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Ghazipur News: डिजिटल अरेस्ट का डर दिखाकर ठगे गए 13 लाख रुपये वापस कराए
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डिजिटल अरेस्ट का डर दिखाकर 13 लाख रुपये की साइबर ठगी के मामले में साइबर क्राइम थाना ने पीड़ित की पूरी धनराशि वापस करा दी है। साइबर थाना प्रभारी रहमतुल्ला खान ने बताया कि थाना करंडा क्षेत्र के चाड़ीपुर निवासी सुनील कुमार राय ने 7 दिसंबर को साइबर थाना में प्रार्थना पत्र देकर शिकायत दर्ज कराई थी।
पीड़ित ने बताया कि साइबर ठगों ने पुलिस वर्दी में वीडियो कॉल कर खुद को अधिकारी बताया और यह कहकर डराया कि तिहाड़ जेल में बंद एक धोखाधड़ी आरोपी के मोबाइल विवरण में उनका नाम सामने आया है।
इसी बहाने डिजिटल अरेस्ट का भय दिखाकर पीड़ित के एसबीआई खाते से आरटीजीएस के माध्यम से 13 लाख रुपये बताए गए खाते में ट्रांसफर करा लिए गए।
पुलिस अधीक्षक डॉ. ईरज राजा के आदेश पर साइबर थाना टीम ने त्वरित कार्रवाई की और संबंधित बैंकों से समन्वय स्थापित कर ठगी की गई धनराशि को तुरंत फ्रीज कराया गया।
साइबर टीम की प्रभावी कार्यवाही के चलते 10 दिसंबर 2025 को पीड़ित के खाते में पूरी 13 लाख रुपये की धनराशि वापस करा दी गई।
घबराएं नहीं, तुरंत करें शिकायत
पुलिस अधीक्षक डॉ. ईरज राजा ने आमजन से अपील की है कि पुलिस कभी भी वीडियो कॉल नहीं करती और कानून में डिजिटल अरेस्ट जैसा कोई प्रावधान नहीं है। ऐसे कॉल आने पर घबराएं नहीं और तत्काल नजदीकी थाना या साइबर सेल से संपर्क करें। साथ ही किसी भी ऑनलाइन वित्तीय धोखाधड़ी की स्थिति में तुरंत टोल फ्री नंबर 1930 पर कॉल करें या www.cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज कराएं।
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पीड़ित ने बताया कि साइबर ठगों ने पुलिस वर्दी में वीडियो कॉल कर खुद को अधिकारी बताया और यह कहकर डराया कि तिहाड़ जेल में बंद एक धोखाधड़ी आरोपी के मोबाइल विवरण में उनका नाम सामने आया है।
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इसी बहाने डिजिटल अरेस्ट का भय दिखाकर पीड़ित के एसबीआई खाते से आरटीजीएस के माध्यम से 13 लाख रुपये बताए गए खाते में ट्रांसफर करा लिए गए।
पुलिस अधीक्षक डॉ. ईरज राजा के आदेश पर साइबर थाना टीम ने त्वरित कार्रवाई की और संबंधित बैंकों से समन्वय स्थापित कर ठगी की गई धनराशि को तुरंत फ्रीज कराया गया।
साइबर टीम की प्रभावी कार्यवाही के चलते 10 दिसंबर 2025 को पीड़ित के खाते में पूरी 13 लाख रुपये की धनराशि वापस करा दी गई।
घबराएं नहीं, तुरंत करें शिकायत
पुलिस अधीक्षक डॉ. ईरज राजा ने आमजन से अपील की है कि पुलिस कभी भी वीडियो कॉल नहीं करती और कानून में डिजिटल अरेस्ट जैसा कोई प्रावधान नहीं है। ऐसे कॉल आने पर घबराएं नहीं और तत्काल नजदीकी थाना या साइबर सेल से संपर्क करें। साथ ही किसी भी ऑनलाइन वित्तीय धोखाधड़ी की स्थिति में तुरंत टोल फ्री नंबर 1930 पर कॉल करें या www.cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज कराएं।
