{"_id":"69280dfc989b3c20110cd63e","slug":"jhansi-weight-reduced-by-7-kg-without-any-restriction-on-food-2025-11-27","type":"story","status":"publish","title_hn":"Jhansi: खानपान पर बिना पाबंदी 7 किलो तक घटा वजन, मेडिकल कॉलेज में मोटापा कम करने पर हुआ शोध","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Jhansi: खानपान पर बिना पाबंदी 7 किलो तक घटा वजन, मेडिकल कॉलेज में मोटापा कम करने पर हुआ शोध
अमर उजाला नेटवर्क, झांसी
Published by: दीपक महाजन
Updated Thu, 27 Nov 2025 02:08 PM IST
सार
ट्रांस क्रेनियल मैग्नेटिक स्टिम्युलेशन शोध में चौंकाने वाले नतीजे सामने आए हैं। शोध निष्कर्ष साझा करते हुए मेडिसिन विभाग के डॉ. जकी सिद्दीकी ने बताया कि 30 मरीजों के खान-पान पर पाबंदी लगाए बिना ही 2 से 7 किलो तक वजन में कमी दर्ज की गई है।
विज्ञापन
मोटापा
- फोटो : Adobe stock
विज्ञापन
विस्तार
महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में मोटापा कम करने के लिए चल रहे ट्रांस क्रेनियल मैग्नेटिक स्टिम्युलेशन (टीएमएस) शोध में चौंकाने वाले नतीजे सामने आए हैं। शोध निष्कर्ष साझा करते हुए मेडिसिन विभाग के डॉ. जकी सिद्दीकी ने बताया कि 30 मरीजों के खान-पान पर पाबंदी लगाए बिना ही 2 से 7 किलो तक वजन में कमी दर्ज की गई है। मेडिकल काॅलेज में इस पर दो साल से शोध चल रहा है। शुरुआती नतीजे बताते हैं कि यह तकनीक मोटापा के इलाज में कारगर साबित हो सकती है। डॉ. जकी सिद्दीकी ने बताया कि यह तकनीक मस्तिष्क के उन हिस्सों पर चुंबकीय तरंगों के माध्यम से प्रभाव डालती है जो भूख और खान-पान से जुड़े व्यवहार को नियंत्रित करते हैं।
शुरुआती अध्ययन में टीएमएस तकनीक की मदद से शुगर, बीपी और काेलेस्ट्राेल के रोगियों की अनियंत्रित भूख में कमी और भोजन सेवन पर नियंत्रण देखा गया है। इससे 30 रोगियों के वजन घटाने में सकारात्मक संकेत मिले हैं। उन्होंने बताया कि वैश्विक पत्रिका एशियन जर्नल्स ऑफ मेडिकल साइंस ने इस शोध को प्रकाशित करने के लिए मंजूर कर लिया है। उनका मानना है कि यदि आगे के परीक्षण भी सफल रहे तो यह तकनीक खासकर उन मरीजों के उपचार में नई दिशा प्रदान कर सकती है जिन पर पारंपरिक खानपान और व्यायाम के तरीके सीमित प्रभाव दिखाते हैं।
ऐसे किया गया शोध
डॉ. जकी ने बताया कि 2023 में अक्तूबर में शुरू किए गए शोध में 30 मरीजों को शामिल किया गया। जिनका वजन मानक से ज्यादा था और वे लिवर, शुगर, थायराइड, हाई ब्लड प्रेशर समेत अन्य बीमारियों से पीड़ित थे। उन्हें सामान्य तरह से रहन-सहन के लिए कहा गया। खाने-पीने पर कोई पाबंदी नहीं लगाई गई। शोध के दौरान इनके मिड ब्रेन (जहां भूख के संकेत मिलते हैं) को ट्रांस क्रेनियल मैग्नेटिक स्टिम्युलेशन (चुंबकीय किरणों) से उपचारित किया। इससे न केवल मरीजों की भूख कम हो गई बल्कि उनकी पाचन शक्ति में भी सुधार हुआ। इन मरीजों को हर माह चार यानी तीन माह में 12 बार टीएमएस किया गया। परिणाम यह हुआ कि 10 मरीजों का 6 से 7 किलो, 10 मरीजों का 4 से 5 किलो और शेष 10 मरीजों का वजन 2 से 3 किलो कम हुआ। इस दाैरान लोगों को न कमजोरी महसूस हुई और न अन्य तरह की दिक्कत हुई। टीएमएस के बाद अन्य बीमारियों में भी सुधार देखा गया।
Trending Videos
शुरुआती अध्ययन में टीएमएस तकनीक की मदद से शुगर, बीपी और काेलेस्ट्राेल के रोगियों की अनियंत्रित भूख में कमी और भोजन सेवन पर नियंत्रण देखा गया है। इससे 30 रोगियों के वजन घटाने में सकारात्मक संकेत मिले हैं। उन्होंने बताया कि वैश्विक पत्रिका एशियन जर्नल्स ऑफ मेडिकल साइंस ने इस शोध को प्रकाशित करने के लिए मंजूर कर लिया है। उनका मानना है कि यदि आगे के परीक्षण भी सफल रहे तो यह तकनीक खासकर उन मरीजों के उपचार में नई दिशा प्रदान कर सकती है जिन पर पारंपरिक खानपान और व्यायाम के तरीके सीमित प्रभाव दिखाते हैं।
विज्ञापन
विज्ञापन
ऐसे किया गया शोध
डॉ. जकी ने बताया कि 2023 में अक्तूबर में शुरू किए गए शोध में 30 मरीजों को शामिल किया गया। जिनका वजन मानक से ज्यादा था और वे लिवर, शुगर, थायराइड, हाई ब्लड प्रेशर समेत अन्य बीमारियों से पीड़ित थे। उन्हें सामान्य तरह से रहन-सहन के लिए कहा गया। खाने-पीने पर कोई पाबंदी नहीं लगाई गई। शोध के दौरान इनके मिड ब्रेन (जहां भूख के संकेत मिलते हैं) को ट्रांस क्रेनियल मैग्नेटिक स्टिम्युलेशन (चुंबकीय किरणों) से उपचारित किया। इससे न केवल मरीजों की भूख कम हो गई बल्कि उनकी पाचन शक्ति में भी सुधार हुआ। इन मरीजों को हर माह चार यानी तीन माह में 12 बार टीएमएस किया गया। परिणाम यह हुआ कि 10 मरीजों का 6 से 7 किलो, 10 मरीजों का 4 से 5 किलो और शेष 10 मरीजों का वजन 2 से 3 किलो कम हुआ। इस दाैरान लोगों को न कमजोरी महसूस हुई और न अन्य तरह की दिक्कत हुई। टीएमएस के बाद अन्य बीमारियों में भी सुधार देखा गया।