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एटा : फाइलों से हकीकत नहीं बन सके सुगम यातायात के प्रस्ताव
संवाद न्यूज एजेंसी, एटा
Updated Wed, 17 Sep 2025 11:49 PM IST
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शहर में बुधवार को बस स्टैंड के सामने दोपहर के समय लगा जाम। संवाद
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एटा। शहर में सुगम यातायात के प्रस्ताव कई बार बने। यह फाइलों से बाहर निकल कर हकीकत आज तक नहीं बन सके। इससे दिनभर प्रमुख चौराहों, तिराहों पर यातायात अव्यवस्थित रहता है। लोगों को खासी परेशानी हो रही है।
जिला मुख्यालय पर यातायात व्यवस्थाओं में सुधार के लिए 2016 में सदर विधायक की सलाह पर प्रशासन ने प्रस्ताव बनाकर लखनऊ भेजा था। यह पास नहीं हो सका। इस मामले में प्रशासन की ओर से बताया गया कि तकनीकी कमी की वजह से प्रस्ताव अटक गया है। इसके बाद एक प्रस्ताव पुलिस महकमे की ओर से भी तैयार किया गया। यह भी शासन में उलझ गया। नगर पालिका ने भी बोर्ड बैठक में मंजूरी के बाद प्रस्ताव बनाने की बात कही थी। यह बना ही नहीं।
शहरी बोले-मजबूती से नहीं रखी जाती बात
ठंडी सड़क निवासी सुकेश कुमार, रेलवे रोड के राममोहन शर्मा का कहना है कि रोजमर्रा की भागदौड़ में शहर के लोग जाम से परेशान होते हैं। प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की सुस्ती से ट्रैफिक सिग्नल लाइट शहर को नहीं मिल सकी। बार-बार वादे और प्रस्ताव पर ही कहानी सिमट जाती है। अधिकारी, जनप्रतिनिधि शासन में मजबूती से बात नहीं रखते, इस वजह से प्रस्ताव मंजूर नहीं हो पाता है।
यहां है जाम की सबसे ज्यादा समस्या
पंडित दीनदयाल उपाध्याय चौराहा, ठंडी सड़क तिराहा, बस स्टैंड, हाथी दरवाजा, अलीगंज तिराहा, नन्नूमल चौराहा और कैलाश गंज मोड़ पर सुबह और शाम के वक्त स्थिति ज्यादा खराब हो जाती है। स्कूल-कॉलेज के समय और बाजार में भीड़ बढ़ने के दौरान घंटों जाम लगा रहता है।
प्रतिदिन शहर से गुजरते हैं 5000 वाहन
यातायात प्रभारी अनिल कुमार वर्मा ने बताया कि शहर से से प्रतिदिन लगभग 5000 छोटे-बड़े वाहन और 400 रोडवेज बसें गुजरती हैं। नो एंट्री खुलने के बाद रात के समय वाहनों की भारी भीड़ निकलती है। इससे जाम लगता है। यातायात नियमों का उल्लंघन करने पर औसतन 200 से 250 चालान किए जाते हैं।
यातायात व्यवस्था में सुधार के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। शहर के अंदर व बाहर भी प्रमुख स्थानों पर हाई रिजोल्यूशन कैमरे लगाए गए हैं। जल्द ही शहर के अंदर ट्रैफिक सिग्नल लाइट और ऑटोमेटिक चालान की व्यवस्था भी शुरू की जाएगी।
अमित कुमार राय, सीओ सिटी व यातायात

जिला मुख्यालय पर यातायात व्यवस्थाओं में सुधार के लिए 2016 में सदर विधायक की सलाह पर प्रशासन ने प्रस्ताव बनाकर लखनऊ भेजा था। यह पास नहीं हो सका। इस मामले में प्रशासन की ओर से बताया गया कि तकनीकी कमी की वजह से प्रस्ताव अटक गया है। इसके बाद एक प्रस्ताव पुलिस महकमे की ओर से भी तैयार किया गया। यह भी शासन में उलझ गया। नगर पालिका ने भी बोर्ड बैठक में मंजूरी के बाद प्रस्ताव बनाने की बात कही थी। यह बना ही नहीं।
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शहरी बोले-मजबूती से नहीं रखी जाती बात
ठंडी सड़क निवासी सुकेश कुमार, रेलवे रोड के राममोहन शर्मा का कहना है कि रोजमर्रा की भागदौड़ में शहर के लोग जाम से परेशान होते हैं। प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की सुस्ती से ट्रैफिक सिग्नल लाइट शहर को नहीं मिल सकी। बार-बार वादे और प्रस्ताव पर ही कहानी सिमट जाती है। अधिकारी, जनप्रतिनिधि शासन में मजबूती से बात नहीं रखते, इस वजह से प्रस्ताव मंजूर नहीं हो पाता है।
यहां है जाम की सबसे ज्यादा समस्या
पंडित दीनदयाल उपाध्याय चौराहा, ठंडी सड़क तिराहा, बस स्टैंड, हाथी दरवाजा, अलीगंज तिराहा, नन्नूमल चौराहा और कैलाश गंज मोड़ पर सुबह और शाम के वक्त स्थिति ज्यादा खराब हो जाती है। स्कूल-कॉलेज के समय और बाजार में भीड़ बढ़ने के दौरान घंटों जाम लगा रहता है।
प्रतिदिन शहर से गुजरते हैं 5000 वाहन
यातायात प्रभारी अनिल कुमार वर्मा ने बताया कि शहर से से प्रतिदिन लगभग 5000 छोटे-बड़े वाहन और 400 रोडवेज बसें गुजरती हैं। नो एंट्री खुलने के बाद रात के समय वाहनों की भारी भीड़ निकलती है। इससे जाम लगता है। यातायात नियमों का उल्लंघन करने पर औसतन 200 से 250 चालान किए जाते हैं।
यातायात व्यवस्था में सुधार के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। शहर के अंदर व बाहर भी प्रमुख स्थानों पर हाई रिजोल्यूशन कैमरे लगाए गए हैं। जल्द ही शहर के अंदर ट्रैफिक सिग्नल लाइट और ऑटोमेटिक चालान की व्यवस्था भी शुरू की जाएगी।
अमित कुमार राय, सीओ सिटी व यातायात