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Ghazipur News: सात महीने में मिले 161 नए एचआईवी पॉजिटिव, इनमें 59 महिलाओं और पांच किशोर
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गाजीपुर। जिले में एचआईवी/ एड्स के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े के मुताबिक इसकी चपेट में सबसे ज्यादा 18 से 40 साल की उम्र वाले युवा हैं। एआरटी सेंटर से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक इस वर्ष अप्रैल से अक्तूबर तक 161 नए एचआईवी पॉजिटिव मिले हैं। इनमें पुरुष 97, महिलाओं 59 के 15 से नीचे आयुवर्ग के पांच किशोर हैं। पॉजिटिव पुरुष में 70 फीसदी 18 से 40 आयु वर्ग और 30 प्रतिशत 50 से 70 आयु के हैं। जिले में अभी 2380 एक्टिव एड्स मरीज दर्ज हैं। इनमें संक्रमित पुरुष 1183, महिला 1035, ट्रांसजेंडर 5, बच्चे 98 और बच्चियों की तादाद 59 है,जबकि वर्ष 2024 में यह आंकड़ा 2220 था। विभाग के अनुसार हर साल 150 से 200 नए मामले सामने आ रहे हैं। कुल संक्रमितों का 20 फीसदी ट्रक ड्राइवर भी इस बीमारी के बड़े शिकार बन रहे हैं। लंबी दूरी की यात्रा, घर से दूरी और असुरक्षित यौन संबंधों के चलते यह वर्ग भी संक्रमण फैलाने और फैलने का एक प्रमुख कारण बन गया है। स्वास्थ्य विभाग के एआरटी सेंटर के नोडल अधिकारी डॉ.अमित यादव ने बताया कि एड्स लाइलाज है, लेकिन समय पर इलाज मिलने पर मरीज लंबा और बेहतर जीवन जी सकते हैं।
निशुल्क दवा और जांच की है सुविधा -एचआईवी के प्रति लोगों को जागरूक किया जा रहा है। एआरअी के नोडल अधिकारी डाॅ. अमित यादव ने बताया कि जानकारी ही एड्स से बचाव है।प्रचार- प्रसार किया जा रहा है। मरीजों को प्रतिमाह निशुल्क दवा और जांच की सुविधा एआरटी सेंटर पर उपलब्ध कराई जाती है,जबकि गर्भवती महिलाओं के लिए महिला अस्पताल में पीपीसीटीसी सेंटर स्थापित है। इसमें गर्भवती महिलाओं के ब्लड की जांच होती है।
अब किशोर-किशोरियों को ले रहा चपेट में -एचआईवी अब किशोर-किशोरियों और बच्चों को भी अपनी गिरफ्त में ले रहा है। जिले में 15 साल से कम उम्र के 98 किशोर एचआईवी संक्रमित हैं। इसके अलावा 59 बालिकाएं संक्रमित पाई गई हैं। कम उम्र में नशे की शुरुआत और यौन स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता की गहरी कमी इसकी प्रमुख वजहें हैं।
नशा है संक्रमण का सीधा रास्ता-जिले में एचआईवी संक्रमितों की बढ़ती संख्या में नशे की बढ़ती लत प्रमुख कारण बताई जा रही है। इंजेक्शन से ड्रग्स लेने वाले युवा और किशोर सबसे अधिक प्रभावित हो रहे हैं। एक ही सुई का कई लोगों द्वारा इस्तेमाल एचआईवी वायरस को फैलने का सबसे आसान और तेज रास्ता देता है।
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निशुल्क दवा और जांच की है सुविधा -एचआईवी के प्रति लोगों को जागरूक किया जा रहा है। एआरअी के नोडल अधिकारी डाॅ. अमित यादव ने बताया कि जानकारी ही एड्स से बचाव है।प्रचार- प्रसार किया जा रहा है। मरीजों को प्रतिमाह निशुल्क दवा और जांच की सुविधा एआरटी सेंटर पर उपलब्ध कराई जाती है,जबकि गर्भवती महिलाओं के लिए महिला अस्पताल में पीपीसीटीसी सेंटर स्थापित है। इसमें गर्भवती महिलाओं के ब्लड की जांच होती है।
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अब किशोर-किशोरियों को ले रहा चपेट में -एचआईवी अब किशोर-किशोरियों और बच्चों को भी अपनी गिरफ्त में ले रहा है। जिले में 15 साल से कम उम्र के 98 किशोर एचआईवी संक्रमित हैं। इसके अलावा 59 बालिकाएं संक्रमित पाई गई हैं। कम उम्र में नशे की शुरुआत और यौन स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता की गहरी कमी इसकी प्रमुख वजहें हैं।
नशा है संक्रमण का सीधा रास्ता-जिले में एचआईवी संक्रमितों की बढ़ती संख्या में नशे की बढ़ती लत प्रमुख कारण बताई जा रही है। इंजेक्शन से ड्रग्स लेने वाले युवा और किशोर सबसे अधिक प्रभावित हो रहे हैं। एक ही सुई का कई लोगों द्वारा इस्तेमाल एचआईवी वायरस को फैलने का सबसे आसान और तेज रास्ता देता है।