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हाथरस : गांव बिसाना में छाई तनाव भरी खामोशी, पुलिस बल रहा तैनात
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गांव बिसाना में तैनात पुलिस फोर्स। संवाद
- फोटो : HATHRAS
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संवाद न्यूज एजेंसी, हाथरस।
पुलिस हिरासत में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के कार्यकर्ता की मौत के बाद गांव बिसाना में बुधवार को तनावभरी खामोशी छाई रही। गांव में काफी पुलिस बल तैनात रहा। अधिकारी पल-पल की जानकारी लेते रहे। इस मामले में मृतक के घर जहां संवेदना जाहिर करने वालों का तांता लगा रहा तो वहीं आरोपियों के घरों पर ताले लटके रहे।
उल्लेखनीय है कि सोमवार की रात्रि आठ बजे के लगभग थाना चंदपा क्षेत्र के गांव बिसाना में जब एक पक्ष का एक युवक लघुशंका कर रहा था तो दूसरे पक्ष ने उसे टोक दिया था। इस बात को लेकर दोनो पक्ष आमने-सामने आ गए थे। इस दौरान जमकर मारपीट, पथराव हुआ था और फायरिंग भी हुई थी।
कई लोग घायल हो गए थे। वैसे भी दोनो पक्षों में जमीन के विवाद को लेकर करीब 40 साल से दुश्मनी चली आ रही है और पहले भी कई बार झगड़े हो चुके हैं। घटना के बाद मौके पर कोतवाली चंदपा, कोतवाली सदर पुलिस के अलावा सीओ सिटी मनोज कुमार शर्मा पहुंच गए थे। पुलिस ने वहां स्थिति संभाली थी। इसके बाद पुलिस एक पक्ष के राजकुमार उर्फ राजा व दूसरे पक्ष के आकाश को हिरासत में लेकर थाना चंदपा आ गई थी। दोेनों पक्षों ने अपनी-अपनी तहरीरों पर मुकदमे भी दर्ज कराए थे।
राजकुमार आरएसएस का कार्यकर्ता था और धर्म जागरण मंच का खंड संयोजक था। उसके पैर से गोली छूकर निकल गई थी। सोमवार की रात्रि में पुलिस उसे चिकित्सकीय परीक्षण के लिए जिला अस्पताल लेकर आई थी। राजू के परिजनों का कहना था कि उसके साथ दरोगा सर्वेश कुमार व कुछ अन्य पुलिसकर्मी आए थे।
वहां चिकित्सक ने राजू की स्थिति को पुलिस से उसे अस्पताल में भर्ती कराने को कहा था, लेकिन पुलिस उसे अपने साथ जबरिया थाने ले आई थी। राजू के परिजनों का आरोप था कि कोतवाली प्रभारी चंदपा की मौजूदगी में दरोगा सर्वेश कुमार व अन्य पुलिसकर्मियों ने उनके विपक्षियों के साथ राजू की थाने में जमकर पिटाई की थी।
थाने में रात्रि में जब राजू की तबियत बिगड़ गई तो पुलिस उसे पहले मंगलवार की सुबह करीब चार बजे के लगभग थाने से जिला अस्पताल लेकर आई और फिर थोड़ा सुधार होने पर वापस ले गई। राजू की तबियत खराब हुई तो पुलिस उसे फिर मंगलवार की सुबह साढ़े छह बजे जिला अस्पताल ले गई।
वहां उपचार के दौरान राजू ने दम तोड़ दिया। पुलिस हिरासत में आरएसएस कार्यकर्ता की मौत के मामले ने तूल पकड़ लिया था। डीएम रमेश रंजन और एसपी विकास कुमार वैद्य ने थाने पहुंचकर पूरे मामले की जानकारी की थी। इस मामले में एसपी ने कोतवाली निरीक्षक चंदपा चतर सिंह राजौरा, एसआई त्रिवेंद्र सिंह, कांस्टेबल अश्विनी सिरोही व रमन यादव को निलंबित कर दिया था।
वहां दोपहर को डीआईजी अलीगढ़ रेंज दीपक कुमार भी पहुंचे थे। उन्होंने भी पूरी स्थिति की जानकारी की थी और कार्रवाई का आश्वासन दिया था। इसके बाद मृतक राजू के भाई महाराज सिंह की तहरीर पर कोतवाली प्रभारी चंदपा के अलावा थाने के एसआई सर्वेश कुमार, कुछ पुलिसकर्मियों के अलावा गांव बिसाना के आकाश, विजय, ओमवीर उर्फ भूरा, भोला, भूपे को नामजद करते हुए हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था।
इस घटना के बाद कई राजनेता और आरएसएस के पदाधिकारी मृतक के परिजनों को सांत्वना देने पहुंचे थे। मंगलवार की देर शाम राजकुमार के शव का बेहद गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार कर दिया गया। बुधवार को भी गांव में काफी पुलिस बल तैनात रहा। अधिकारी पल-पल की जानकारी लेते रहे। गांव में खामोशी छाई रही। राजू की हत्या व हमले में नामजद दूसरे पक्ष के लोग गांव से फरार हो गए। उनके घरों में ताले लटके रहे।
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पुलिस हिरासत में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के कार्यकर्ता की मौत के बाद गांव बिसाना में बुधवार को तनावभरी खामोशी छाई रही। गांव में काफी पुलिस बल तैनात रहा। अधिकारी पल-पल की जानकारी लेते रहे। इस मामले में मृतक के घर जहां संवेदना जाहिर करने वालों का तांता लगा रहा तो वहीं आरोपियों के घरों पर ताले लटके रहे।
उल्लेखनीय है कि सोमवार की रात्रि आठ बजे के लगभग थाना चंदपा क्षेत्र के गांव बिसाना में जब एक पक्ष का एक युवक लघुशंका कर रहा था तो दूसरे पक्ष ने उसे टोक दिया था। इस बात को लेकर दोनो पक्ष आमने-सामने आ गए थे। इस दौरान जमकर मारपीट, पथराव हुआ था और फायरिंग भी हुई थी।
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कई लोग घायल हो गए थे। वैसे भी दोनो पक्षों में जमीन के विवाद को लेकर करीब 40 साल से दुश्मनी चली आ रही है और पहले भी कई बार झगड़े हो चुके हैं। घटना के बाद मौके पर कोतवाली चंदपा, कोतवाली सदर पुलिस के अलावा सीओ सिटी मनोज कुमार शर्मा पहुंच गए थे। पुलिस ने वहां स्थिति संभाली थी। इसके बाद पुलिस एक पक्ष के राजकुमार उर्फ राजा व दूसरे पक्ष के आकाश को हिरासत में लेकर थाना चंदपा आ गई थी। दोेनों पक्षों ने अपनी-अपनी तहरीरों पर मुकदमे भी दर्ज कराए थे।
राजकुमार आरएसएस का कार्यकर्ता था और धर्म जागरण मंच का खंड संयोजक था। उसके पैर से गोली छूकर निकल गई थी। सोमवार की रात्रि में पुलिस उसे चिकित्सकीय परीक्षण के लिए जिला अस्पताल लेकर आई थी। राजू के परिजनों का कहना था कि उसके साथ दरोगा सर्वेश कुमार व कुछ अन्य पुलिसकर्मी आए थे।
वहां चिकित्सक ने राजू की स्थिति को पुलिस से उसे अस्पताल में भर्ती कराने को कहा था, लेकिन पुलिस उसे अपने साथ जबरिया थाने ले आई थी। राजू के परिजनों का आरोप था कि कोतवाली प्रभारी चंदपा की मौजूदगी में दरोगा सर्वेश कुमार व अन्य पुलिसकर्मियों ने उनके विपक्षियों के साथ राजू की थाने में जमकर पिटाई की थी।
थाने में रात्रि में जब राजू की तबियत बिगड़ गई तो पुलिस उसे पहले मंगलवार की सुबह करीब चार बजे के लगभग थाने से जिला अस्पताल लेकर आई और फिर थोड़ा सुधार होने पर वापस ले गई। राजू की तबियत खराब हुई तो पुलिस उसे फिर मंगलवार की सुबह साढ़े छह बजे जिला अस्पताल ले गई।
वहां उपचार के दौरान राजू ने दम तोड़ दिया। पुलिस हिरासत में आरएसएस कार्यकर्ता की मौत के मामले ने तूल पकड़ लिया था। डीएम रमेश रंजन और एसपी विकास कुमार वैद्य ने थाने पहुंचकर पूरे मामले की जानकारी की थी। इस मामले में एसपी ने कोतवाली निरीक्षक चंदपा चतर सिंह राजौरा, एसआई त्रिवेंद्र सिंह, कांस्टेबल अश्विनी सिरोही व रमन यादव को निलंबित कर दिया था।
वहां दोपहर को डीआईजी अलीगढ़ रेंज दीपक कुमार भी पहुंचे थे। उन्होंने भी पूरी स्थिति की जानकारी की थी और कार्रवाई का आश्वासन दिया था। इसके बाद मृतक राजू के भाई महाराज सिंह की तहरीर पर कोतवाली प्रभारी चंदपा के अलावा थाने के एसआई सर्वेश कुमार, कुछ पुलिसकर्मियों के अलावा गांव बिसाना के आकाश, विजय, ओमवीर उर्फ भूरा, भोला, भूपे को नामजद करते हुए हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था।
इस घटना के बाद कई राजनेता और आरएसएस के पदाधिकारी मृतक के परिजनों को सांत्वना देने पहुंचे थे। मंगलवार की देर शाम राजकुमार के शव का बेहद गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार कर दिया गया। बुधवार को भी गांव में काफी पुलिस बल तैनात रहा। अधिकारी पल-पल की जानकारी लेते रहे। गांव में खामोशी छाई रही। राजू की हत्या व हमले में नामजद दूसरे पक्ष के लोग गांव से फरार हो गए। उनके घरों में ताले लटके रहे।