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Hapur News: सांसद जी मैं कोई भूत नहीं... जिंदा खड़ी हूं, पेंशन तो दिला दो

संवाद न्यूज एजेंसी, हापुड़ Updated Sat, 20 Dec 2025 09:57 PM IST
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sansad arun govil
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हापुड़। सांसद जी क्या मैं आपको भूत लग रही हूं.... आपके सामने जिंदा खड़ी हूं, यह मेरे जिंदा होने के कागज और सबूत हैं। तीन साल से सरकारी कार्यालयों के चक्कर काटकर थक चुकी हूं, लेकिन वृद्धापेंशन नहीं मिल रही है। यह सुन सांसद अरुण गोविल भी चौंक गए। महिला के दस्तावेज देखे और एकाएक डीएम अभिषेक पांडेय को फोन किया। निर्देश दिए कि वृद्धा की समस्या का समाधान कराकर पेंशन चालू होनी चाहिए। करीब ढाई मिनट तक चले इस पूरे प्रकरण ने जिले में अधिकारियों की कार्यप्रणाली की पोल खोलकर रख दी। अंत में हाथ जोड़कर सांसद को कहना पड़ा कि मेरी माता जी आपका काम हो जाएगा।
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पूरा प्रकरण गांव धनौरा निवासी 73 वर्षीय कुसुम त्यागी से जुड़ा हुआ है। शनिवार को मेरठ-हापुड़ लोकसभा सांसद अरुण गोविल नगर पालिका में कंबल वितरण कार्यक्रम में पहुंचे थे। इसके बाद वह एसआईआर का कार्य देखने डायट परिसर की ओर चले गए। रास्ते में एसडीएम कार्यालय पर संपूर्ण समाधान दिवस लगा हुआ था। तभी सांसद को गुजरता देख कुसुम त्यागी ने उन्हें रोक लिया। अपने कागज दिखाए और तीन साल से वृद्धा पेंशन न मिलने की पूरी कहानी बताई। वृद्धा ने बताया कि वह तीन साल से सरकारी कार्यालयों और बैंकों के चक्कर काट रही हैं, लेकिन कोई उनकी पेंशन नहीं दिला पा रहा है। यहां तक कि उन्हें कागजों में मृतक दर्शा दिया गया है। उनके पति की मृत्यु भी कई साल पहले हो चुकी है। ऐसे में स्वयं का खर्चा चलाना तक मुश्किल हो चुका है।
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पूरे प्रकरण में दोषियों पर हो कार्यवाही --
वृद्धा को वर्ष 2022 में अंतिम बार पेंशन मिली थी। करीब तीन साल से योजना का लाभ नहीं मिला है। ऐसे में अब सांसद के सामने मुद्दा उठा तो सभी अधिकारी सक्रिय हो गए। यहां तक कि सांसद के फोन करने के बाद मामले में डीएम अभिषेक पांडेय ने स्वयं वृद्धा के भाई दीपचंद त्यागी से फोन करके बातचीत की है। दीपचंद ने बताया कि उनके पास जिलाधिकारी का फोन आया है। उन्होंने ग्राम सचिव को घर भेजकर समस्या के समाधान का आश्वासन दिया है।

किसान ने भी दी आत्मदाह की चेतावनी --
गांव वझीलपुर निवास किसान ज्ञानेंद्र त्यागी ने भी सांसद प्रतिनिधि विनोद गुप्ता व अशोक बबली से शिकायत की। उन्होंने कहा कि वह अपने बेटे का शस्त्र लाइसेंस बनवाना चाहते हैं, लेकिन पिछले 15 दिनों से थाने स्तर से ही फाइल को नहीं भेवा गया है। आए दिन पुलिसकर्मी उन्हें टरकाते हैं। ग्रामीणों और उनकी सुरक्षा के लिए शस्त्र लाइसेंस मिलना चाहिए। ज्ञानेंद्र ने कहा कि यदि उनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ तो वह आत्मदाह कर लेंगे। इस पर सांसद प्रतिनिधियों ने समस्या के समाधान का आश्वासन दिया।

कोट -
वृद्धा कागजों में मृतक नहीं हैं। मौके पर गलत जानकारी दी गई है। सभी दस्तावेज देखने पर सामने आया है कि उनका बैंक खाता एनपीसीआई और आधार कार्ड लिंक नहीं है। पूरे प्रकरण में बैंक की गलती है। सोमवार को मैं स्वयं वृद्धा को बैंक लेकर जाऊंगा और खाते को एनपीसीआई और आधार कार्ड से लिंक कराउंगा।
- शिवकुमार, जिला समाज कल्याण अधिकारी
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