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Jhansi: मंदिर के बगल में तो कहीं घर के नीचे चल रहा ठेका, धर्माचार्य बोले- सख्ती से हो नियमों का पालन

अमर उजाला नेटवर्क, झांसी Published by: दीपक महाजन Updated Wed, 03 Dec 2025 12:14 PM IST
सार

शहर के बीचों-बीच मंदिरों के पास ही नहीं घर के नीचे भी शराब के ठेके चल रहे हैं। धर्माचार्यों ने आपत्ति जताते हुए ठेका हटवाने की मांग की है। उनका कहना है कि नियम विरुद्ध विद्यालय और मंदिरों के आसपास ठेका चलने से लोगों में असुरक्षा की भावना बढ़ती है।
 

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Jhansi: Contracts are running somewhere next to the temple and somewhere under the house.
इलाइट से स्टेशन मार्ग पर मंदिर के बगल में बार - फोटो : संवाद
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विस्तार
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शहर के बीचों-बीच मंदिरों के पास ही नहीं घर के नीचे भी शराब के ठेके चल रहे हैं। धर्माचार्यों ने आपत्ति जताते हुए ठेका हटवाने की मांग की है। उनका कहना है कि नियम विरुद्ध विद्यालय और मंदिरों के आसपास ठेका चलने से लोगों में असुरक्षा की भावना बढ़ती है।
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शैक्षणिक संस्थान के पास शराब की दुकान
नियमत: शैक्षणिक संस्थान, अस्पताल, धार्मिक स्थल, घरों के आसपास शराब के ठेके नहीं होने चाहिए। नगर निगम सीमा के अंदर धार्मिक स्थान एवं शैक्षणिक संस्थान से 50 मीटर के अंदर शराब की दुकान नहीं हो सकती जबकि हाईवे से इसकी दूरी 220 मीटर होनी चाहिए। रिहायशी मकान के पास भी शराब का ठेका नहीं खोल सकते। मगर शहर में कई ठेके इन्हीं के आसपास चल रहे हैं, जिससे लोगों को काफी दिक्कत होती है। प्रभावशाली लोगों का ठेका होने से आम नागरिक मुंह खोलने से कतराता है।
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Jhansi: Contracts are running somewhere next to the temple and somewhere under the house.
आशिक चौराहे के पास मंदिर के बगल में अंग्रेजी शराब की दुकान - फोटो : संवाद
मंदिर के पास ठेका
आंतिया ताल के पास मंदिर से तीन-चार कदम की दूरी पर ही ठेका है। यही नहीं ठेके के ऊपर रिहायशी मकान है और परिवार रहते हैं। अशोका तिराहे पर शहर का प्रतिष्ठित नारायण मंदिर है, जहां सुबह-शाम काफी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। इस मंदिर से चंद कदम की दूरी पर एक नहीं शराब के दो ठेके हैं।

यह कहना है धर्माचार्यों का
मंदिर-विद्यालयों के पास शराब की दुकानें होने से असामाजिक तत्वों का जमावड़ा होता है। इससे श्रद्धालुओं और विद्यार्थियों को दिक्कत होती है।- महंत मार्तंड स्वामी

स्कूल व मंदिरों के पास भी शराब की दुकानें नहीं होनी चाहिए। इससे भक्तों को आने-जाने में परेशानी होती है। श्रद्धालु असुविधा महसूस करते हैं। छात्रों पर इसका गलत प्रभाव पड़ता है। चंद्रप्रकाश नैनवानी, अध्यक्ष, हरे माधव परमार्थ सत्संग समिति

सार्वजनिक स्थानों व मंदिरों के समीप से शराब की दुकानें हटनी चाहिए। इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। असुरक्षा की भावना बढ़ाती है। नियमों का सख्ती से पालन हो। हरिओम थापक, धर्माचार्य एवं ज्योतिषविद
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