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Hamirpur News: बारिशे नूर होने लगी आ गए मुस्तफा आ गए...
संवाद न्यूज एजेंसी, हमीरपुर
Updated Mon, 15 Sep 2025 12:13 AM IST
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फोटो 14 एचएएमपी 06= मुशायरे में कलाम पेश करते शायर। संवाद
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मौदहा (हमीरपुर)। कस्बे के हुसैनगंज निजमीपुरा में रविवार सुबह नातिया मुशायरे का आयोजन किया गया। सदारत शायर रमजान खान साहिल और संचालन मसीह निजामी ने किया। मुख्य अतिथि समाजसेवी लाला कादिर रहे। मास्टर यावर के मकान पर आयोजित मुशायरे का आगाज मास्टर तकी ने किया।
इस दौरान बशीर कानपुरी ने पढ़ा सफ बसफ अंबिया थे खड़े किस में हिम्मत थी, आगे बढ़े हो गए सब के सब मुकतदी आ गए मुस्तफा आ गए। फहीम रज़ा राठ ने इश्क अहमद में ढलते हुए उनकी सुन्नत पे चलते हुए ये, मैं सुनाऊंगा नाते नबी आ गए मुस्तफा आ गए। यावर मौध्वी ने अब चलन यह न होगा कहीं देखिए जिंदा जेरे जमीन, दफ्न होगी...।
मूलचंद वारसी ने अब न होगा अंधेरों का भय रास्ते हो गए ज्योतिमय। मसीह निजामी ने रहमतें लेके अल्लाह की आ गए मुस्तफा आ गए, बारिश-ए-नूर होने लगी आ गए मुस्तफा आ गए। बदरुद्दीन तायब, आकिल बिजनौर, कमर निजामी ने अपना शेर पढ़ा। इसके अलावा सफर माचवी, रमजान खान, साहिल मास्टर तकी, निजाम मौध्वी, जहूर नसीम आलम आदि ने भी अपनी रचनाएं पेश की। मास्टर फखरूदीन यावर ने सभी शायरों का शुक्रिया अदा किया।

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इस दौरान बशीर कानपुरी ने पढ़ा सफ बसफ अंबिया थे खड़े किस में हिम्मत थी, आगे बढ़े हो गए सब के सब मुकतदी आ गए मुस्तफा आ गए। फहीम रज़ा राठ ने इश्क अहमद में ढलते हुए उनकी सुन्नत पे चलते हुए ये, मैं सुनाऊंगा नाते नबी आ गए मुस्तफा आ गए। यावर मौध्वी ने अब चलन यह न होगा कहीं देखिए जिंदा जेरे जमीन, दफ्न होगी...।
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मूलचंद वारसी ने अब न होगा अंधेरों का भय रास्ते हो गए ज्योतिमय। मसीह निजामी ने रहमतें लेके अल्लाह की आ गए मुस्तफा आ गए, बारिश-ए-नूर होने लगी आ गए मुस्तफा आ गए। बदरुद्दीन तायब, आकिल बिजनौर, कमर निजामी ने अपना शेर पढ़ा। इसके अलावा सफर माचवी, रमजान खान, साहिल मास्टर तकी, निजाम मौध्वी, जहूर नसीम आलम आदि ने भी अपनी रचनाएं पेश की। मास्टर फखरूदीन यावर ने सभी शायरों का शुक्रिया अदा किया।