज्ञापन
यहां से महिलाएं विभिन्न ट्रेनों और सड़क मार्ग से वाराणसी रवाना हुई। शनिवार की रात और रविवार को एक लाख से अधिक महिलाएं पं. दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन पर पहुंची।
महिलाओं की भीड़ को संभालने में आरपीएफ और वाणिज्य विभाग के अधिकारियों के पसीने छूट गए। निराजल व्रती महिलाएं काशी में गंगा स्नान के लिए शनिवार की रात से ही पीडीडीयू जंक्शन पहुंचने लगी थी।
रात में आसनसोल वाराणसी मेमू एक्सप्रेस, जम्मूतवी एक्सप्रेस, धनबाद लुधियाना गंगा सतलुज एक्सप्रेस, विभूति एक्सप्रेस, दून एक्सप्रेस, हिमगिरी एक्सप्रेस आदि ट्रेनों से महिलाएं वाराणसी गई।
इसके पहले आरा वाराणसी मेमू, पटना पीडीडीयू पैसेंजर, पीडीडीयू नगर डेहरी ऑन सोन पैसेजर सहित अन्य ट्रेनों से भी महिलाएं पीडीडीयू जंक्शन पर पहुंची। इस दौरान सुरक्षा के मद्देनजर आरपीएफ निरीक्षक प्रदीप कुमार रावत और सीएसजी एनके मिश्र सहित अन्य लोग डंटे रहे।
पीडीडीयू जंक्शन पर 2007 में 14 महिलाओं की हुई थी मौत
पं. दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन पर 18 वर्ष पहले तीन अक्तूबर 2007 को जिउतिया के दिन ही लगभग 12 बजे अचानक प्लेटफार्म बदलने और टिकट चेकिंग की अफवाह के कारण भगदड़ मच गई और इसमें 14 व्रती महिलाओं की जान चली गई थी।
इसके बाद से यहां व्यवस्था बदली और जिउतिया पर भीड़ को संभालने के लिए विशेष इंतजाम किए जाते हैं। 18 वर्ष पहले जिउतिया के दिन 12 बजे बिहार से पैसेंजर ट्रेन आई थी।
महिलाएं वाराणसी की ट्रेन पकड़ने के लिए सकरे पुल से दो नंबर प्लेटफार्म पर पहुंची। इसी बीच घोषणा हुई कि वाराणसी की ट्रेन चार नंबर प्लेटफार्म पर जाएंगी। ऐसे में महिलाएं चार नंबर पर जाने के लिए फुटओवर ब्रिज की सीढि़यां चढ़ने लगी।
इस बीच अफवाह फैली कि चार नंबर पर टिकट चेकिंग चल रही है। ऐसे में महिलाएं वापस दो नंबर प्लेटफार्म की तरफ मुड़ गईं और इसी में भगदड़ मच गई और कुचलने से 14 महिलाओं की मौत हो गई।
तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव पीडीडीयू जंक्शन पहुंचे और लोको अस्पताल में पहुंच कर महिलाओं का हाल चाल लिया। मृतकों के परिवार वालों को एक लाख जबकि घायलों को 50 हजार रुपये का मुआवजा दिया गया।
इसके बाद से यहां सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए जाते हैं। न तो उस फुटओवर ब्रिज पर दिन टिकट चेकिंग की जाती है और न ही पैसेंजर ट्रेनों को आमने सामने के प्लेटफार्म पर लिया जाता है।