{"_id":"68c871bfb2c5662a0f0f57d4","slug":"even-after-standing-in-line-early-in-the-morning-farmers-did-not-get-fertilizer-they-created-a-ruckus-kannauj-news-c-214-1-knj1006-137335-2025-09-16","type":"story","status":"publish","title_hn":"Kannauj News: तड़के लाइन में लगने के बाद भी नहीं मिली खाद, किसानों ने किया हंगामा","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Kannauj News: तड़के लाइन में लगने के बाद भी नहीं मिली खाद, किसानों ने किया हंगामा
संवाद न्यूज एजेंसी, कन्नौज
Updated Tue, 16 Sep 2025 01:36 AM IST
विज्ञापन

विज्ञापन
तालग्राम। तालग्राम में सहकारी समिति सचिव की मनमानी के चलते किसानों को सुबह से ही लाइन में लगने के बाद खाद नहीं मिली। जिस पर आक्रोशित किसानों ने हंगामा किया। किसानों की भीड़ बढ़ते देख सचिव मौके से खिसक गए। किसानों का आरोप है कि सचिव अपने चहेतों को खाद का वितरण कर रहे हैं।
सोमवार को सहकारी समिति तालग्राम में डीएपी वितरण की जानकारी मिलते क्षेत्र के किसान खाद की आस में पहुंच गए। वहीं, सचिव द्वारा अपने चहेतों को मनमाफिक खाद दी गई। जिसे देखकर किसानों में आक्रोश पनप गया। किसानों को उग्र देख सचिव मौके से खिसक गए।
रौसापुर निवासी किसान रघवीर सिंह, मुंडाला निवासी रामनिवास, तिसौली निवासी अरविंद कुमार सहित कई किसानों ने दावा किया कि खाद के लिए चार से पांच दिन से समिति के चक्कर लगा रहे हैं। किसानों का आरोप है कि सचिव अपने चहेतों को भरपूर खाद उपलब्ध करा रहे हैं। किसानों ने बताया कि निजी दुकानों में 1,350 रुपये वाली डीएपी की बोरी 1,600 से 1650 रुपये में मिल रही है।
वहीं, 266.50 रुपये की यूरिया 380 से 400 रुपये में मिल रही है। इससे किसान खासा परेशान हैं। इस संबंध में सचिव सत्यवीर सिंह यादव से जानकारी करने का प्रयास किया गया, लेकिन उनका फोन रिसीव नहीं हुआ।
मुंडाला निवासी रामवीर ने बताया कि कच्ची फसल आलू के लिए खेत तैयार है। कई दिनों से दौड़ रहे, लेकिन समिति पर खाद नहीं मिल रही है। केवल जुगाड़ वालों को सचिव खाद दे रहे हैं। किशनपुर निवासी मेवाराम ने बताया कि भूखे प्यासे सुबह से लाइन में लगे रहे। सचिव अपने चहेतों को अंदर बुलाकर खाद वितरण करते रहे। जब घंटों बाद नंबर आया तो सचिव खिसक गए। रनवां निवासी सूबेदार ने बताया कि खाद वितरण की जानकारी मिली। सुबह लाइन में लग गए और 12 बजे दो बोरी मिली हैं। इससे काम नहीं चलेगा। निजी दुकानदार से महंगे दाम पर लेनी पड़ेगी। नरमऊ निवासी रामचंद्र ने बताया कि बेवजह सचिव परेशान कर रहे हैं। आलू, सरसों की तैयारी के लिए डीएपी खाद की जरूरत है, लेकिन आए दिन कुछ न कुछ बहाना बताकर सचिव टरका दे रहे हैं।
वर्जन
जिले में खाद की कमी नहीं है। सहकारी समिति का औचक निरीक्षण कर खाद वितरण की पारदर्शिता की जांच की जाएगी। दोषी पाएं जाने जाने वाले कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
- संतलाल गुप्ता, जिला कृषि अधिकारी

Trending Videos
सोमवार को सहकारी समिति तालग्राम में डीएपी वितरण की जानकारी मिलते क्षेत्र के किसान खाद की आस में पहुंच गए। वहीं, सचिव द्वारा अपने चहेतों को मनमाफिक खाद दी गई। जिसे देखकर किसानों में आक्रोश पनप गया। किसानों को उग्र देख सचिव मौके से खिसक गए।
विज्ञापन
विज्ञापन
रौसापुर निवासी किसान रघवीर सिंह, मुंडाला निवासी रामनिवास, तिसौली निवासी अरविंद कुमार सहित कई किसानों ने दावा किया कि खाद के लिए चार से पांच दिन से समिति के चक्कर लगा रहे हैं। किसानों का आरोप है कि सचिव अपने चहेतों को भरपूर खाद उपलब्ध करा रहे हैं। किसानों ने बताया कि निजी दुकानों में 1,350 रुपये वाली डीएपी की बोरी 1,600 से 1650 रुपये में मिल रही है।
वहीं, 266.50 रुपये की यूरिया 380 से 400 रुपये में मिल रही है। इससे किसान खासा परेशान हैं। इस संबंध में सचिव सत्यवीर सिंह यादव से जानकारी करने का प्रयास किया गया, लेकिन उनका फोन रिसीव नहीं हुआ।
मुंडाला निवासी रामवीर ने बताया कि कच्ची फसल आलू के लिए खेत तैयार है। कई दिनों से दौड़ रहे, लेकिन समिति पर खाद नहीं मिल रही है। केवल जुगाड़ वालों को सचिव खाद दे रहे हैं। किशनपुर निवासी मेवाराम ने बताया कि भूखे प्यासे सुबह से लाइन में लगे रहे। सचिव अपने चहेतों को अंदर बुलाकर खाद वितरण करते रहे। जब घंटों बाद नंबर आया तो सचिव खिसक गए। रनवां निवासी सूबेदार ने बताया कि खाद वितरण की जानकारी मिली। सुबह लाइन में लग गए और 12 बजे दो बोरी मिली हैं। इससे काम नहीं चलेगा। निजी दुकानदार से महंगे दाम पर लेनी पड़ेगी। नरमऊ निवासी रामचंद्र ने बताया कि बेवजह सचिव परेशान कर रहे हैं। आलू, सरसों की तैयारी के लिए डीएपी खाद की जरूरत है, लेकिन आए दिन कुछ न कुछ बहाना बताकर सचिव टरका दे रहे हैं।
वर्जन
जिले में खाद की कमी नहीं है। सहकारी समिति का औचक निरीक्षण कर खाद वितरण की पारदर्शिता की जांच की जाएगी। दोषी पाएं जाने जाने वाले कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
- संतलाल गुप्ता, जिला कृषि अधिकारी