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Hamirpur News: डेढ़ माह में डेंगू के 26 मरीज, फिर भी अस्पतालों में लापरवाही
संवाद न्यूज एजेंसी, हमीरपुर
Updated Mon, 15 Sep 2025 12:15 AM IST
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हमीरपुर। जिले में इस बार डेढ़ माह के अंतराल में 26 डेंगू बुखार के मरीज मिल चुके हैं। इलाज के दौरान लापरवाही बरतने पर मरीज दोबारा डेंगू की चपेट में आ रहे हैं। ऐसे में मरीज की जान बचाना मुश्किल हो जाता है। डॉक्टर मरीजों को सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं।
जिला मलेरिया अधिकारी आरके यादव के अनुसार शुक्रवार को यह संख्या बढ़कर 26 हो गई है। बताया कि जिला अस्पताल के डेंगू वार्ड में आठ मरीजों को भर्ती कर उपचार किया जा रहा है। उनका कहना है कि कुछ मरीज जिस तरह से लापरवाही कर रहे हैं, इससे उनमें डेंगू का खतरा बढ़ सकता है। प्लेटलेट्स तेजी से गिरती हैं। इसलिए वार्ड में भर्ती मरीजों को हमेशा मच्छरदानी में रखा जाता है। इससे शौचालय जाते समय उन्हें डबल डेंगू का खतरा बना रहता है।
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जिला अस्पताल में नहीं प्लेटलेट्स की व्यवस्था
डेंगू में प्लेटलेट्स तेजी से गिरती हैं। इसके लिए जिला अस्पताल की ब्लड बैंक में प्लेटलेट्स के कोई इंतजाम नहीं हैं। बीते दो सालों से जिला अस्पताल में बनकर तैयार सेपरेशन यूनिट का अभी तक लाइसेंस नहीं मिला है। लाखों कीमत की मशीनें धूल फांक रही हैं। प्रभारी बीरेंद्र यादव के मुताबिक कई बार पत्राचार करने के बाद भी अभी तक लाइसेंस नहीं मिला है। इससे सेपरेशन यूनिट का संचालन नहीं हो पा रहा है।-- -- -- -- -- -- -- -
डेंगू के लक्षण
- तेज बुखार, आंख के पिछले हिस्से में दर्द, मांशपेशियों और जोड़ों में दर्द व त्वचा पर चकत्ते या लाल धब्बे होना प्रमुख लक्षण हैं।
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डेंगू से बचाव के उपाय
- मच्छर से शरीर के हर हिस्से को बचाने का उपाय करें।
- सोते समय मच्छरदानी अवश्य लगाएं।
- घर के आसपास पानी न जमा होने दें।
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तीन सालों में मिले डेंगू के मरीज
वर्ष 2023 में डेंगू के मरीजों की संख्या 301 थी। वर्ष 2024 में 48 मरीज डेंगू से पीड़ित मिले थे। जबकि मार्च 2025 तक एक मरीज डेंगू पॉजिटिव मिला था। वहीं मई 25 में दो डेंगू मरीज पाए गए थे। जबकि अगस्त माह से अब तक 26 मरीज डेंगू संक्रमित मिले हैं।
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अब तक जो भी डेंगू पॉजिटिव मरीज आ रहे वे सभी बहुत जल्द ठीक होकर डिस्चार्ज हो रहे हैं। लेकिन, मरीजों के मच्छरदानी से बाहर निकलने की लापरवाही बहुत बढ़ गई है। यदि इसमें सुधार न हुआ तो वे कभी भी डबल डेंगू की चपेट में आ सकते हैं। डबल डेंगू में मरीज को बचाना मुश्किल हो जाता है।
- डॉ. आरएस प्रजापति, वरिष्ठ फिजीशियन जिला अस्पताल।

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जिला मलेरिया अधिकारी आरके यादव के अनुसार शुक्रवार को यह संख्या बढ़कर 26 हो गई है। बताया कि जिला अस्पताल के डेंगू वार्ड में आठ मरीजों को भर्ती कर उपचार किया जा रहा है। उनका कहना है कि कुछ मरीज जिस तरह से लापरवाही कर रहे हैं, इससे उनमें डेंगू का खतरा बढ़ सकता है। प्लेटलेट्स तेजी से गिरती हैं। इसलिए वार्ड में भर्ती मरीजों को हमेशा मच्छरदानी में रखा जाता है। इससे शौचालय जाते समय उन्हें डबल डेंगू का खतरा बना रहता है।
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जिला अस्पताल में नहीं प्लेटलेट्स की व्यवस्था
डेंगू में प्लेटलेट्स तेजी से गिरती हैं। इसके लिए जिला अस्पताल की ब्लड बैंक में प्लेटलेट्स के कोई इंतजाम नहीं हैं। बीते दो सालों से जिला अस्पताल में बनकर तैयार सेपरेशन यूनिट का अभी तक लाइसेंस नहीं मिला है। लाखों कीमत की मशीनें धूल फांक रही हैं। प्रभारी बीरेंद्र यादव के मुताबिक कई बार पत्राचार करने के बाद भी अभी तक लाइसेंस नहीं मिला है। इससे सेपरेशन यूनिट का संचालन नहीं हो पा रहा है।
डेंगू के लक्षण
- तेज बुखार, आंख के पिछले हिस्से में दर्द, मांशपेशियों और जोड़ों में दर्द व त्वचा पर चकत्ते या लाल धब्बे होना प्रमुख लक्षण हैं।
डेंगू से बचाव के उपाय
- मच्छर से शरीर के हर हिस्से को बचाने का उपाय करें।
- सोते समय मच्छरदानी अवश्य लगाएं।
- घर के आसपास पानी न जमा होने दें।
तीन सालों में मिले डेंगू के मरीज
वर्ष 2023 में डेंगू के मरीजों की संख्या 301 थी। वर्ष 2024 में 48 मरीज डेंगू से पीड़ित मिले थे। जबकि मार्च 2025 तक एक मरीज डेंगू पॉजिटिव मिला था। वहीं मई 25 में दो डेंगू मरीज पाए गए थे। जबकि अगस्त माह से अब तक 26 मरीज डेंगू संक्रमित मिले हैं।
अब तक जो भी डेंगू पॉजिटिव मरीज आ रहे वे सभी बहुत जल्द ठीक होकर डिस्चार्ज हो रहे हैं। लेकिन, मरीजों के मच्छरदानी से बाहर निकलने की लापरवाही बहुत बढ़ गई है। यदि इसमें सुधार न हुआ तो वे कभी भी डबल डेंगू की चपेट में आ सकते हैं। डबल डेंगू में मरीज को बचाना मुश्किल हो जाता है।
- डॉ. आरएस प्रजापति, वरिष्ठ फिजीशियन जिला अस्पताल।