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Jhansi: साइबर ठगी से मिली रकम से क्रिप्टो खरीद रहे जालसाज, 300 से अधिक म्यूल खातों की छानबीन कर रही पुलिस
अमर उजाला नेटवर्क, झांसी
Published by: दीपक महाजन
Updated Mon, 24 Nov 2025 01:04 PM IST
सार
झांसी के तीन बैंकों में उजागर हुए 300 से अधिक म्यूल खातों की जांच के दौरान पुलिस को कई चौंकाने वाली बात मालूम चली है। खाते खंगालने पर पता चला कि साइबर ठगी के जरिये बैंकों में पैसा जमा होने के बाद उसकी मदद से क्रिप्टो करेंसी खरीदी जा रही है।
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क्रिप्टो करेंसी, सांकेतिक
- फोटो : amar ujala
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विस्तार
झांसी के तीन बैंकों में उजागर हुए 300 से अधिक म्यूल खातों की जांच के दौरान पुलिस को कई चौंकाने वाली बात मालूम चली है। कई बैंकों के खाते खंगालने पर पता चला कि साइबर ठगी के जरिये बैंकों में पैसा जमा होने के बाद उसकी मदद से क्रिप्टो करेंसी खरीदी जा रही है। पुलिस को कुछ दिनों पहले पकड़े गए साइबर जालसाजों से यहां खुले म्यूल खातों के बारे में पता चला था।
ठगी की रकम का का क्रिप्टो करेंसी में इस्तेमाल
जालसाजों ने बताया कि वे लोगों को अपने जाल में फंसाकर उनके खाते खुलवाते हैं। इसके बाद उनके खाते का संचालन अपने हाथ में लेते हैं। इसके लिए किराया या प्रतिशत में रुपये दिए जाते हैं। इनका इस्तेमाल साइबर अपराध से हड़पी गई रकम को ट्रांसफर करने में होता है। ट्रेडिंग, ऑनलाइन पार्ट टाइम जॉब, डिजिटल अरेस्ट जैसे तरीकों से फंसाकर साइबर फ्रॉड करते थे। फ्रॉड की रकम से आरोपी क्रिप्टो करेंसी खरीदते थे।
पुलिस कर रही पड़ताल
आरोपी खास तौर पर एथेरियम, यूएसडीटी, सोलो व अन्य डिजिटल करेंसी में डील करते थे। ऑनलाइन क्रिप्टो करेंसी खरीदकर उसको ऑनलाइन ही ऊंचे दाम में बेच देते थे। साइबर विशेषज्ञ डा. राजीव त्रिपाठी का कहना है कि इससे पुलिस से भी बच जाते हैं। सीओ साइबर रामवीर सिंह का कहना है कि कई म्यूल खाते प्रकाश में आने के बाद पुलिस अब दूसरे बैंकों में भी पड़ताल कर रही है।
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ठगी की रकम का का क्रिप्टो करेंसी में इस्तेमाल
जालसाजों ने बताया कि वे लोगों को अपने जाल में फंसाकर उनके खाते खुलवाते हैं। इसके बाद उनके खाते का संचालन अपने हाथ में लेते हैं। इसके लिए किराया या प्रतिशत में रुपये दिए जाते हैं। इनका इस्तेमाल साइबर अपराध से हड़पी गई रकम को ट्रांसफर करने में होता है। ट्रेडिंग, ऑनलाइन पार्ट टाइम जॉब, डिजिटल अरेस्ट जैसे तरीकों से फंसाकर साइबर फ्रॉड करते थे। फ्रॉड की रकम से आरोपी क्रिप्टो करेंसी खरीदते थे।
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पुलिस कर रही पड़ताल
आरोपी खास तौर पर एथेरियम, यूएसडीटी, सोलो व अन्य डिजिटल करेंसी में डील करते थे। ऑनलाइन क्रिप्टो करेंसी खरीदकर उसको ऑनलाइन ही ऊंचे दाम में बेच देते थे। साइबर विशेषज्ञ डा. राजीव त्रिपाठी का कहना है कि इससे पुलिस से भी बच जाते हैं। सीओ साइबर रामवीर सिंह का कहना है कि कई म्यूल खाते प्रकाश में आने के बाद पुलिस अब दूसरे बैंकों में भी पड़ताल कर रही है।