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Jhansi: ग्वालियर स्टेट की अरबों की जमीन पर उत्तर प्रदेश का दावा, नहीं हो पा रहा 350 करोड़ की जमीन का इस्तेमाल

संवाद न्यूज एजेंसी, झांसी Published by: दीपक महाजन Updated Tue, 25 Nov 2025 12:15 PM IST
सार

उनाव रोड और ग्वालियर-झांसी हाईवे के बीच में स्थित अरबों की जमीन पर झांसी प्रशासन ने दावा किया है। न तो जमीन बिक पा रही है, न ही उसका सही इस्तेमाल हो रहा है।

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Jhansi: Uttar Pradesh claims land worth billions belonging to Gwalior State
लोक निर्माण विभाग दतिया का बदहाल गेट - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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उनाव रोड और ग्वालियर-झांसी हाईवे के बीच में स्थित अरबों की जमीन पर झांसी प्रशासन ने दावा किया है। न तो जमीन बिक पा रही है, न ही उसका सही इस्तेमाल हो रहा है। राज्य बंटवारे के समय ग्वालियर स्टेट के हिस्से में दी गई जमीन झांसी नगर निगम सीमा क्षेत्र में है जिसे स्थानीय प्रशासन नजूल की संपत्ति होने का दावा करता है। उधर, दतिया लोक निर्माण विभाग का दावा है कि यह जमीन उनके दस्तावेज में परान कोठी के नाम से दर्ज है। इस बेशकीमती जमीन पर अतिक्रमण भी हो रहा है। हाल में इसकी चर्चा मुख्य सचिव स्तर पर हुई है पर कोई नतीजा सामने नहीं आया है।
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ग्वालियर-झांसी हाईवे किनारे रेलवे ओवरब्रिज के पास 34 बीघा जमीन पर फिलहाल मध्य प्रदेश के दतिया जिले के लोक निर्माण विभाग का कब्जा है लेकिन झांसी जिला प्रशासन भी इस पर अपना दावा ठोक रहा है। करीब 350 करोड़ रुपये कीमत की इस जमीन के कब्जे को लेकर दोनों प्रदेश के शीर्ष अधिकारी मंथन कर रहे हैं। पिछले हफ्ते इस पर चर्चा करने के लिए मप्र के लोक निर्माण विभाग के अतिरिक्त प्रमुख सचिव व दतिया के ईई आदित्य सोनी लखनऊ पहुंचे थे लेकिन कोई निर्णय सामने नहीं आया। इसके चलते इस बेशकीमती जमीन का इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है।
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जमीन के अंदर लगा बोर्ड - फोटो : अमर उजाला
खसरे में जिलाधिकारी झांसी जमीन के प्रबंधक
बताया गया कि राज्य बंटवारे के समय यह जमीन ग्वालियर स्टेट के हिस्से में आई थी। मकसद था कि यहां आने वाले अतिथि रेस्ट हाउस में ठहरें। तब से मध्य प्रदेश सरकार इस पर अपना कब्जा मान रही है। प्रदेश सरकार के पास उर्दू में एक पत्र है, उसमें लिखा हुआ है कि यह ग्वालियर स्टेट की जमीन है। यह जमीन दतिया के खाते में है लेकिन उस दस्तावेज पर कोई हस्ताक्षर नहीं है। वहीं खसरे के अनुसार जिलाधीश झांसी इस जमीन के प्रबंधक हैं। यह जमीन मध्य भारत के लिए दी गई थी।

झांसी तहसीलदार का अपना दावा
सन 1985 में झांसी परगना के तहसीलदार ने एक पत्र जारी किया था। उसके अनुसार तत्कालीन ग्वालियर रियासत को जमीन दी गई थी। इसमें केवल रेस्ट हाउस की जगह उनके लिए थी। बाकी जमीन पर उन्होंने अवैध रूप से निर्माण कर लिया। जबकि यह उत्तर प्रदेश की नजूल की संपत्ति है। तहसीलदार की आख्या बताती है कि यह जमीन उत्तर प्रदेश की है। झांसी सदर के एसडीएम गोपेश तिवारी का कहना है कि मामला दो राज्यों के बीच का है। लिहाजा इस बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता।

नयागांव मौजे में है जमीन
इस जमीन का सर्वे क्रमांक 773, 776, 777, 778, 784, 705 है। इसमें 783 नंबर में 1321.4 वर्ग मीटर जमीन में मप्र लोक निर्माण विभाग का रेस्ट हाउस बना हुआ है। कुल रकबा 13500 वर्ग मीटर है। बाकी जमीन खाली है। 2021 में लोक निर्माण विभाग ने तीन चार्टर्ड अकाउंटेंट से जमीन का मूल्यांकन कराया तो इसकी कीमत 350 करोड़ रुपये आंकी गई।



ग्वालियर-झांसी हाईवे किनारे पर 34 बीघा जमीन पर एमपी के लोक निर्माण विभाग का कब्जा है लेकिन यूपी का भी दावा...


 

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गेस्ट हाउस के बाहर अतिक्रमण - फोटो : अमर उजाला
कई जगह अतिक्रमण
अब जगह-जगह इसकी चहारदीवारी टूट गई है। उनाव रोड की तरफ अवैध रूप से कई जगह कब्जा हो चुका है। ग्वालियर हाईवे के पास भी कुछ लोगों ने कब्जा कर रखा है। झांसी रेस्टहाउस की देखभाल की जा रही है। इसकी चहारदीवारी बनी हुई है।

झांसी में मध्य प्रदेश सरकार की जमीन है और रेस्ट हाउस भी बना हुआ है। रेस्टहाउस की देखभाल की जा रही है। इसकी चहारदीवारी बनी हुई है। अगर जमीन पर कब्जा है तो इसे हटाया जाएगा।
- आदित्य कुमार सोनी, कार्यपालन यंत्री, लोक निर्माण विभाग, दतिया
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