UP: SP नेता शिवपाल ने ऑपरेशन सिंदूर को बताया दिखावा, बोले- जमीनी हकीकत कुछ और; सुरक्षा एजेंसियों पर उठाए सवाल
शिवपाल ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के नाम पर केंद्र सरकार सिर्फ राजनीति कर रही है। उन्होंने दो टूक कहा कि सरकार को जवाब देना होगा कि सुरक्षा एजेंसियों की चूक से आतंकी भारत में दाखिल कैसे हुए।
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मंगलवार को कस्बा के सांस्कृतिक लॉन में आयोजित समाजवादी पार्टी कार्यकर्ता सम्मेलन में पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल सिंह यादव ने केंद्र सरकार और प्रदेश की भाजपा सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर सेना और सरकार की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए और कहा कि केंद्र को स्पष्ट करना चाहिए कि आखिर आतंकी पहलगाम में कैसे घुसे। अगर घुसे तो पकड़े क्यों नहीं गए। प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि सरकार सिर्फ दिखावे की कार्रवाई कर रही है, जबकि जमीनी सच्चाई कुछ और है।
शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि आज देश और प्रदेश की जनता सरकार की जनविरोधी नीतियों से त्रस्त है। महंगाई, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार चरम पर है। समाज का हर वर्ग किसान, मजदूर, व्यापारी और युवा इस सरकार से नाराज है। उन्होंने कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि पंचायत चुनाव से लेकर विधानसभा चुनाव 2027 तक पूरी ताकत से जुट जाएं। उन्होंने विश्वास जताया कि 2027 में प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार बनेगी और उस सरकार के गठन के बाद हसेरन को तहसील का दर्जा दिया जाएगा।
प्रेस वार्ता के बाद शिवपाल सिंह यादव ने सपा नेता अंशुल गुप्ता के आवास पर पत्रकारों से संवाद किया, जिसमें उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के नाम पर केंद्र सरकार सिर्फ राजनीति कर रही है। उन्होंने दो टूक कहा कि सरकार को जवाब देना होगा कि सुरक्षा एजेंसियों की चूक से आतंकी भारत में दाखिल कैसे हुए। कार्यकर्ता सम्मेलन के पूर्व शिवपाल यादव ने तहसील सभागार में आयोजित बार एसोसिएशन के शपथ ग्रहण समारोह में शिरकत की। उन्होंने नवगठित कार्यकारिणी के अध्यक्ष बृजमोहन सिंह यादव सहित अन्य पदाधिकारियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।
इस अवसर पर उन्होंने अधिवक्ता समाज की भूमिका को अहम बताते हुए कहा कि वकील न्याय व्यवस्था की रीढ़ हैं और उन्हें आम जनता को न्याय दिलाने के लिए सजग रहना होगा। कार्यक्रम में पूर्व विधायक अरविंद सिंह यादव, कलियान सिंह दोहरे, अंशुल गुप्ता, जिलाध्यक्ष कलीम खान, एडवोकेट राजेश श्रीवास्तव समेत बड़ी संख्या में समाजवादी पार्टी के नेता, कार्यकर्ता और अधिवक्ता उपस्थित रहे।