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आज से पुरानी व्यवस्था से मंगा सकेंगे माल

अमर उजाला ब्यूरो Updated Sat, 10 Feb 2018 12:39 AM IST
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aaj se purani vibasta se aayma mal
truck, jhansi news - फोटो : demo
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दूसरे प्रांत से माल मंगाने और भेजने के लिए बनाई गई सेंट्रल ई-वे बिल व्यवस्था के स्थगित होने के बाद दस फरवरी से पुरानी ई-वे बिल व्यवस्था पर ही कारोबारी माल मंगा सकेंगे। पुरानी व्यवस्था शुक्रवार की रात 12 बजे लागू हो गई। अब प्रदेश की सीमा के बाहर माल ले जाने के लिए बहती बनवानी होगी।
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50 हजार से अधिक का माल मंगाने केलिए कई तरह के फार्म होने की वजह से व्यापारियों को समस्या हो रही थी। उन्हें इससे निजात दिलाने के लिए सेंट्रल ई-वे बिल व्यवस्था एक फरवरी से लागू की गई। मगर, तकनीकी खामियों के कारण इस व्यवस्था को दूसरे दिन ही स्थगित कर दिया गया। दो फरवरी तक बाद से कारोबारी बिल और बिल्टी पर ही माल मंगा और भेज रहे थे। प्रदेश सरकार ने शुक्रवार की रात 12 बजे से ई-वे बिल की पुरानी व्यवस्था को ही बहाल कर दिया। कारोबारी को अब माल मंगाने और भेजने के लिए ई-वे बिल लगाना जरूरी हो गया। ई-वे बिल में गाड़ी नंबर भी होना जरूरी है।
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‘ सेंट्रल ई-वे बिल के स्थगित होने के कारण पुरानी व्यवस्था को बहाल किया गया है। सेंट्रल ई-वे बिल लागू होने पर यह व्यवस्था समाप्त हो जाएगी। प्रदेश सरकार का पुरानी व्यवस्था लागू करने का उद्देश्य टैक्स चोरी पर लगाम कसना है।’
एसएस मिश्रा, ज्वाइंट कमिश्नर (कार्यपालक)।

ऐसे मंगाते हैं सामान
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- उत्तर प्रदेश के बाहर के किसी स्थान से प्रदेश के अंदर 50,000 रुपये अथवा उससे अधिक मूल्य के माल को मंगाने पर ई-वे बिल 01 लगाना पड़ेगा।
- उत्तर प्रदेश के अंदर या दूसरे प्रदेश में एक लाख रुपये या उससे अधिक मूल्य के मेंथा ऑयल, सुपारी, लोहा और इस्पात तथा सभी प्रकार के खाद्य तेल व वनस्पति घी ई-वे बिल 02 लगाना पड़ेगा।
- उत्तर प्रदेश के अंदर ई-कामर्स ऑपरेटरों अथवा उनके द्वारा अधिकृत कोरियर अभिकर्ताओं से माल मंगाने पर ई-वे बिल 03 लगाना पड़ेगा।
- उत्तर प्रदेश की सीमा से 50000 रुपये या उससे अधिक मूल्य का माल निकालने (दूसरे प्रांत से दूसरे प्रांत तक) पर टीडीएफ-01 फार्म (बहती) जनरेट करना पड़ेगा।
 - यदि कोई व्यक्ति अपने व्यक्तिगत उपयोग के लिए निजी वाहन से व्यक्तिगत सामान के रूप में या किसी सार्वजनिक यात्री परिवहन वाहन के माध्यम से अपने पहचान संबंधी दस्तावेजों के साथ 50,000 रुपये से कम मूल्य का माल लाता है तो इसमें ई-वे बिल 01 की आवश्यकता नहीं है।

50 हजार हैं पंजीकृत व्यापारी
झांसी जोन में झांसी, ललितपुर, जालौन- उरई, बांदा, हमीरपुर, महोबा और चित्रकूट जिले आते हैं। जोन में 50 हजार पंजीकृत व्यापारी हैं, जिसमें अकेले 20 हजार झांसी जनपद में हैं।
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