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Jalaun News: अवैध वसूली की शिकायत के बाद लेबर रूम से हटाया गया स्टाफ
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उरई। जिला महिला अस्पताल में प्रसव के नाम पर मरीजों के परिजनों से अवैध वसूली की शिकायतें मिलने के बाद अस्पताल प्रशासन सख्त हो गई है। प्रभारी सीएमएस डॉ. संजीव प्रभाकर ने शिकायत मिलने के बाद ड्यूटी पर तैनात स्टाफ को लेबर रूम से हटा दिया है। साथ ही संबंधित स्टाफ से स्पष्टीकरण मांगा गया है। इसके साथ ही प्रसूता से ली गई धनराशि उनसे वापस कराई गई है।
बता दें कि शनिवार की सुबह डीएम राजेश कुमार पांडेय के निरीक्षण के दौरान महिला अस्पताल के वार्ड में भर्ती कुइया गांव निवासी रिंकी ने बताया कि 24 दिसंबर की रात डिलीवरी के नाम पर लेबर रूम में तैनात दो नर्सों ने तीन हजार रुपये लेने के आरोप लगाया था। परासन गांव की खुशबू ने बताया कि 1200 रुपये वसूलने की बात कही थी। इस पर डीएम ने सीएमऔ व प्रभारी सीएमएस डॉ. संजीव प्रभाकर से नाराजगी जताते हुए अवैध रूप से पैसे लेने वाले कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए थे। इसके पहले 21 मई को महिला आयोग की सदस्य अर्चना पटेल के निरीक्षण के दौरान भी लेबर रूम में वसूली की शिकायतें हुई थीं। उस समय जांच टीम ने ड्यूटी पर तैनात स्टाफ नर्स लक्ष्मी, अरुणा, वंदना और एक वार्ड आया को लेबर रूम की ड्यूटी से हटा दिया था। हालांकि दो-तीन महीने बाद इन्हीं कर्मचारियों की फिर से लेबर रूम में तैनाती कर दी गई, जिसके बाद वसूली का खेल दोबारा शुरू हो गया था। प्रभारी सीएमएस का कहना है कि उस दिन ड्यूटी में तैनात रहे स्टाफ की लेबर रूम से ड्यूटी लगा दी गई है। सभी से स्पष्टीकरण मांगा गया है।
एलआईयू सक्रिय, दागी स्टाफ को चिह्नित करने का काम शुरू
डीएम की सख्ती के बाद एलआईयू (स्थानीय अभिसूचना इकाई) सकि्रय हो गई है। एलआईयू ने अस्पताल में प्रसव के नाम पर होने वाली वसूली के लिए दागी स्टाफ को चिह्नित करना शुरू कर दिया है। जिन मरीजों ने शिकायत की थी, उनकी जानकारी जुटानी शुरू कर दी है। दागी स्टाफ को बार बार लेबर रूम में क्यों लगाया जा रहा है, इसकी भी खोजबीन शुरू हो गई है।
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बता दें कि शनिवार की सुबह डीएम राजेश कुमार पांडेय के निरीक्षण के दौरान महिला अस्पताल के वार्ड में भर्ती कुइया गांव निवासी रिंकी ने बताया कि 24 दिसंबर की रात डिलीवरी के नाम पर लेबर रूम में तैनात दो नर्सों ने तीन हजार रुपये लेने के आरोप लगाया था। परासन गांव की खुशबू ने बताया कि 1200 रुपये वसूलने की बात कही थी। इस पर डीएम ने सीएमऔ व प्रभारी सीएमएस डॉ. संजीव प्रभाकर से नाराजगी जताते हुए अवैध रूप से पैसे लेने वाले कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए थे। इसके पहले 21 मई को महिला आयोग की सदस्य अर्चना पटेल के निरीक्षण के दौरान भी लेबर रूम में वसूली की शिकायतें हुई थीं। उस समय जांच टीम ने ड्यूटी पर तैनात स्टाफ नर्स लक्ष्मी, अरुणा, वंदना और एक वार्ड आया को लेबर रूम की ड्यूटी से हटा दिया था। हालांकि दो-तीन महीने बाद इन्हीं कर्मचारियों की फिर से लेबर रूम में तैनाती कर दी गई, जिसके बाद वसूली का खेल दोबारा शुरू हो गया था। प्रभारी सीएमएस का कहना है कि उस दिन ड्यूटी में तैनात रहे स्टाफ की लेबर रूम से ड्यूटी लगा दी गई है। सभी से स्पष्टीकरण मांगा गया है।
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एलआईयू सक्रिय, दागी स्टाफ को चिह्नित करने का काम शुरू
डीएम की सख्ती के बाद एलआईयू (स्थानीय अभिसूचना इकाई) सकि्रय हो गई है। एलआईयू ने अस्पताल में प्रसव के नाम पर होने वाली वसूली के लिए दागी स्टाफ को चिह्नित करना शुरू कर दिया है। जिन मरीजों ने शिकायत की थी, उनकी जानकारी जुटानी शुरू कर दी है। दागी स्टाफ को बार बार लेबर रूम में क्यों लगाया जा रहा है, इसकी भी खोजबीन शुरू हो गई है।
