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Jalaun News: भागो हमला हुआ है...राजकीय इंटर कॉलेज के मैदान में मची चीख-पुकार
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उरई। भागो...हमला हुआ है...आग लगी है…बचाओ-बचाओ… अचानक राजकीय इंटर कॉलेज के मैदान में चीख-पुकार मच गई। कुछ ही देर में मौके पर सीओ अर्चना सिंह दौड़ती नजर आईं। वायरलेस सेट पर तेजी से संदेश प्रसारित हुआ कि फायर ब्रिगेड और एंबुलेंस तत्काल भेजी जाएं। देखते ही देखते सायरन बजाते हुए दमकल वाहन और एंबुलेंस घटनास्थल पर पहुंच गईं। धधकती आग को बुझाने की कोशिश शुरू हुई और घायलों को स्ट्रेचर पर लादकर सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया। यह दृश्य किसी वास्तविक हादसे का नहीं, बल्कि प्रशासन द्वारा आयोजित एक मॉक ड्रिल का था। इसे आकस्मिक आपदा स्थितियों में प्रशासनिक तैयारी और जनता को जागरूक करने की दिशा में एक बड़ी पहल के रूप में किया गया।
गृह मंत्रालय के दिशा-निर्देशों पर बुधवार को जिले भर में एक साथ मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। इस अभ्यास की शुरुआत पुलिस लाइन, हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड, उर्वशी सिंथेटिक लिमिटेड, अंकित कोल्ड स्टोरेज और पूंडरी कोल्ड स्टोरेज में सायरन बजाकर की गई। जैसे ही सायरन गूंजा, इलाके में खलबली मच गई। कर्मचारियों और आम नागरिकों को सुरक्षित स्थानों की ओर भेजा गया। बिजली सप्लाई को काटा गया और सबको निर्देश दिए गए कि यदि बंकर या सुरक्षित तहखाने हों तो वहीं जाकर छिपें। लोगों की आंखों के सामने पहली बार इतनी सुनियोजित और बड़े पैमाने पर हुई आपदा रिहर्सल थी।
फैकटरी क्षेत्रों और कलक्ट्रेट के आसपास दर्जनों लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई, जो प्रशासन की तात्कालिक प्रतिक्रिया को देखकर हैरान भी थी और संतुष्ट भी। इसके पश्चात राजकीय इंटर कॉलेज में आपदा प्रबंधन को लेकर कार्यशाला और व्यावहारिक मॉक ड्रिल का आयोजन हुआ। कॉलेज परिसर को एक संभावित आतंकी हमले के दृश्य में बदला गया। आतंकियों के प्रतीकात्मक पुतलों को आग लगाई गई। आग से घिरे स्थान पर कुछ लोग घायल अवस्था में पड़े थे। तभी मौके पर सीओ अर्चना सिंह पहुंचीं। उन्होंने फौरन वायरलेस से संदेश प्रसारित कर फायर ब्रिगेड और एंबुलेंस को बुलाया। अग्निशमन दल ने आग पर काबू पाया और राहत टीमों ने घायलों को एंबुलेंस की मदद से अस्पताल पहुंचाया। इसके बाद कॉलेज की छत पर एक और मॉक हादसा रचा गया। आग लग चुकी थी और एक कर्मचारी वहां फंसा हुआ था।
तत्काल दमकल की टीम सीढ़ी लगाकर कर्मचारी को सुरक्षित नीचे उतार लाई। 20 मीटर दूरी से पानी की तेज बौछारों के जरिये आग पर काबू पाया। इस पूरे अभ्यास में एनसीसी, एनएसएस और रिटायर्ड आर्मी एसोसिएशन के सदस्य भी सक्रिय रूप से शामिल रहे। छात्र-छात्राएं और शिक्षकों ने राहत एवं बचाव कार्य को नजदीक से देखा। उन्हें आपदा के समय किन-किन सावधानियों को अपनाना चाहिए, इसकी जानकारी दी गई। इस दौरान छात्रों ने जय हिंद, हम तैयार हैं, जैसे नारे लगाए और तिरंगा झंडा लहराकर सुरक्षा बलों और अधिकारियों का उत्साहवर्धन किया। इस दौरान जिलाधिकारी राजेश कुमार पांडेय, पुलिस अधीक्षक डॉ. दुर्गेश कुमार, एडीएम संजय कुमार, अपर पुलिस अधीक्षक प्रदीप कुमार वर्मा, सीओ अर्चना सिंह, सीएमओ डॉ. नरेंद्र देव शर्मा मौजूद रहे।
मॉकड्रिल के बाद अस्पताल में घायलों का किया गया इलाज
जिला अस्पताल में भी मॉकड्रिल का आयोजन किया गया। एनसीसी कैडेट एंबुलेंस से घायलों को लेकर पहुंचे। वहां पहले से अलर्ट स्वास्थ्य टीम ने सभी घायलों को जिला अस्पताल की इमरजेंसी में ले गए। इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर डॉ. सुजीत राजपूत ने घायलों का इलाज शुरू किया। उन्होंने स्टाफ से कहा कि वह भीड़ को अंदर न आने दें। साथ ही बाहर मौजूद लोगों को शांत कराएं। घायलों को जांच करने के बाद उन्हें पट्टी आदि बांधी गई। सीएमएस डॉ. आनंद उपाध्याय ने बताया कि इमरजेंसी में स्टाफ और एनसीसी कैडेट एवं एंबुलेंस स्टाफ ने मॉकड्रिल की।
युद्ध जैसी आपात स्थिति से निपटने के उपाए बताए
कोंच। एसआरपी इंटर कॉलेज परिसर और मार्कंडेयश्वर तिराहे पर मॉकड्रिल हुआ। इसमें युद्ध जैसी स्थिति में राहत और बचाव कार्य कैसे किए जाएं, इसका प्रदर्शन किया गया। इस अवसर पर एसडीएम ज्योति सिंह, सीओ परमेश्वर प्रसाद व कोतवाल विजय कुमार पांडे की मौजूदगी में मॉकड्रिल की बारीकियों को विस्तार से बताया गया। फायर ब्रिगेड और एंबुलेंस की टीमों की मौजूदगी में अधिकारियों ने बताया कि युद्ध या किसी भी आपदा की स्थिति में सबसे पहली आवश्यकता सतर्कता और सजगता की होती है। जैसे ही पहला सायरन बजे, लोगों को अलर्ट हो जाना चाहिए और अपने सुरक्षित स्थान की ओर बढ़ना चाहिए। दूसरे सायरन के साथ ही जमीन पर लेट जाना चाहिए, अपने कान और मुंह को बंद कर लेना चाहिए तथा यदि संभव हो तो मुंह में कपड़ा भी रख लेना चाहिए। जहां आग लगी हो, वहां सावधानीपूर्वक आग बुझाने का प्रयास करें। जरूरत पड़े तो फायर ब्रिगेड की मदद लें। एसडीएम ने मॉकड्रिल के दौरान कहा कि ब्लैक आउट की स्थिति में सभी लाइटें बंद कर दें, खिड़की और दरवाजे बंद करके उन पर मोटे पर्दे डालें ताकि रोशनी की कोई किरण बाहर न जा सके। इस दौरान मोबाइल फोन का उपयोग भी न करें। मौके पर बीईओ रंगनाथ चौधरी, एसआई अनुराग राजन, साकेत शांडिल्य, अवनीश लोहिया, नरेंद्र परिहार, विवेक दुबे उपस्थित रहे।
छात्रों और एनसीसी कैडेट्स ने भी दिखाया जोश
जालौन। आपदा प्रबंधन और आपात स्थितियों में प्रशासनिक तत्परता की परख के लिए बुधवार को नगर के छत्रसाल इंटर कॉलेज मैदान में मॉकड्रिल का आयोजन किया गया। इस अभ्यास के माध्यम से न सिर्फ विभागीय तैयारी का मूल्यांकन किया गया, बल्कि आमजन को भी संकट की घड़ी में संयम, अनुशासन और सतर्कता बनाए रखने के निर्देश दिए गए। एसडीएम विनय मौर्य, सीओ शैलेंद्र बाजपेई, कोतवाली प्रभारी अजीत सिंह, स्वास्थ्य विभाग, पुलिस, फायर ब्रिगेड और अन्य विभागों की टीमें मौजूद रहीं। मॉकड्रिल के दौरान एक काल्पनिक आतंकी हमले की स्थिति उत्पन्न की गई, जिसमें घायल नागरिकों को एंबुलेंस की सहायता से तत्काल चिकित्सा केंद्र तक पहुंचाया गया। एसडीएम ने कहा कि मॉकड्रिल सुरक्षा दृष्टिकोण से एक महत्वपूर्ण अभ्यास है, जिससे न केवल विभागीय तैयारियों की जांच होती है, बल्कि आम जनता को जागरूक कर उन्हें भी आपात हालात में सहयोगी बनाया जाता है। अभ्यास के दौरान घायलों को स्ट्रेचर के माध्यम से सुरक्षित स्थानों तक ले जाने, प्राथमिक उपचार देने, आग बुझाने और स्थिति को नियंत्रित करने की पूरी प्रक्रिया का बारीकी से प्रदर्शन किया गया। विद्यालय के एनसीसी कैडेट्स और छात्र-छात्राओं ने भी बड़ी रुचि के साथ अभ्यास में भाग लिया और राहत कार्यों में सहयोग किया। सीओ शैलेंद्र बाजपेई ने कहा कि मॉकड्रिल का मुख्य उद्देश्य लोगों के बीच आपदा की स्थिति में घबराहट कम करना और उन्हें संयम व सूझबूझ से काम लेने के लिए तैयार करना है।
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तत्काल दमकल की टीम सीढ़ी लगाकर कर्मचारी को सुरक्षित नीचे उतार लाई। 20 मीटर दूरी से पानी की तेज बौछारों के जरिये आग पर काबू पाया। इस पूरे अभ्यास में एनसीसी, एनएसएस और रिटायर्ड आर्मी एसोसिएशन के सदस्य भी सक्रिय रूप से शामिल रहे। छात्र-छात्राएं और शिक्षकों ने राहत एवं बचाव कार्य को नजदीक से देखा। उन्हें आपदा के समय किन-किन सावधानियों को अपनाना चाहिए, इसकी जानकारी दी गई। इस दौरान छात्रों ने जय हिंद, हम तैयार हैं, जैसे नारे लगाए और तिरंगा झंडा लहराकर सुरक्षा बलों और अधिकारियों का उत्साहवर्धन किया। इस दौरान जिलाधिकारी राजेश कुमार पांडेय, पुलिस अधीक्षक डॉ. दुर्गेश कुमार, एडीएम संजय कुमार, अपर पुलिस अधीक्षक प्रदीप कुमार वर्मा, सीओ अर्चना सिंह, सीएमओ डॉ. नरेंद्र देव शर्मा मौजूद रहे।
मॉकड्रिल के बाद अस्पताल में घायलों का किया गया इलाज
जिला अस्पताल में भी मॉकड्रिल का आयोजन किया गया। एनसीसी कैडेट एंबुलेंस से घायलों को लेकर पहुंचे। वहां पहले से अलर्ट स्वास्थ्य टीम ने सभी घायलों को जिला अस्पताल की इमरजेंसी में ले गए। इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर डॉ. सुजीत राजपूत ने घायलों का इलाज शुरू किया। उन्होंने स्टाफ से कहा कि वह भीड़ को अंदर न आने दें। साथ ही बाहर मौजूद लोगों को शांत कराएं। घायलों को जांच करने के बाद उन्हें पट्टी आदि बांधी गई। सीएमएस डॉ. आनंद उपाध्याय ने बताया कि इमरजेंसी में स्टाफ और एनसीसी कैडेट एवं एंबुलेंस स्टाफ ने मॉकड्रिल की।
युद्ध जैसी आपात स्थिति से निपटने के उपाए बताए
कोंच। एसआरपी इंटर कॉलेज परिसर और मार्कंडेयश्वर तिराहे पर मॉकड्रिल हुआ। इसमें युद्ध जैसी स्थिति में राहत और बचाव कार्य कैसे किए जाएं, इसका प्रदर्शन किया गया। इस अवसर पर एसडीएम ज्योति सिंह, सीओ परमेश्वर प्रसाद व कोतवाल विजय कुमार पांडे की मौजूदगी में मॉकड्रिल की बारीकियों को विस्तार से बताया गया। फायर ब्रिगेड और एंबुलेंस की टीमों की मौजूदगी में अधिकारियों ने बताया कि युद्ध या किसी भी आपदा की स्थिति में सबसे पहली आवश्यकता सतर्कता और सजगता की होती है। जैसे ही पहला सायरन बजे, लोगों को अलर्ट हो जाना चाहिए और अपने सुरक्षित स्थान की ओर बढ़ना चाहिए। दूसरे सायरन के साथ ही जमीन पर लेट जाना चाहिए, अपने कान और मुंह को बंद कर लेना चाहिए तथा यदि संभव हो तो मुंह में कपड़ा भी रख लेना चाहिए। जहां आग लगी हो, वहां सावधानीपूर्वक आग बुझाने का प्रयास करें। जरूरत पड़े तो फायर ब्रिगेड की मदद लें। एसडीएम ने मॉकड्रिल के दौरान कहा कि ब्लैक आउट की स्थिति में सभी लाइटें बंद कर दें, खिड़की और दरवाजे बंद करके उन पर मोटे पर्दे डालें ताकि रोशनी की कोई किरण बाहर न जा सके। इस दौरान मोबाइल फोन का उपयोग भी न करें। मौके पर बीईओ रंगनाथ चौधरी, एसआई अनुराग राजन, साकेत शांडिल्य, अवनीश लोहिया, नरेंद्र परिहार, विवेक दुबे उपस्थित रहे।
छात्रों और एनसीसी कैडेट्स ने भी दिखाया जोश
जालौन। आपदा प्रबंधन और आपात स्थितियों में प्रशासनिक तत्परता की परख के लिए बुधवार को नगर के छत्रसाल इंटर कॉलेज मैदान में मॉकड्रिल का आयोजन किया गया। इस अभ्यास के माध्यम से न सिर्फ विभागीय तैयारी का मूल्यांकन किया गया, बल्कि आमजन को भी संकट की घड़ी में संयम, अनुशासन और सतर्कता बनाए रखने के निर्देश दिए गए। एसडीएम विनय मौर्य, सीओ शैलेंद्र बाजपेई, कोतवाली प्रभारी अजीत सिंह, स्वास्थ्य विभाग, पुलिस, फायर ब्रिगेड और अन्य विभागों की टीमें मौजूद रहीं। मॉकड्रिल के दौरान एक काल्पनिक आतंकी हमले की स्थिति उत्पन्न की गई, जिसमें घायल नागरिकों को एंबुलेंस की सहायता से तत्काल चिकित्सा केंद्र तक पहुंचाया गया। एसडीएम ने कहा कि मॉकड्रिल सुरक्षा दृष्टिकोण से एक महत्वपूर्ण अभ्यास है, जिससे न केवल विभागीय तैयारियों की जांच होती है, बल्कि आम जनता को जागरूक कर उन्हें भी आपात हालात में सहयोगी बनाया जाता है। अभ्यास के दौरान घायलों को स्ट्रेचर के माध्यम से सुरक्षित स्थानों तक ले जाने, प्राथमिक उपचार देने, आग बुझाने और स्थिति को नियंत्रित करने की पूरी प्रक्रिया का बारीकी से प्रदर्शन किया गया। विद्यालय के एनसीसी कैडेट्स और छात्र-छात्राओं ने भी बड़ी रुचि के साथ अभ्यास में भाग लिया और राहत कार्यों में सहयोग किया। सीओ शैलेंद्र बाजपेई ने कहा कि मॉकड्रिल का मुख्य उद्देश्य लोगों के बीच आपदा की स्थिति में घबराहट कम करना और उन्हें संयम व सूझबूझ से काम लेने के लिए तैयार करना है।