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हाथरस : राजकुमार की पत्नी व परिजनों को पुलिस ने मुख्यमंत्री आवास से पहले रोका
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गांव बिसाना में मृत राजकुमार के घर के बाहर तैनात पुलिस फोर्स। संवाद
- फोटो : HATHRAS
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संवाद न्यूज एजेंसी, हाथरस।
मुख्यमंत्री के आवास पर अनशन और आत्मदाह करने की धमकी देकर लखनऊ गए मृत राजकुमार की पत्नी व अन्य परिजनों की पुलिस ने लखनऊ में घेराबंदी कर ली और सीएम के आवास जाने से पहले ही रोककर उन्हें वापस यहां ले आई।
राजकुमार के भाई का आरोप है कि पुलिस ने उनके पूरे परिवार के साथ काफी अभद्रता की और सीएम के आवास तक नहीं जाने दिया। पुलिस ने जोर जबर्दस्ती कर जबरिया उन्हें वापस ले लाई है। उल्लेखनीय है कि पिछले माह चंदपा थाना क्षेत्र के गांव बिसाना में दो पक्षों में पथराव, फायरिंग और मारपीट हुई थी।
इसमें कई लोग घायल हो गए थे। एक पक्ष की ओर से पुलिस ने आरएसएस के एक कार्यकर्ता राजकुमार को हिरासत में ले लिया था। पुलिस हिरासत में राजकुमार की मौत हो गई थी और मामले ने तूल पकड़ लिया था। इस मामले में एसपी ने तत्कालीन कोतवाली प्रभारी चंदपा सहित पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया था।
पुलिसकर्मियों के विरुद्ध हत्या का मुकदमा भी दर्ज किया गया था। जिला प्रशासन ने राजकुमार की पत्नी अंजना को पांच लाख रुपये की सहायता राशि भी दी थी। मृत राजकुमार के परिजन इससे संतुष्ट नहीं है और वह आरोपी पुलिसकर्मियों व अन्य विपक्षी लोगोें के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
इसी को लेकर मृत राजकुमार की पत्नी अंजना ने धमकी दी थी कि वह अपने बच्चों व परिवार के अन्य सदस्यों के साथ 27 जून को लखनऊ में मुख्यमंत्री के निवास पर जाकर अनशन करेगी और यदि मांगें न मांगी गई तो आत्मदाह करेगी। इस पर पुलिस ने उसके निवास पर पहरा बैठा दिया था लेकिन इसके बाद भी रविवार को राजकुमार की पत्नी अंजना व परिवार के अन्य लोग एकाएक घर पर ताला लगाकर वहां से चले गए थे।
इससे पुलिस महकमे में खलबली मच गई थी। अधिकारी इनकी तलाश में जुट गए थे। यहां से पुलिस की कई टीमें लखनऊ भेज दी गई थी। आखिरकार स्थानीय पुलिस ने लखनऊ पुलिस के सहयोग से राजकुमार के इन परिजनों की लखनऊ में सीएम निवास से पहले ही घेराबंदी कर ली।
राजकुमार के भाई महाराज सिंह का आरोप है कि वहां पुलिस ने पूरे परिवार के साथ काफी अभद्रता और मारपीट की। जबरिया पुलिस उन्हें गाड़ी में डालकर ले आई। उनके मोबाइल फोन अपने कब्जे में ले लिए। महाराज सिंह का आरोप है कि पुलिस ने सीएम के आवास तक उन्हें पहुंचने नहीं दिया।
पुलिस ने सोमवार की देर शाम उन्हें उनके बिसाना स्थित निवास पर लाकर छोड़ दिया। महाराज सिंह का आरोप है कि वह स्थानीय पुलिस की इस अभद्रता के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेगा। इधर, देर शाम भी पुलिस का पहरा बिसाना में रहा।
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मुख्यमंत्री के आवास पर अनशन और आत्मदाह करने की धमकी देकर लखनऊ गए मृत राजकुमार की पत्नी व अन्य परिजनों की पुलिस ने लखनऊ में घेराबंदी कर ली और सीएम के आवास जाने से पहले ही रोककर उन्हें वापस यहां ले आई।
राजकुमार के भाई का आरोप है कि पुलिस ने उनके पूरे परिवार के साथ काफी अभद्रता की और सीएम के आवास तक नहीं जाने दिया। पुलिस ने जोर जबर्दस्ती कर जबरिया उन्हें वापस ले लाई है। उल्लेखनीय है कि पिछले माह चंदपा थाना क्षेत्र के गांव बिसाना में दो पक्षों में पथराव, फायरिंग और मारपीट हुई थी।
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इसमें कई लोग घायल हो गए थे। एक पक्ष की ओर से पुलिस ने आरएसएस के एक कार्यकर्ता राजकुमार को हिरासत में ले लिया था। पुलिस हिरासत में राजकुमार की मौत हो गई थी और मामले ने तूल पकड़ लिया था। इस मामले में एसपी ने तत्कालीन कोतवाली प्रभारी चंदपा सहित पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया था।
पुलिसकर्मियों के विरुद्ध हत्या का मुकदमा भी दर्ज किया गया था। जिला प्रशासन ने राजकुमार की पत्नी अंजना को पांच लाख रुपये की सहायता राशि भी दी थी। मृत राजकुमार के परिजन इससे संतुष्ट नहीं है और वह आरोपी पुलिसकर्मियों व अन्य विपक्षी लोगोें के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
इसी को लेकर मृत राजकुमार की पत्नी अंजना ने धमकी दी थी कि वह अपने बच्चों व परिवार के अन्य सदस्यों के साथ 27 जून को लखनऊ में मुख्यमंत्री के निवास पर जाकर अनशन करेगी और यदि मांगें न मांगी गई तो आत्मदाह करेगी। इस पर पुलिस ने उसके निवास पर पहरा बैठा दिया था लेकिन इसके बाद भी रविवार को राजकुमार की पत्नी अंजना व परिवार के अन्य लोग एकाएक घर पर ताला लगाकर वहां से चले गए थे।
इससे पुलिस महकमे में खलबली मच गई थी। अधिकारी इनकी तलाश में जुट गए थे। यहां से पुलिस की कई टीमें लखनऊ भेज दी गई थी। आखिरकार स्थानीय पुलिस ने लखनऊ पुलिस के सहयोग से राजकुमार के इन परिजनों की लखनऊ में सीएम निवास से पहले ही घेराबंदी कर ली।
राजकुमार के भाई महाराज सिंह का आरोप है कि वहां पुलिस ने पूरे परिवार के साथ काफी अभद्रता और मारपीट की। जबरिया पुलिस उन्हें गाड़ी में डालकर ले आई। उनके मोबाइल फोन अपने कब्जे में ले लिए। महाराज सिंह का आरोप है कि पुलिस ने सीएम के आवास तक उन्हें पहुंचने नहीं दिया।
पुलिस ने सोमवार की देर शाम उन्हें उनके बिसाना स्थित निवास पर लाकर छोड़ दिया। महाराज सिंह का आरोप है कि वह स्थानीय पुलिस की इस अभद्रता के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेगा। इधर, देर शाम भी पुलिस का पहरा बिसाना में रहा।