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नंद के घर बजी ढोल ‘आनंद’ में झूमे लोग
ब्यूरो/अमर उजाला, हापुड़
Updated Thu, 25 Aug 2016 07:21 PM IST
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krishna janmashtami
- फोटो : amar ujala
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राजीव विहार स्थित पीपल वाला मंदिर में बृहस्पतिवार को जन्माष्टमी पर भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं का बखान किया गया। इस मौके पर सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भगवान की लीलाओं का श्रवण कर आनंद उठाया। कथा का आयोजन गौरीशंकर व रामचंद्र सैनी की देखरेख में किया गया।

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इस दौरान जैसे ही देर रात 12 बजे श्रीकृष्ण अवतरित हुए ढोल-नगाड़ों से मंदिर से लेकर गांव देहात के घर गूंज उठे। उन्होंने बताया कि कंस जब बहन देवकी को विवाह के बाद विदा कर रहा होता है तो आकाशवाणी होती कि ‘हे कंस जिस बहन को आज इतने प्यार से विदा कर रहा है उसी की आठवीं संतान तेरा संहार करेगी’।
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इसके बाद कंस अपनी मौत को मात देने के लिए देवकी पर तलवार उठा लेता है वसुदेव उससे कहते है कि कंस इसे मारो मत। आप हम दोनों को जेल में बंद कर दो जो भी संतान होगी आप की सेवा में तुरंत पेश कर देंगे। कंस ने 6 संतानें समाप्त कर दी।
सातवीं संतान पर गर्भ क्षीण हो गया। उन्होंने बताया कि देवकी के आठवीं संतान के रूप में रात के 12 बजे भगवान श्रीकृष्ण अवतरित हुए। वसुदेव ने रातों रात श्रीकृष्ण को गोकुल पहुंचा दिया वहां यशोदा की कन्या लेकर वापस जेल में आ गए।
सुबह में कंस जैसे ही कन्या को पत्थर पर पटक कर मारना चाहता है कन्या कंस के हाथ से छूट कर मां दुर्गा बन कर आकाश में चली जाती हैं। साथ ही कंस को चेतावनी भी देती है कि हे कंस तेरा तो काल पैदा हो चुका है। इसके बाद कंस भयभीत होकर श्रीकृष्ण की तलाश में जुट जाता है।
इस मौके पर रामचंद्र सैनी, ओमवती सैनी, अमित सैनी, लोकेश सैनी, ममता सैनी, लवली सैनी, भोला देवी, नेहा, हनी ठाकुर, राजू सैनी, रामानंद शर्मा, चंद्रप्रकाश शर्मा का सहयोग रहा।